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उत्तर प्रदेश

उप्र: ग्राहकों को खास सुविधा दे रहा बिजली विभाग, एक क्लिक पर मिलेगा समाधान; जानिए प्रोसेस

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UP Electricity department uppcl

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए हमेशा से प्रयासरत है। इसी क्रम में UPPCL ग्राहकों के लिए एक और सुविधा प्रदान कर रहा है, जिससे उपभोक्ताओं की समस्या का हल चुटकियों में मिल सकता है। इसके लिए केवल आपके हाथ में मोबाइल होना चाहिए।

हाल ही में बिजली विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने एक समीक्षा बैठक कर नए कनेक्शनों के मामले में उपभोक्ताओं की समस्याओं को हल करने का निर्देश दिया था। वहीं, अब पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने 24×7 यानी चौबीस घंटे और सातों दिन ग्राहकों के लिए उपलब्ध रहने का निर्णय लिया है।

यूपी पावर कारपोरेशन अब आपके व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध रहेगा। बिजली विभाग की यह सुविधा बिजली बिल पेमेंट, रसीद, रिचार्ज समेत शिकायत और उसे ट्रैक करने के लिए बनाई गई है।

अलग डिस्कॉम के लिए अलग नंबर

यूपी पावर कारपोरेशन की ओर व्हाट्सएप पर मिलने वाली इन सेवाओं के लिए राज्य के पांचों डिस्कॉम के लिए अलग-अलग नंबर जारी किए गए हैं। आपका बिजली कनेक्शन जिस डिस्कॉम से वितरित हो उस नंबर पर व्हाट्सएप मैसेंजर से ‘Hi’ या ‘Start’ लिखकर शुरुआत कर सकते हैं।

जानें स्टेप बाइ स्टेप प्रोसेस

अपने डिस्कॉम के नंबर पर ‘Hi’ या ‘Start’ मैसेज करें।

अपनी सुविधानुसार भाषा चुनें।

अपने क्षेत्र का चुनाव करें।

इसके बाद आप अपनी जरूरत के अनुसार का विकल्प चुनें।

जानिए किस डिस्कॉम के लिए कौन सा नंबर

दक्षिण विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) : 8010957826

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (MVVNL) : 8010924203

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) : 8010968292

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड( PVVNL) : 7859804803

कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (KESCO) : 8287835233

इसके अलावा, अपने डिस्कॉम से जुड़ने के लिए UPPCL की वेबसाइट पर जारी सभी डिस्कॉम के QR कोड से भी कनेक्ट किया जा सकता है। इसके लिए अपने मोबाइल के कैमरे से कोड को स्कैन करना होगा।

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उत्तर प्रदेश

अपने इष्ट गणपति और नागा संन्यासियों को लेकर महाकुम्भ क्षेत्र पहुंचा श्री शंभू पंच दशनाम अटल अखाड़ा

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महाकुंभ नगर। प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ में जन आस्था के केंद्र सनातन धर्म के 13 अखाड़ो का अखाड़ा सेक्टर में प्रवेश जारी है। इसी क्रम में बुधवार को श्री शंभू पंचदशनाम अटल अखाड़े ने छावनी प्रवेश किया। छावनी प्रवेश को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

इष्ट देव भगवान गजानन को लेकर कुंभ क्षेत्र में हुआ प्रवेश

आदि गुरु शंकराचार्य के प्रयास से छठी शताब्दी में संगठित रूप में अस्तित्व में आये अखाड़ो की स्थापना शस्त्र और शास्त्र दोनों को आगे बढाने के लिए की गई। शास्त्र ने अगर शंकर के धार्मिक चिंतन को जन जन तक पहुचाया तो वही शस्त्र ने दूसरे धर्मो से हो रहे हमलो से इसकी रक्षा की। इन्ही अखाड़ो में शैव सन्यासी के अखाड़े श्री शंभू पञ्च दशनाम अटल अखाड़ा ने कुम्भ क्षेत्र में प्रवेश के लिए अपनी भव्य छावनी प्रवेश यात्रा निकाली। अलोपी बाग स्थिति अखाड़े के स्थानीय मुख्यालय से यह प्रवेश यात्रा निकाली गई। प्रवेश यात्रा में परम्परा, उत्साह और अनुशासन का खूबसूरत मेल देखने को मिला। आचार्य महा मंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकली। सबसे आगे अखाड़े के ईष्ट देवता भगवान गजानन की सवारी और उसके पीछे अखाड़े के परंपरागत देवता रहे।

नागा संन्यासियों की फौज बनी आकर्षण और आस्था का केंद्र

स्थानीय मुख्यालय से शुरू हुए अटल अखाड़े के छावनी प्रवेश में नागा संन्यासियों की फौज को देखने के लिए शहर में स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इष्ट देवता गणपति के पीछे चल रहे अखाड़े के पूज्य देवता भालो के बाद कतार में नागा सन्यासी चल रहे थे। यह पहला अखाड़ा था जिसमें नागा संन्यासिनियों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज की। छावनी प्रवेश में एक बाल नागा भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती का कहना है कि छावनी में दो दर्जन से अधिक महा मंडलेश्वर और दो सौ से अधिक नागा संन्यासी शामिल थे। रथों में सवार अखाड़े के संतों का आशीर्वाद लेने के लिए लोग सड़कों के दोनो तरफ दिखे।

“सूर्य प्रकाश” भाला रहा आकर्षण का केंद्र

अटल अखाड़े के जुलुस में एक बात अलग से देखी गई और वह है अखाड़े की प्रवेश यात्रा में सबसे आगे फूलों से सजे धजे वह भाले जिन्हें अखाड़ो के इष्ट से कम सम्मान नहीं मिलता। अखाड़े की पेशवाई में अखाड़े के जुलूस में भी आगे था “सूर्य प्रकाश” नाम का वह भाला जो केवल प्रयागराज के महाकुम्भ में ही अखाड़े के आश्रम से महाकुम्भ क्षेत्र में निकलता है।

जगह जगह अखाड़े के संतों का प्रशासन ने किया स्वागत

पांच किमी का रास्ता तय कर अखाड़े की प्रवेश यात्रा महाकुंभ के सेक्टर 20 पहुंची। रास्ते में कई जगह महा कुम्भ प्रशासन की तरफ से संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।

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