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प्रादेशिक

तकनीक के इस्तेमाल पर अधिक ध्यान दे रही सरकार : अखिलेश

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उत्तर प्रदेश, अखिलेश यादव, ई-पीओएस, समाजवादी पेंशन, भ्रष्टाचार, लैपटॉप

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उत्तर प्रदेश, अखिलेश यादव, ई-पीओएस, समाजवादी पेंशन, भ्रष्टाचार, लैपटॉप

Akhilesh Yadav

लखनऊ  | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सप्लाई (ई-पीओएस) मशीन योजना के तहत खाद्य वितरण का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि उप्र सरकार की कोशिश है कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर ज्यादा से ज्यादा गरीबों को लाभ पहुंचाया जा सके। लखनऊ स्थित लोकभवन में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने इस योजना की शुरुआत करते हुए यह बातें कही।  उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए हम तकनीक का

इस्तेमाल कर रहे हैं। जनता को लाभ देना बड़ी चुनौती है। अखिलेश ने कहा, “मैं समझता हूं कि रतन टाटा का उप्र से गहरा रिश्ता बनता जा रहा है। अखिलेश ने कहा कि टाटा से और ज्यादा काम करने की प्रेरणा मिलती है।” सरकार की उपलब्धियों गिनाते हुए उन्होंने कहा कि सपा सरकार हर क्षेत्र में काम कर रही है। समाजवादी पेंशन में भी तकनीक का प्रयोग किया गया। अब स्मार्टफोन जनता से भी जुड़ेंगे। अभी इसकी शुरुआत शहरी क्षेत्र से हो रही है। बाद में यह गांवों तक भी पहुंचेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादियों ने तकनीका के इस्तेमाल से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई है। लैपटॉप इतने बांट दिए हैं कि किसी प्रदेश में इतने लैपटॉप नहीं बांटे गए। लोग सपना दिखा रहे हैं और हम काम कर रहे हैं। इस मौके पर मौजूद टाटा समूह के अध्यक्ष रतन टाटा ने कहा कि उत्तर प्रदेश लगातार विकास कर रहा है। अखिलेश काफी प्रगतिशील मुख्यमंत्री हैं। वह प्रदेश में नित नए विकास कर रहे हैं। अखिलेश अब मुझे करीबी दोस्त लगने लगे है।

उनसे जुड़ना मेरे लिए सम्मान की बात है।  प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री कमाल अख्तर ने कहा, “प्रदेश सरकार टाटा ट्रस्ट के सहयोग से इस परियोजना को लखनऊ नगर की 675 राशन की दुकानों पर चला रही है। जहां ई-पीओएस मशीन के माध्यम से लाभार्थियों को अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है। इसकी सफलता के बाद परियोजना का चरणबद्ध विस्तार करने का फैसला किया गया है।”

 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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