उत्तर प्रदेश
उमेश पाल मर्डर: माफिया अतीक अहमद के दोनों बेटों पर लगा गैंगस्टर एक्ट
प्रयागराज। प्रयागराज पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के दोनों बेटों और शूटरों सहित उमेश पाल और दो सरकारी गनर की हत्या में शामिल रहे सभी आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने जो गैंग चार्ट बनाया है उसमें अली को गैंग लीडर घोषित किया है। पुलिस अब इन आरोपियों पर गैंगस्टर की धारा 14 /1 के तहत इनके अपराध से अर्जित संपत्तियों को भी अटैच करेगी।
बता दें कि 24 फरवरी 2003 को प्रयागराज में धूमनगंज थाना क्षेत्र के जयंतीपुर इलाके में फिल्मी अंदाज में सरेआम सड़क पर बम और गोलियां बरसाकर उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में लगे दो पुलिस वालों की हत्या कर दी गई थी।
इसके बाद घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया, जिसमें ट्रिपल मर्डर को अंजाम देने वाले सभी आरोपियों की पहचान हो गई। वारदात को अंजाम देने वाले चार शूटरों की पुलिस और एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मौत हो चुकी है जबकि 5-5 लाख के तीन इनामी शूटर अभी भी फरार चल रहे हैं। उनके साथ ही गैंग से जुड़ी तीन महिलाएं भी फरार चल रही हैं, जिसमें शाइस्ता परवीन पर 50 हजार और जैनब फातिमा व आयशा नूरी के ऊपर 25-25 हजार का इनाम घोषित है।
इनपर लगा गैंगस्टर
पुलिस ने लखनऊ जेल में बंद अतीक के बेटे उमर नैनी सेंट्रल जेल में बंद अतीक के छोटे बेटे अली, अतीक के बहनोई एखलाक , नौकर कैश अहमद, राकेश उर्फ नाकेश लाला, शारुख अहमद के अलावा नैनी जेल ही में बंद अतीक के वकील सौलत हनीफ , विजय मिश्रा सदाकत खान, नियाज़ अहमद के अलावा वारदात को अंजाम देने वाले गुड्डू मुस्लिम, अरमान अख्तर, मोहम्मद साबिर पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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