उत्तर प्रदेश
बाढ़ राहत कार्य में न हो लापरवाही, प्रभावितों को पर्याप्त राहत सामग्री प्रदान की जाए : सीएम
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गोंडा/लखनऊ, । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जिला पंचायत सभागार में देवीपाटन मंडल के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ मंडलीय समीक्षा की। इससे पहले उन्होंने सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों संग भेंट की। उन्होंने जनहित से जुड़े 13 विभागों के कार्यों की प्रगति को देखा। इस दौरान देवीपाटन मंडल के चारों जिलों के लोकसभा क्षेत्रों के सांसद, विधायक और सभी जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ 27 जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान मंडल के अन्य जिलों के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे। सीएम के द्वारा बाढ़ नियंत्रण, गोशाला, पंचायतीराज, आवास, राजस्व व बेसिक व माध्यमिक विभाग समेत कुल 13 विभागों की महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बाढ़ राहत सामग्री वितरण में बिल्कुल लापरवाही ना हो तथा पीड़ितों को पर्याप्त राहत सामग्री प्रदान की जाए।
वनटांगिया गांव को राजस्व ग्राम घोषित किया जाए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देशित किया कि राजस्व वादों का समयबद्धता के साथ निस्तारण किया जाए और हर स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। उन्होंने वनटांगिया गांव को राजस्व ग्राम घोषित करते हुए सभी ग्राम वासियों को योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ देने के लिए कहा। सीएम योगी ने अधिक से अधिक बच्चों का स्कूल में नामांकन कराने और इस संबंध में डीएम को बीएसए के साथ बैठकर रणनीति बनाने के लिए कहा। उन्होंने जिलाधिकारी को नगर विकास विभाग के साथ रणनीति बनाकर सॉलिड वेस्ट के समुचित निस्तारण कराने के लिए निर्देशित किया।
खनन माफिया पनपने न पाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सुनिश्चित किया जाए कि मंडल में कहीं पर भी अवैध खनन न होने पाए। उन्होंने खनन माफिया को बिल्कुल भी पनपने न देने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। सीएम ने इसके अलावा जल जीवन मिशन के तहत खोदी गई सड़कों को पूर्व की तरह ही बनाने के निर्देश दिये, साथ ही डीएम को डीएम जल जीवन मिशन के कार्यों की नियमित समीक्षा करने के लिए कहा। वहीं उन्होंने गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत देने के भी निर्देश दिये।
मंडल में चलाया जाए संचारी रोग नियंत्रण अभियान
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि वह सीडीओ और पीडब्लूडी के इंजीनियर के साथ बैठक कर खराब मार्ग वाली सड़कों की सूची बनाकर शासन को प्रस्ताव भेजें। साथ ही उन्होंने डीएम और सीडीओ को जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकर विकास कार्यों की नियमित रूप से समीक्षा करने के लिए भी कहा। इसके अलावा पूरे मंडल में संचारी रोग नियंत्रण अभियान को प्रभावी ढंग से संचालित करने और उद्यमियों व बैंक प्रतिनिधियों के साथ नियमित रूप से योजनाओं की समीक्षा के भी निर्देश दिये।
अधिकारी प्रतिदिन करें जनसुनवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसील एवं विकास खण्ड कार्यालयों पर प्राइवेट व्यक्तियों से कार्य बिल्कुल न लिया जाए। सभी अधिकारी प्रतिदिन जनसुनवाई करें और जनता की शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें। उन्होंने आईजीआरएस पर आने वाली शिकायतों को समयबद्ध ढंग से निस्तारण करने के लिए कहा, जिससे शिकायतकर्ता संतुष्ट हो सके। सीएम योगी ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निरंतर निगरानी और सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी को निश्चित अंतराल पर बदलते रहने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि खराब छवि के पुलिस कर्मियों को थानों में जगह एवं अन्य कोई महत्वपूर्ण पद न दिया जाए।
बाढ़ से खराब फसलों का सर्वे कराकर किसानों को दें उचित मुआवजा
मुख्यमंत्री ने बाढ़ से खराब हुई फसलों के संबंध में सर्वे कराकर किसानों को उचित मुआवजा देने के लिए कहा। साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक को पूर्ण रूप से बैन करने के निर्देश दिये। बिजली विभाग को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि खराब ट्रांसफार्मर को समय से बदला जाए और गांवों में रोस्टर के अनुसार बिजली दी जाई।
बैठक में देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशिभूषण लाल सुशील, डीआईजी अमरेन्द्र प्रसाद सिंह, डीएम नेहा शर्मा व एसपी विनीत जायसवाल, सीडीओ एम. अरुनमोली मौजूद रहे।
मेडिकल कॉलेज का किया निरीक्षण
सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोंडा जिले के निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का भी निरीक्षण किया और अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कक्षाओं, लैबोरेटरी, कान्फ्रेंस हाल आदि का निरीक्षण किया। बता दें कि गोंडा मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य लगभग समाप्ति की ओर है। यहां 93 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। हास्पिटल स्तर पर काम चल रहा है। इस दौरान सीएम योगी कार्यदायी संस्था और अधिकारियों से जानकारी ली।
उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन से संबंधित जलवायु सम्मेलन का किया शुभारंभ
