उत्तर प्रदेश
उप्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र: शिक्षक नेता ने उठाया पुरानी पेंशन बहाली व वित्तविहीन विद्यालयों की मान्यता का मुद्दा
![UP Assembly Winter Session 2023](https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2023/11/UP-Assembly-Winter-Session-202302.webp)
लखनऊ। उप्र विधानमंडल के चल रहे शीतकालीन सत्र में कल बुधवार को विधान परिषद में पुरानी पेंशन की बहाली तथा वित्तविहीन विद्यालयों की मान्यता के नियमों में संशोधन के मुद्दे जोरशोर से उठाए गए। शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर शिक्षक व कर्मचारी लंबे समय से आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार से अब तक उनके हाथ निराशा ही लगी है।
उन्होंने कहा कि अपने बुढ़ापे का सहारा मांग रहे शिक्षकों व कर्मचारियों के प्रति सरकार का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट भी इसे लेकर इसे स्पष्ट निर्देश दे चुका है। अब विभिन्न राजनीतिक दल भी पुरानी पेंशन की बहाली के मुद्दे को उठा रहे हैं और इसे अपने घोषणापत्र में भी शामिल कर रहे हैं।
माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक व कर्मचारी जो वर्ष 2005 तथा उसके बाद नियुक्त हुए हैं, उन्हें पुरानी पेंशन व्यवस्था से वंचित कर दिया गया है। इनको नवीन पेंशन योजना से जुड़ा बताया जा रहा है। उनके सामने सेवानिवृत्त होने के बाद जीवन यापन व परिवार के भरण-पोषण को लेकर अनिश्चितता है। उन्होंने कार्यस्थगन कर इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग की।
माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के आधार पर एक अप्रैल, 2005 को नई पेंशन प्रणाली लागू की गई है। शिक्षक व कर्मियों को उससे जोड़ा गया है। सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कार्यस्थगन अस्वीकार कर सरकार को आवश्यक कार्यवाही का निर्देश दिया।
निर्दल समूह के राजबहादुर सिंह चंदेल व डा. आकाश अग्रवाल ने वित्तविहीन विद्यालयों की मान्यता की नई व्यवस्था का विरोध किया। नई नियमावली में भूमि व अन्य मानकों को बढ़ाए जाने को अव्यवहारिक बताया। पूर्व से संचालित हाईस्कूल का पुरानी नियमावली के आधार पर उच्चीकृत करने का अवसर दिए जाने की मांग भी उठाई।
बसपा के भीमराव अंबेडकर ने यूनानी फार्मासिस्ट के रिक्त पदों पर अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की भर्ती आरक्षण नियमावली के आधार पर कराये जाने की मांग उठाई।
प्रश्नकाल में सरकार ने दिए जवाब
संविदा पर 47,333 अभ्यर्थियों को दिलाई नौकरी सपा के डा.मान सिंह यादव के रोजगार को लेकर पूछे गए प्रश्न पर श्रम व सेवायोजन मंत्री ने बताया कि एक जनवरी से छह सितंबर, 2023 के मध्य 1,084 रोजगार मेलों का आयोजन किया गया, जिसके माध्यम से 94,696 अभ्यर्थियों को रोजगार के लिए चुना गया। बताया कि संविदा पर 47,333 तथा आउटसोर्सिंग पर 98,432 अभ्यर्थियों को रोजगार के अवसर प्रदान कराए गए।
83,565 रुपये है प्रति व्यक्ति आय बसपा के भीमराव अंबेडकरनगर के प्रश्न पर नेता सदन ने बताया कि वर्ष 2022-23 में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 83,565 रुपये अनुमानित है। बताया कि इसे और बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
श्रम कर का रखा आंकड़ा
मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 से अगस्त 2023 तक 4769.20 करोड़ रुपये श्रम कर वसूला गया है। शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने प्राप्त कर व उसके खर्च को लेकर सवाल उठाए और शेष बचे धन की जानकारी मांगी। सभापति ने जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन से संबंधित जलवायु सम्मेलन का किया शुभारंभ
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज महाकुम्भ में कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन विषयक जलवायु सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य ही केवल इस सृष्टि का एकमात्र जीव नहीं है। जीव जंतुओं का जीवन चक्र मनुष्य के साथ और मनुष्य का जीवन चक्र उनके साथ जुड़ा हुआ है। उनका अस्तित्व रहेगा तो हमारा भी अस्तित्व रहेगा और यदि उन पर संकट आएगा तो हमारे अस्तित्व पर भी संकट आएगा। उन्होंने कहा कि हम प्रलय की प्रतीक्षा ना करें, बल्कि अभी से धरती को हरा भरा बनाएं। कुम्भ का भी यही संदेश है। हम सबको आस्था के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के कारकों पर भी विचार करते हुए उसके निवारण का उपाय करना होगा। उन्होंने कहा कि जीव सृष्टि और जंतु सृष्टि के संरक्षण के साथ ही मानव सृष्टि की सुरक्षा और संरक्षण हो पाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने दिल्ली में हुई घटना पर अफसोस जताते हुए सभी पुण्य आत्माओं के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
