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मुख्य समाचार

एमएसपी कम भाव पर दलहन फसल बेचने को मजबूर किसान

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मुंबई/इंदौर, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)| देश के प्रमुख दलहन उत्पादक प्रदेशों में किसान चालू खरीफ सीजन की नई फसलें तुअर, मूंग और उड़द न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी कम भाव पर बेचने को मजबूर हैं। तुअर का बाजार भाव एमएसपी से करीब 1,700 रुपये प्रति क्विं टल कम चल रहा है और मूंग की कीमत एसएसपी से करीब 2,000 रुपये प्रति क्विंटल कम है। वहीं, उड़द का भाव एमएसपी से 1,200 रुपये कम है।

बाजार सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में सोमवार को तुअर का भाव 3,900-4,000 रुपये प्रति क्विं टल था। उड़द का दाम 3,600-4,400 रुपये प्रति क्विंटल था और मूंग की कीमत 4,500-5,000 रुपये प्रति क्विंटल थी।

चालू खरीफ सीजन 2018-19 में केंद्र सरकार ने मूंग के लिए एमएसपी 6,975 रुपये प्रति क्विं टल तय की है। उड़द की एमएसपी 5,600 रुपये प्रति क्विंटल है और तुअर की एमएसपी 5,675 रुपये प्रति क्विंटल है।

ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि देश में दाल का उत्पादन खपत से ज्यादा है, इसलिए बाजार में दाल की कीमतें कम हैं। अग्रवाल ने कहा कि जब तक दाल निर्यात के उपाय नहीं किए जाएंगे तब तक कीमतों में सुधार नहीं होगा।

मुंबई के एक दलहन कारोबारी ने कहा कि किसान अपनी जरूरतों के अनुसार फसल बेचते हैं, इसलिए वे सरकारी खरीद का इंतजार नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि दलहन बाजार ठंडा पड़ा हुआ है। लिहाजा किसानों को मजबूरन कम भाव पर अपनी फसल बेचनी पड़ रही है।

इंदौर में सोमवार को चने का भाव 4,300 रुपये प्रति क्विंटल और डॉलर चना 6,200-6,400 रुपये प्रति क्विंटल था।

सुरेश अग्रवाल ने कहा कि चना काफी परिमाण में सरकारी गोदामों में पड़ा हुआ है, जो सरकार ने पिछले रबी सीजन में खरीदा था। इसलिए स्टॉक ज्यादा होने से कीमतों में नरमी बनी हुई है।

पिछले रबी सीजन में चने की एमएसपी 4,400 रुपये प्रति क्विं टल थी। आगामी रबी सीजन के लिए सरकार ने हाल ही में पिछले सीजन से 220 रुपये बढ़ाकर 4,620 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।

 

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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