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अन्तर्राष्ट्रीय

आतंकवाद का खतरा सिर्फ एशिया-अफ्रीका को नहीं, पूरे विश्व को है: जयशंकर

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S Jaishankar

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नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद निरोधी बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने आज एक बार फिर आतंकवाद के वैश्विक खतरे को दुनिया के सामने रखा है। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद का खतरा न सिर्फ एशिया और अफ्रीका को है बल्कि पूरे विश्व को है।

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विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा उठाए गए कई कदमों के बावजूद आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आतंकवाद विरोधी दो दिवसीय बैठक की मेजबानी कर रहा है।

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दिल्ली में आतंकवाद विरोधी समिति की UNSC की विशेष बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।

विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे आतंकवाद को कुछ हद तक रोकने में कामयाबी मिली है। जयशंकर ने पाक का नाम लिए बिना कहा कि कई देश में तो आतंकवाद एक वित्त पोषित उद्यम बन गया था अब उनकी असलियत भी सबके सामने आ रही है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन रहा आतंकियों का टूलकिट

जयशंकर ने कहा कि समाज को अस्थिर करने के उद्देश्य से प्रचार, कट्टरता और साजिश के सिद्धांतों को फैलाने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों के टूलकिट में शक्तिशाली उपकरण बन गए हैं।

उन्होंने कहा कि दुनिया भर की सरकारों के लिए अब यह भी एक बड़ा संकट बनता जा रहा है। उभरती प्रौद्योगिकियों के नाकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, एन्क्रिप्टेड मैसेज और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों ने भी सरकारों और नियामक निकायों के लिए नई चुनौतियां खड़ी की हैं।

लगातार बढ़ रहा आतंकवाद का खतरा

जयशंकर ने आगे कहा कि इन सभी कदमों के बावजूद आतंकवाद का खतरा केवल बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह विशेष रूप से एशिया और अफ्रीका में हो रहा है, जैसा कि प्रतिबंध समिति की निगरानी रिपोर्टों की लगातार रिपोर्टों ने उजागर किया है।

आतंक पर रोक लगाने को भारत देगा 5 लाख डॉलर का योगदान

इस बीच जयशंकर ने घोषणा की कि भारत आतंकवाद के खतरे को रोकने और उसका मुकाबला करने में सदस्य देशों को क्षमता-निर्माण सहायता प्रदान करने के लिए इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फंड फॉर काउंटर टेररिज्म में 5 लाख डॉलर का स्वैच्छिक योगदान देगा।

बता दें कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी बैठक की मेजबानी कर रहा है। दिल्ली में चल रही बैठक भारत की आतंकवाद निरोधी समिति (CTC) की अध्यक्षता में हो रही है।

S Jaishankar, S Jaishankar in UNSC meeting,

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दो दिवसीय दौरे पर कुवैत रवाना हुए पीएम मोदी, 43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपनी दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत रवाना हो गए। यह कुवैत में चार दशक से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। भारत की ओर से आखिरी बार प्रधानमंत्री का कुवैत दौरा 43 साल पहले हुआ था। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1981 में कुवैत का दौरा किया था। वहीं, तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 2009 में इस पश्चिम एशियाई देश का दौरा किया था. अपनी दो दिवसीय यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी कुवैत के टॉप लीडर्स के साथ बैठक करेंगे।

अपनी कुवैत यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर लिखा, “आज और कल मैं कुवैत जाऊंगा। यह यात्रा कुवैत के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करेगी। मैं कुवैत के महामहिम अमीर, क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री से मिलने के लिए उत्सुक हूं। आज शाम मैं भारतीय समुदाय से मिलूंगा और अरब गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होऊंगा।”

पीएम मोदी के हवाले से प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया, “आज, मैं कुवैत राज्य के अमीर महामहिम शेख मेशल अल-अहमद अल-सबा के निमंत्रण पर कुवैत की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहा हूं। हम कुवैत के साथ ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देते हैं, जो पीढ़ियों से पोषित हैं। हम न केवल मजबूत व्यापार और ऊर्जा साझेदार हैं, बल्कि पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि में भी हमारी साझा रुचि है।”

पोस्ट में आगे कहा गया, “मैं कुवैत के महामहिम अमीर, क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक की प्रतीक्षा कर रहा हूं। यह हमारे लोगों और क्षेत्र के लाभ के लिए भविष्य की साझेदारी के लिए एक रोडमैप तैयार करने का अवसर होगा। मैं कुवैत में भारतीय प्रवासियों से मिलने के लिए उत्सुक हूं, जिन्होंने दोनों देशों के बीच मैत्री के बंधन को मजबूत करने में बहुत योगदान दिया है। मैं खाड़ी क्षेत्र में एक प्रमुख खेल आयोजन, अरेबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में मुझे आमंत्रित करने के लिए कुवैत के नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मैं एथलेटिक उत्कृष्टता और क्षेत्रीय एकता के इस उत्सव का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हूं। मुझे विश्वास है कि यह यात्रा भारत और कुवैत के लोगों के बीच मित्रता के विशेष संबंधों और बंधनों को और मजबूत करेगी।”

 

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