बिजनेस
कच्चे तेल के उत्पादन में हो सकती है कमी, दामों में होगी बढ़ोतरी
नई दिल्ली। कच्चे तेल उत्पादक देशों का समूह ओपेक+ इसके उत्पादन में 3 प्रतिशत या 1 मिलियन बैरल प्रतिदिन (10 लाख बैरल) से अधिक की कटौती कर सकता है। यह खबर ऐसे समय पर आई है, जब ओपेक+ की बैठक आने वाले बुधवार को वियना में होने वाली है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स को ओपेक+ समूह से एक प्रतिनिधि ने बताया कि उम्मीद से ज्यादा कटौती इस बात को दर्शाती है कि मौद्रिक नीतियों के सख्त होने के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था तेजी से धीमी हो रही है। डॉलर के मजबूत होने के कारण भी कच्चे तेल की कीमत प्रभावित हुई है। हालांकि तेल के उत्पादन में कटौती पर फैसला मंत्रियों की बैठक के बाद ही लिया जाएगा।
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कच्चे तेल की कीमत
दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आशंका के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत में पिछले कुछ महीनों में बड़ी कमी देखने को मिली है। रूस- यूक्रेन युद्ध की शुरुआत में कच्चे तेल की कीमत 125 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई थी, लेकिन अब यह घटकर 87 डॉलर के आसपास आ गई है। बता दें, कच्चे तेल उत्पादन में कटौती करके सऊदी अरब, रूस और यूएई जैसे देश तेल की कीमत को 100 डॉलर के आसपास रखना चाहते हैं।
वियना में होगी बैठक
23 तेल निर्यातक देशों के समूह की बैठक बुधवार को ओपेक के वियना स्थित मुख्यालय में प्रस्तावित है। ओपेक सचिवालय की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, यह ऑनलाइन होने वाली मासिक बैठक है। ओपेक ने 2022 के अंत तक केवल ऑनलाइन बैठक ही करने का फैसला किया है।
लगातार दूसरी कटौती
अगर ओपेक+ इस महीने भी कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती का फैसला करता है, तो यह लगातार दूसरे महीने कच्चे तेल के उत्पादन में की जाने वाली कटौती होगी। पिछले महीने क्रूड ऑयल के उत्पादन करीब एक लाख बैरल प्रतिदिन की कमी की गई थी।
प्रादेशिक
सेंसेक्स और निफ्टी में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट दर्ज
नई दिल्ली। घरेलू बाजारों सेंसेक्स और निफ्टी में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 214.08 अंक फिसलकर 79,003.97 अंक पर और एनएसई निफ्टी 63.8 अंक की गिरावट के साथ 23,887.90 अंक पर आ गया।
सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील, आईटीसी, लार्सन एंड टुब्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचडीएफसी बैंक के शेयर सबसे अधिक नुकसान में रहे। टाइटन, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और मारुति के शेयरों में तेजी आई।
एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहा जबकि हांगकांग का हैंगसेंग, चीन का शंघाई कम्पोजिट और जापान का निक्की फायदे में रहे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 72.38 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बृहस्पतिवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 4,224.92 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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