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अन्तर्राष्ट्रीय

नेपाली कांग्रेस के अंदर तगड़ी गुटबाजी, पूर्व PM देउबा के खिलाफ बन रहा माहौल  

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Nepali Congress

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काठमांडू। नेपाली कांग्रेस पार्टी के अंदर गृह युद्ध जैसा माहौल बन गया है। 25 दिसंबर की सुबह तक यह तय माना जा रहा था कि नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन नई सरकार बनाएगा लेकिन प्रधानमंत्री पद को लेकर नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के नेता पुष्प कमल दहल में ऐसा झगड़ा खड़ा हुआ कि दोपहर बाद तक गठबंधन बिखर गया।

तब से देउबा विरोधी गुटों ने पूर्व प्रधानमंत्री को पार्टी प्रमुख पद से हटाने की मुहिम छेड़ रखी है। देउबा ने अपने बचाव में गुरुवार को पार्टी प्रवक्ता प्रकाश शरण महत को आगे किया।

महत ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर देउबा की भूमिका का बचाव किया और गठबंधन टूटने के लिए दहल के अवसरवाद को दोषी ठहराया। उन्होंने दावा कि ‘अवसरवादी ताकतों’ के मेल से मिली नई सरकार ज्यादा दिन नहीं टिकेगी, लेकिन नेपाली कांग्रेस में देउबा विरोधी गुट ऐसी दलीलों को सुनने के लिए तैयार नहीं दिखते।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक वरिष्ठ नेता शेखर कोइराला और पार्टी महासचिव गगन थापा आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। कोइराला-थापा गुट ने गुरुवार को एक बैठक कर अपनी रणनीति को आखिरी रूप दिया। नेपाली कांग्रेस के संसदीय दल की बैठक शनिवार को है। अनुमान है कि इसमें यह गुट देउबा पर सीधा हमला बोलेगा।

नेपाली कांग्रेस की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक 12 जनवरी को है। संभव है कि उसमें भी देउबा गुट और कोइराला-थापा गुटों के बीच सीधा टकराव हो। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कोइराला-थापा गुट ने रणनीति बनाई है कि इन बैठकों में पार्टी के हाथ से सत्ता निकलने का सारा दोष देउबा पर डाला जाएगा।

यह गुट आरोप लगाएगा कि प्रधानमंत्री बनने की देउबा की जिद के कारण न सिर्फ पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन बिखर गया, बल्कि राष्ट्रपति और प्रतिनिधि सभा के स्पीकर जैसे महत्त्वपूर्ण पद भी उसके हाथ से फिसल गए।

देउबा विरोधी गुट के नेता अर्जुन नरसिंह केसी ने अखबार काठमांडू पोस्ट से कहा- ‘अगर देउबा गुट अपनी गलती और जिम्मेदारी नहीं स्वीकार करता है, तो हम पार्टी का नीति सम्मेलन बुलाने की मांग करेंगे, ताकि पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने अपना रुख विस्तार से बता सकें। अगर नीति सम्मेलन में असंतुष्ठ खेमे की राय शामिल नहीं की जाती है, तो हम नेतृत्व को पार्टी का विशेष अधिवेशन बुलाने के लिए मजबूर कर देंगे।’

देउबा के करीबी नेताओं का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री को पूरा भरोसा है कि मौजूदा सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी और नेपाली कांग्रेस जल्द ही सत्ता में लौट आएगी। जबकि असंतुष्ट खेमे का कहना है कि देउबा का ऐसा ही निराधार विश्वास पार्टी को महंगा पड़ा।

केसी ने कहा- ‘हमारे पास पूरी सूचना थी कि माओइस्ट सेंटर हमारा गठबंधन छोड़ कर पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी के साथ जाने वाली है लेकिन देउबा ने हमारी बात नहीं सुनी और अपने वफादारों के छोटे-से गुट के भरोसे बैठे रहे। नतीजा हुआ कि केंद्र और प्रांतों में सत्ता के समीकरण हमारे हाथ से निकल गए।’

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बम धमाके से दहला पाकिस्तान, सात की मौत, कई घायल

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बलूचिस्तान। आतंक को पनाह देने वाला देश पाकिस्तान खुद ही लगातार आतंकी घटनाओं की मार झेल रहा है। अब पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र से एक और आतंकी घटना की जानकारी सामने आई है। यहां कोयला खनिकों को ले जा रहा एक वाहन बम की चपेट में आ गया। इस बम धमाके में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई और करीब 7 लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है।

क्या है पूरा मामला?

अधिकारियों के मुताबिक, पाकिस्तान में बम धमाके की ये घटना अशांत क्षेत्र बलूचिस्तान प्रांत के हरनाई जिले के शाहराग इलाके में हुई है। शुक्रवार को कोयला खनिकों को ले जा रहा वाहन बम की चपेट में आ गया। आतंकी घटना के पीड़ित लोग एक मिनी ट्रक सवार थे। अधिकारियों ने बताया है कि बम धमाके में घायल लोगों को नजदीक के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बलूचिस्तान प्रांत में बम धमाके और इसमें 9 लोगों की मौत की घटना के बाद पाकिस्तान कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। उन्होंने इस आतंकी घटना को लेकर अपनी जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने भी जानकारी दी है कि उनके द्वारा इस घटना से जुड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।

बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रैंड ने बम धमाके में लोगों की मौत पर दुख प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि मामले में जांच शुरू कर दी गई है। शाहिद रैंड ने बताया कि अब तक किसी भी समूह ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि, अतीत में ऐसे आतंकी हमलों के लिए प्रतिबंधित संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी को जिम्मेदार ठहराया गया है।

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