श्रद्धालु पार्किंग में खड़े करें वाहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में जब जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं तो एक-दूसरे पर दोषारोपण होने लगता है। यही स्थिति महाकुम्भ में भी देखने को मिल रही है. एरियल सर्वे में देख रहा था कि पार्किंग की जगह खाली है, लेकिन हर व्यक्ति सड़क पर अपनी गाड़ी खड़ी करके संगम स्नान को जा रहा है। अगर वही व्यक्ति पार्किंग के स्थान पर अपना वाहन पार्क करे तो हो सकता है कि उसे 100 मीटर ज्यादा पैदल चलना पड़े, लेकिन सड़क पर कहीं जाम नहीं होगा और आसानी से वह संगम में स्नान कर सकेगा। उन्होंने कहा कि इस जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए हम सब कहां भागीदार हैं, इसके बारे में चिंतन करना और उसे अपने व्यवहारिक जीवन में उतारना, यह सचमुच महाकुम्भ का हिस्सा बनना चाहिए। इसे हर किसी को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
जलवायु परिवर्तन के कारण सूख रहीं नदियां
सीएम योगी ने कहा कि 13 जनवरी से लेकर 16 फरवरी के बीच 52 करोड़ श्रद्धालु मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की इस पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 52 करोड़ लोग तब यहां डुबकी लगा पा रहे हैं, जब मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की कृपा से यहां अविरल जल उन्हें मिल पा रहा है। जो भी यहां डुबकी लगा रहा है उसे आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव मिल रहा है। इस अनुभव को जब वह अपने गांव में और आसपास के क्षेत्र में साझा कर रहा है, तभी वहां से बड़े पैमाने पर श्रद्धालु यहां आकर इस पूरे आयोजन को सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको सोचना होगा की कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण के प्रदूषण का कारण जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन का ही कारण है कि धरती माता की धमनियों के रूप में जिन नदियों को अविरल बहना चाहिए था वह सूखती जा रही हैं। अनुमान कीजिए, अगर शरीर की रक्त धमनियां सूख गई तो शरीर की स्थिति क्या होगी। अगर धरती माता की धमनियां सूख गईं या प्रदूषित हो गई तो जिन धमनियों से रक्त का प्रवाह होना चाहिए उसकी क्या स्थिति होगी।
मर चुकी नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा
सीएम योगी ने कहा कि धरती माता के साथ खिलवाड़ न हो, इसको ध्यान में रखते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 8 वर्षों के अंदर हमारी सरकार ने 210 करोड़ वृक्षारोपण किया है। वन विभाग के द्वारा जो वृक्ष लगाए गए हैं उसमें 70 से लेकर 80 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। वहीं विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जो वृक्षारोपण हुआ है उसमें भी 60 से 70 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। डीजल से चलने वाली बसों के स्थान पर इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए पॉलिसी बनाई और अनेक कार्यक्रम बढ़ाए गए हैं। मर चुकी नदियों को फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया। आज जो संगम में इतना पावन स्नान एक साथ एक दिन में करोड़ों लोग कर पा रहे हैं। जितनी भीड़ कभी मौनी अमावस्या को जुटती थी उतनी भीड़ हर दिन हो रही है। नदियों को चैनेलाइज किया गया। संगम क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया। संगम में हर समय 10 हजार से 11 हजार क्यूसेक जल हमेशा मौजूद रहे इसको सुनिश्चित किया गया।
जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जनभागीदारी आवश्यक
सीएम योगी ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है, लेकिन हमारा भी प्रयास होना चाहिए कि हम भी इसमें कैसे भागीदार बन सकते हैं। दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग करना क्या हम रोक पाएंगे, क्या नदियों पर कब्जा करना और प्रदूषण करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण कर पाएंगे, वन्य जीवों के प्रति क्या हमारे मन में भी संवेदना जागृत होगी, क्योंकि जैसे हमारा जीवन चक्र है ऐसे ही धरती माता का भी अपना एक जीवन चक्र है। हम दोनों को एक साथ जोड़ करके देखेंगे तब यह सृष्टि रहेगी। एक पेड़ मां के नाम, एक पेड़ आस्था के नाम लगाने के क्रम में हम भी सहभागी बन सकें।
इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, परमार्थ आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि, जगद्गुरु स्वामी मुकुंदानंद, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना एवं राज्य मंत्री केपी मलिक समेत विधायक व अधिकारी उपस्थित रहे।
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