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बिजनेस

कैनरा बैंक के अंतरिम एमडी, सीईओ बने कृष्णकुमार

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मुंबई| सरकारी बैंक कैनरा बैंक ने गुरुवार को कहा कि कार्यकारी निदेशक वी.एस. कृष्णकुमार को तीन महीने के लिए बैंक को अंतरिम प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी (सीईओ) अधिकारी बनाया गया है। यह नियुक्ति केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के तहत की गई है। कंपनी सचिव बी. नागेश बाबू ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को दी गई एक सूचना में कहा, “केंद्र सरकार ने कार्यकारी निदेशक वी.एस. कृष्णकुमार को तीन महीने के लिए प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी है।”

उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 2014 के आदेश के तहत कृष्णकुमार नियुक्ति की तिथि से तीन महीने के लिए या नियमित एमडी और सीईओ की नियुक्ति तक या अगले आदेश तक इस पद पर बने रहेंगे।

कृष्णकुमार के पास बीएससी और एलएलबी की डिग्री है। उन्होंने अपना कैरियर 1981 में इलाहाबाद बैंक से शुरू किया था, जहां उनकी प्रोन्नति महाप्रबंधक पद तक हुई थी।

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फिनटेक फर्म भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच विवाद खत्म, दोनों पक्षों में हुआ समझौता

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नई दिल्ली। फिनटेक फर्म भारतपे और उसके पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच समझौता हो गया है। इस समझौते के साथ ही दोनों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद भी खत्म हो गया है। फिनटेक कंपनी भारतपे ने सोमवार को कहा कि उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर किसी भी रूप में कंपनी से नहीं जुड़ेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे। भारतपे ने बयान में कहा कि भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ एक निश्चित समझौता किया है। यानी कुल मिलाकर अब विवाद पर पूर्ण विराम लग गया है.

बता दें कि विवादों के चलते मार्च 2022 में अशनीर को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से निकाल दिया गया था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दायर कानूनी मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है। भारतपे ने इस मामले में एक बयान जारी किया है. कंपनी ने बयान में लिखा- भारतपे का फोकस, प्रॉफिट के साथ ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने पर रहेगा. हमारी तरफ से अशनीर ग्रोवर को शुभकामनाएं।

 

क्या बोले अशनीर ग्रोवर?

मैं भारतपे के साथ एक निर्णायक समझौते पर पहुंच गया हूं। मैं प्रबंधन और बोर्ड पर अपना भरोसा रखता हूं, जो भारतपे को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। मैं कंपनी के विकास के साथ लगातार जुड़ा हुआ हूं। मैं अब किसी भी पद पर भारतपे से नहीं जुड़ा रहूंगा, न ही कैपिटल टेबल का हिस्सा बनूंगा। मेरे शेष शेयरों का प्रबंधन मेरे फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि भारतपे अपने सभी हितधारकों के लाभ के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा।

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