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उत्तराखंड

बहुमत परीक्षण में रावत की जीत पर सुप्रीम कोर्ट की मोहर

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले, हरीश रावत, उत्तराखंड का सियासी, केदारनाथ आपदा

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उत्तराखंड विधानसभा में बहुमत परीक्षण, हरीश रावत की जीत, सुप्रीम कोर्ट की मोहर, अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी

Harish Rawat

रावत ले सकते हैं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में बहुमत परीक्षण के बाद बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया। बहुमत परीक्षण में हरीश रावत की जीत हुई और भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अहम सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केद्र का पक्ष रखते हुए कहा है कि केंद्र उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटाने की अनुमति दे दी है। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हरीश रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति शासन हटाकर सरकार कोर्ट को सूचित करे। राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है।

उत्तराखंड विधानसभा में हुए बहुमत परीक्षण में हरीश रावत को 61 में से 33 वोट मिले हैं। जबकि रावत के विपक्ष में 28 वोट पड़े हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बहुमत परीक्षण के लिए हुए मतदान में किसी भी प्रकार की कोई अव्यवस्था नहीं हुई है। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के रिकॉर्ड ऑर्डर को पेश करने को कहा। इसके बाद केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस बारे में औपचारिक फैसला ले लिया गया और हरीश रावत का फिर से मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने हरीश रावत सरकार को बहाल कर दिया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हरीश रावत तुरंत अपना स्थान ले सकते हैं।

उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटाने के आदेश के साथ ही फ्लोर टेस्ट में हरीश रावत को विजयी घोषित किया है। कोर्ट में फ्लोर टेस्ट के परिणाम वाले दोनों बंद लिफाफे खोले गए, जिसके मुताबिक हरीश रावत के समर्थन में 33 और भाजपा के समर्थन में 28 वोट निकले। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही देहरादून में हरीश रावत के आवास पर कांग्रेसियों में खुशी का महौल है। जश्न शुरू हो गया है। उधर भाजपा खेमे में गहरी निराशा है। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मंगलवार को उत्तराखंड में फ्लोर टेस्ट हुआ था। फ्लोर टेस्ट के परिणाम और उससे जुड़े तमाम दस्तावेजों को बंद लिफाफे में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। जस्टिस दीपक मिश्रा और एसके सिंह ने तमाम दस्तावेजों का अवलोकन किया।

फ्लोर टेस्ट से जुड़े दस्तावेज मंगलवार को ही दिल्ली भेज दिए गए थे। शक्ति परीक्षण से जुड़े दस्तावेज कड़ी सुरक्षा में दिल्ली लाए गए थे। विधानसभा में छह कैमरों से बनाई गई फ्लोर टेस्ट की वीडियोग्राफी की फुटेज भी कोर्ट में पेश की गई। सूत्रों के मुताबिक, फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस की जीत के साथ कई दिनों से चल रहे राजनीतिक ड्रामे का पटाक्षेप हो गया है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर मंगलवार को राज्य विधानसभा में हुए शक्ति परीक्षण में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बाजी मार ली है। सदन में निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत के पक्ष में 33 वोट पड़े, जबकि 28 वोट उनके खिलाफ पड़े। कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की अयोग्यता शीर्ष अदालत की ओर से बरकरार रखने के बाद सदन में सदस्यों की संख्या 72 से घटकर 62 हो गई। अध्यक्ष ने मतदान नहीं किया और नौ बागी सदस्यों को पहले ही मतदान से वंचित कर दिया गया था।

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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