प्रादेशिक
योगी सरकार गरीबों को शीतलहरी से बचाने के लिए बना रही रैन बसेरे
लखनऊ। निराश्रित, अक्षम और गरीबों को शीतलहरी में कोई परेशानी न होने पाए इसके लिए योगी सरकार रैन बसेरे बनाने में जुट गई है। सरकार ने जिम्मेदार संस्थाओं को इसके लिए पर्याप्त धनराशि भी उपलब्ध करा दी है। इस धनराशि से जरूरतमंदों के लिए अलाव जलाने और कम्बल वितरण भी कराया जाएगा। सरकार ने जिम्मेदार अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि रैन बसेरे में साफ-सफाई करने के साथ ही किसी तरह के अवैध कब्जे न होने पाए।
योगी सरकार शीतलहरी से कोई अप्रिय घटना न होने पाए इसके लिए पहले ही चाकचौबंद व्यवस्था करने में जुट गई है। सरकार ने प्रदेश भर में जिम्मेदार संस्थाओं को पर्याप्त धनराशि देकर रैन बसेरे बनाने के काम में तेजी ला दी है। सरकार की मंशा है कि जगह-जगह रैन बसेरे बनाकर शीतलहरी से निराश्रित, अक्षम और गरीबों को शरण दी जा सके। सरकार की तरफ से साफ निर्देश दिए गए हैं कि रैन बसेरों के साथ ही जगह-जगह अलाव भी जलाए जाएं और गरीबों में कम्बल भी वितरित कराया जाए।
रैन बसेरों में अक्षम, निराश्रित और गरीबों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए इनकी रोजाना साफ-सफाई कराने की व्यव्स्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने कहा है कि इन रैन बसेरों में किसी तरह के अवैध कब्जे न होने पाए इस पर समय-समय पर चेकिंग अभियान भी चलाया जाए।
उत्तराखंड
गुजरात से हरिद्वार गंगा स्नान के लिए आए दो बच्चों की डूबने से मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
हरिद्वार। गुजरात से हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए आए एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यहां एक परिवार के 2 नाबालिग बच्चों की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई। हादसा बुधवार सुबह 10 बजे उत्तरी हरिद्वार के सप्तऋषि क्षेत्र में संतमत घाट पर हुआ। हादसे के बाद परिवार के सदस्यों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।
गुजरात के तापी जिले के वलोड थाना अंतर्गत बाजीपुरा गांव निवासी विपुल भाई पवार अपने परिवार के साथ गंगा दर्शन और स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। बुधवार सुबह लगभग 10:00 बजे पूरा परिवार उत्तरी हरिद्वार के परमार्थ घाट के पास संतमत घाट पर गंगा स्नान कर रहा था।
स्नान के दौरान विपुल भाई की 13 वर्षीय बेटी प्रत्यूषा और 6 वर्षीय बेटा दर्श अचानक गंगा की तेज धारा में बहने लगे। परिजन और घाट पर मौजूद अन्य श्रद्धालु बच्चों को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन तेज बहाव और गहरे पानी के कारण उन्हें बचाने में असफल रहे। देखते ही देखते दोनों बच्चे गंगा की लहरों में आंखों से ओझल हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही सप्तऋषि पुलिस चौकी से पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जल पुलिस और गोताखोरों की मदद से बच्चों को तलाश किया गया। कुछ ही देर बाद दोनों को ठोकर नंबर 13 के पास पानी से बेसुध हालत में बाहर निकाला गया। तत्काल 108 एंबुलेंस की सहायता से दोनों को हरिद्वार जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
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