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज महाकुम्भ में कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन विषयक जलवायु सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य ही केवल इस सृष्टि का एकमात्र जीव नहीं है। जीव जंतुओं का जीवन चक्र मनुष्य के साथ और मनुष्य का जीवन चक्र उनके साथ जुड़ा हुआ है। उनका अस्तित्व रहेगा तो हमारा भी अस्तित्व रहेगा और यदि उन पर संकट आएगा तो हमारे अस्तित्व पर भी संकट आएगा। उन्होंने कहा कि हम प्रलय की प्रतीक्षा ना करें, बल्कि अभी से धरती को हरा भरा बनाएं। कुम्भ का भी यही संदेश है। हम सबको आस्था के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के कारकों पर भी विचार करते हुए उसके निवारण का उपाय करना होगा। उन्होंने कहा कि जीव सृष्टि और जंतु सृष्टि के संरक्षण के साथ ही मानव सृष्टि की सुरक्षा और संरक्षण हो पाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने दिल्ली में हुई घटना पर अफसोस जताते हुए सभी पुण्य आत्माओं के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
श्रद्धालु पार्किंग में खड़े करें वाहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में जब जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं तो एक-दूसरे पर दोषारोपण होने लगता है। यही स्थिति महाकुम्भ में भी देखने को मिल रही है. एरियल सर्वे में देख रहा था कि पार्किंग की जगह खाली है, लेकिन हर व्यक्ति सड़क पर अपनी गाड़ी खड़ी करके संगम स्नान को जा रहा है। अगर वही व्यक्ति पार्किंग के स्थान पर अपना वाहन पार्क करे तो हो सकता है कि उसे 100 मीटर ज्यादा पैदल चलना पड़े, लेकिन सड़क पर कहीं जाम नहीं होगा और आसानी से वह संगम में स्नान कर सकेगा। उन्होंने कहा कि इस जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए हम सब कहां भागीदार हैं, इसके बारे में चिंतन करना और उसे अपने व्यवहारिक जीवन में उतारना, यह सचमुच महाकुम्भ का हिस्सा बनना चाहिए। इसे हर किसी को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
जलवायु परिवर्तन के कारण सूख रहीं नदियां
सीएम योगी ने कहा कि 13 जनवरी से लेकर 16 फरवरी के बीच 52 करोड़ श्रद्धालु मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की इस पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 52 करोड़ लोग तब यहां डुबकी लगा पा रहे हैं, जब मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की कृपा से यहां अविरल जल उन्हें मिल पा रहा है। जो भी यहां डुबकी लगा रहा है उसे आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव मिल रहा है। इस अनुभव को जब वह अपने गांव में और आसपास के क्षेत्र में साझा कर रहा है, तभी वहां से बड़े पैमाने पर श्रद्धालु यहां आकर इस पूरे आयोजन को सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको सोचना होगा की कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण के प्रदूषण का कारण जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन का ही कारण है कि धरती माता की धमनियों के रूप में जिन नदियों को अविरल बहना चाहिए था वह सूखती जा रही हैं। अनुमान कीजिए, अगर शरीर की रक्त धमनियां सूख गई तो शरीर की स्थिति क्या होगी। अगर धरती माता की धमनियां सूख गईं या प्रदूषित हो गई तो जिन धमनियों से रक्त का प्रवाह होना चाहिए उसकी क्या स्थिति होगी।
मर चुकी नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा
सीएम योगी ने कहा कि धरती माता के साथ खिलवाड़ न हो, इसको ध्यान में रखते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 8 वर्षों के अंदर हमारी सरकार ने 210 करोड़ वृक्षारोपण किया है। वन विभाग के द्वारा जो वृक्ष लगाए गए हैं उसमें 70 से लेकर 80 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। वहीं विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जो वृक्षारोपण हुआ है उसमें भी 60 से 70 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। डीजल से चलने वाली बसों के स्थान पर इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए पॉलिसी बनाई और अनेक कार्यक्रम बढ़ाए गए हैं। मर चुकी नदियों को फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया। आज जो संगम में इतना पावन स्नान एक साथ एक दिन में करोड़ों लोग कर पा रहे हैं। जितनी भीड़ कभी मौनी अमावस्या को जुटती थी उतनी भीड़ हर दिन हो रही है। नदियों को चैनेलाइज किया गया। संगम क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया। संगम में हर समय 10 हजार से 11 हजार क्यूसेक जल हमेशा मौजूद रहे इसको सुनिश्चित किया गया।
जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जनभागीदारी आवश्यक
सीएम योगी ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है, लेकिन हमारा भी प्रयास होना चाहिए कि हम भी इसमें कैसे भागीदार बन सकते हैं। दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग करना क्या हम रोक पाएंगे, क्या नदियों पर कब्जा करना और प्रदूषण करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण कर पाएंगे, वन्य जीवों के प्रति क्या हमारे मन में भी संवेदना जागृत होगी, क्योंकि जैसे हमारा जीवन चक्र है ऐसे ही धरती माता का भी अपना एक जीवन चक्र है। हम दोनों को एक साथ जोड़ करके देखेंगे तब यह सृष्टि रहेगी। एक पेड़ मां के नाम, एक पेड़ आस्था के नाम लगाने के क्रम में हम भी सहभागी बन सकें।
इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, परमार्थ आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि, जगद्गुरु स्वामी मुकुंदानंद, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना एवं राज्य मंत्री केपी मलिक समेत विधायक व अधिकारी उपस्थित रहे।
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