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प्रादेशिक

प्रियंका गांधी तक पहुंची ब्राह्मणों के दर्द की दास्तां, कांग्रेस का 8 सदस्यीय डेलिगेशन पहुंचा हरदोई

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लखनऊ। हरदोई के ब्राह्मणों के दर्द की दास्तां दिल्ली तक जा पहुंची और उसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निर्देश के बाद यूपी कांग्रेस से 8 सदस्यीय डेलिगेशन पूर्व मंत्री नकुल दुबे के नेतृत्व में हरदोई पहुंचा और पीड़ितों से बात की। नकुल दुबे ने बताया कि मौके की असल हकीकत जानकर जांच रिपोर्ट ऊपर भेजी जाएगी और हमारी पार्टी कुछ न कुछ करेगी क्योंकि यहां पर रावण राज की परिकल्पना बन गयी है।

बताते चलें कि हरपालपुर थाना क्षेत्र के बरनई चतरखा गांव में 17 अगस्त को लगभग 3 घंटे तक जमकर पत्थरबाजी हुई थी। इस मामले में पीड़ित स्थानीय पुलिस से लेकर एसपी तक से मिले लेकिन परिजनों का कहना था कि संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई। जिसके दो दिन बाद ब्राह्मण परिवारों ने दीवारों पर गांव से पलायन कर जाने की मजबूरी को लिखा। उन्होंने ठाकुरों पर दबंगई का आरोप लगाया था। इस पूरे मामले की सूचना कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा को हुई जिसके बाद उनके निर्देश पर उपाध्यक्ष योगेश दीक्षित के पैड पर 8 सदस्यीय डेलिगेशन भेजने की बात कही गई। आउटरीच विभाग के चेयरमैन विक्रम पांडे के साथ, यूपी कांग्रेस के महासचिव सैफ अली नकवी, सचिव जीतलाल सरोज, हरदोई के जिलाध्यक्ष आशीष सिंह, सुभाष पाल, विक्रम पांडे, राजवर्धन सिंह, विदुर द्विवेदी प्रतिनिधि मंडल में शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल आज घटनास्थल पर पहुंचा।

पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने कहाकि गांव की स्थिति चिंताजनक और गम्भीर है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से गांव को छावनी में तब्दील करके अजीबोगरीब माहौल बनाया गया है वो समझ से परे है। साथ ही जो अभियुक्त है और ऐसे लोग है उनके प्रति प्रशासन गम्भीर नही है। उन्होंने कहा कि माहौल देखकर रावण राज की परिकल्पना गांव में देखी जा सकती है। गांव में अशांति है और लोग चैन से रह नही पा रहे है। नकुल दुबे ने बताया कि मौके की असल हकीकत जान जांच रिपोर्ट ऊपर भेजी जाएगी और हमारी पार्टी इस मामले में कुछ न कुछ करेगी।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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