नेशनल
मप्र में कचरे से बिजली बनाने की योजना
भोपाल| मध्य प्रदेश को बिजली आपूर्ति में सक्षम बनाने के लिए एक नई तरह की योजना बनाई जा रही है। राज्य के रीवा और सतना जिले की नगरपालिका तथा नगर पंचायतों से निकलने वाले कचरे से बिजली बनाने की एक कार्य-योजना बनाई गई है। इस योजना के माध्यम से जहां एक तरफ कचरे से बिजली बनाई जाएगी, वहीं उसी के माध्यम से जैविक खाद भी बनाई जाएगी।
राज्य के ऊर्जा तथा जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रविवार को संयंत्र लगने वाले स्थल का निरीक्षण किया। संयंत्र की स्थापना के लिए सतना जिले के रामपुर बघेलान में 50 एकड़ अनुपयोगी बंजर जमीन का चयन किया गया। शुक्ल ने कहा प्रदेश को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की कड़ी में यह संयंत्र उपयोगी होगा। संयंत्र के लिए चयनित भूमि में रीवा तथा सतना से कचरा लाया जाएगा।
उन्होंने कहा संयंत्र से कचरे से बिजली उत्पादन के साथ ही जैविक खाद का निर्माण भी होगा और स्थानीय निकायों के स्वच्छता अभियान को भी सफलता मिलेगी। ऊर्जा मंत्री शुक्ल ने बताया कि कई स्थानों का कचरा बिजली उत्पादन के लिए संकलित कर क्लस्टर आधारित योजना के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनवाई जा रही है।
आध्यात्म
नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां
नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है। मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।
मां को प्रिय है ये भोग
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।
यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा
मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।
माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं
जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।
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