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प्रादेशिक

यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से मिले ओमप्रकाश राजभर, अटकलें तेज

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नई दिल्ली। पूर्व मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार सुबह उत्तर प्रदेश भाजपा प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की, जिससे नई अटकलों को बल मिला है।

उनकी मुलाकात के बाद अब भगवा पाले में राजभर की वापसी को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। एसबीएसपी 2019 तक भाजपा की सहयोगी थी, जब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभर को अपने मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया था।

एक घंटे तक चली बैठक के बाद स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि यह सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात थी, जिसमें कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं था। उन्होंने कहा, हम बस सौहार्दपूर्ण ढंग से मिले और बातचीत की।

राजभर अन्य दलों से समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं और ओबीसी श्रेणी के विभिन्न समूहों से समर्थन हासिल करने के लिए भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन किया है।

असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ उनका गठबंधन, हालांकि, समाजवादी पार्टी के साथ उनके गठबंधन में बड़ी बाधा साबित हो रहा है।

इस बीच, भाजपा के सूत्रों ने कहा है कि यूपी भाजपा प्रमुख और राजभर के बीच बैठक की व्यवस्था भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दया शंकर सिंह ने की थी।

सूत्रों ने बताया कि दया शंकर ने सोमवार देर शाम राजभर को फोन कर स्वतंत्र देव सिंह से मिलने को कहा था। राजभर ने पुष्टि की कि उन्होंने और स्वतंत्र देव सिंह ने अपने-अपने राजनीतिक दलों की गतिविधियों पर चर्चा की।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह फिर से भाजपा के साथ गठबंधन करने की योजना बना रहे हैं, राजभर ने कहा, राजनीति में कुछ भी हो सकता है।

दूसरी ओर, राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि राजभर गैर-भाजपा दलों के बीच अपनी सौदेबाजी की स्थिति को बढ़ाने के लिए शायद एक प्रकार का परीक्षण कर रहे हैं।

 

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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