Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार ने निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की दी मंज़ूरी, 5 प्रतिशत हो सकेगी बढ़ोतरी

Published

on

Loading

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। पेट्रोल-डीजल, दूध, महंगी कॉपी-किताबों के बाद ये आम आदमी के लिए एक और बड़ा झटका माना जा रहा है। यूपी सरकार ने इससे पहले लगातार तीसरे साल जनवरी 2022 में फीस बढ़ोतरी पर अंकुश लगाया था, जिसे अब हटा लिया गया है।

यूपी में अतिरिक्त मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने कहा कि प्राइवेट स्कूल शैक्षणिक सत्र 2022-23 से अपने यहां फीस बढ़ा सकते हैं। लेकिन सिर्फ पांच फीसदी ही बढ़ोतरी की जा सकती है। इसके लिए वर्ष 2019-20 के एकेडमिक सेशन को आधार माना जाएगा।

यानी कि तब जितनी फीस रही होगी, उसी पर 5 फीसदी का इजाफा किया जा सकेगा। इस आशय का पत्र सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेज दिया गया है।

उत्तर प्रदेश

विधानसभा में गरजे सीएम योगी, कहा- अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल में भेजेंगे और दूसरे के बच्चों को, कठमुल्ला, मौलवी बनाएंगे

Published

on

Loading

लखनऊ। यूपी विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। पहले ही दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही में हिंदी अवधी भोजपुरी को सदन का हिस्सा बनाकर सदस्यों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा समझाने के क्रम में माताप्रसाद पांडेय द्वारा अंग्रेज़ी को सदन की कार्यवाही में शामिल करने पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला।

सीएम ने कहा कि समाजवादियों का यही दोहरा चरित्र है,अपने बच्चों को इंग्लिश पब्लिक स्कूल में भेजेंगे और दूसरे के बच्चों को गांव के विद्यालय में पढ़ने को कहेंगे। अपने बच्चों को अग्रेज़ी माध्यम में पढ़ाएंगे,और दूसरे को कहेंगे उर्दू पढ़ाओ, कठमुल्ला,मौलवी बनाना चाहते हैं, यह नही चलेगा। इससे पता चल जाता है कि जाकी रही भावना जैसी।

सीएम ने आगे कहा, इसीलिए आपने कल अवधी भोजपुरी बुंदेली भाषा का विरोध किया था। हमारी सरकार में विभिन्न बोलियों ब्रज, भोजपुरी, अवधी, बुंदेलखंडी को सम्मान मिल रहा है। हमारी सरकार में अलग अलग एकेडमी का गठन भी हो रहा है, यह सभी हिंदी की उपभाषा हैं, यानी हिंदी की बेटियां हैं। यह सदन विशुद्ध साहित्यिक और व्याकरण के विद्वानो का नही हैं। इस सदन में अलग अलग समाज से सदस्य यहां विभिन्न तबके से आये हैं। अंतिम पायदान के व्यक्ति की आवाज़ को सदन में मुखरता मिले, इसके लिए अगर व हिंदी में असमर्थ है तो अवधी, बुंदेलखंडी,भोजपुरी जिसमे समर्थ हो बोल सकता है।

विपक्ष पर साधा निशाना

हम अभिनन्दन करते है कि इन बोलियों को सम्मान मिले, इसके लिये हमने अकादमियों का गठन किया। आज दुनिया मे भारत के प्रवासी जो मॉरीशस फिजी में रह रहें है यही अवधी भाषाई लोग हैं। आप हर अच्छे कार्य का विरोध करते हैं, हम इसकी निंदा करते है, हमारी सरकार का मानना है कि इन बोलियों को सदन की प्रोसिडिंग में होना चाहिए।

Continue Reading

Trending