प्रादेशिक
चाचा को फंसाने के लिए तबरेज राणा ने खुद पर चलवाई थी गोली, यूपी पुलिस का दावा
लखनऊ और रायबरेली की पुलिस शायर मुनव्वर राना के बेटे तबरेज राना को गुरूवार को पकड़ने के लिए उनके फ्लैट पर पहुंची। देर रात करीब 2 बजे हुसैनगंज के लालकुआं स्थित एफआई टावर ढींगरा अपार्टमेंट में उनके फ्लैट पर छापा मारा गया। इस दौरान पुलिस ने फ्लैट की तलाशी ली पर तबरेज नहीं मिला।
पुलिस की देर रात को ली गयी तलाशी से शायर मुनव्वर और उनकी बटी काफी नाराज दिखे और उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने घर में जमकर तांडव किया और सभी के मोबाइल फोन छीन लिए। पुलिस ने महिलाओं से अभद्रता भी की।
रायबरेली जिले के सदर कोतवाल का दावा है कि 28 जून को शायर मुनव्वर के बेटे तबरेज राना पर हुआ जानलेवा हमला फर्जी था। तबरेज ने अपने प्रतिद्वंदियों को फंसाने के लिए खुद पर गोली चलवाई थी।
रायबरेली पुलिस ने तबरेज की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे में उल्टा तबरेज राना को ही मुलजिम बना दिया है। इसी मुकदमे में तबरेज की गिरफ्तारी को लेकर रायबरेली पुलिस ने गुरुवार रात छापेमारी की है।
उत्तर प्रदेश
लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ
लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।
फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।
विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।
तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल
वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।
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