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उफ यह परफेक्शनिस्ट पति! पत्नी से मांगता 20 CM की गोल रोटी, घरेलू कामों के लिए भरवाता रजिस्टर

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पति-पत्नी के बीच झगड़े होना तो आम बात है लेकिन उसमें भी खाने को लेकर होने वाली कहासुनी तो बिल्कुल भी नई बात नहीं है। हालांकि जब पति-पत्नी के बीच झगड़ा 20 सेंटीमीटर की गोल रोटी को लेकर हो तो किसी को भी आश्चर्य होगा।

दरअसल पुणे की एक कोर्ट में तलाक के लिए एक महिला ने आवेदन किया है। तलाक की वजह पति की शर्त है कि किचन में बनने वाली रोटी का व्यास 20 सेमी. ही होना चाहिए। पत्नी का आरोप है कि उसका आईटी इंजीनियर पति चाहता है कि गोल रोटी की परिधि का व्यास 20 सेमी होना चाहिए। ऐसा न होने पर वह अक्सर मारपीट भी करता है। पत्नी ने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले में शिकायत की है।

पत्नी ने बताया कि उसके पति में यह पागलपन इस हद तक है कि वह हर चीज में परफेक्शन नहीं, बल्कि अति परफेक्शन की उम्मीद करता है। रोटी बनने के बाद वह इसका माप भी लेता है।

यही नहीं उसकी हरकतें बेहद अजीब हैं और वह चाहता है कि दिन भर में किए गए कामों का ब्यौरा शीट पर अलग-अलग रंगों में दर्ज किया जाए। यदि तयशुदा कोई काम नहीं हुआ तो उसके न होने का कारण लिखने के लिए भी अलग से कॉलम तैयार हो। एक भी कॉलम खाली रहने पर पत्नी की आफत आ जाती है और पति गाली-गलौच, अपमान और मारपीट पर उतारू हो जाता है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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