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उत्तर प्रदेश

संस्कृति उत्सव से प्रदेश के उदीयमान प्रतिभाओं को तलाशेगी योगी सरकार

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गोरखपुर। कला और संगीत के क्षेत्र में समृद्ध उत्तर प्रदेश में योगी सरकार प्रदेश के स्थापना दिवस (उत्तर प्रदेश दिवस) के उपलक्ष्य में संस्कृति उत्सव का आयोजन करने जा रही है। इस उत्सव का उद्देश्य कला व संगीत से जुड़ी उदीयमान प्रतिभाओं को तलाशना और मंच देकर उनकी प्रतिभा को सबके सामने लाना है। प्रतिभाओं को तलाशने और उचित मंच देने के लिए संस्कृति उत्सव के तहत तहसील से लेकर प्रदेश स्तर तक विभिन्न स्पर्धाओं का आयोजन 2 से 24 जनवरी के मध्य होगा। आयोजन को लेकर संस्कृति विभाग ने व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं।

उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को और भी समृद्ध बनाने तथा लोककला को देश सहित दुनिया भर में प्रसिद्धि दिलाने के लिये प्रदेश में 2 जनवरी से 26 जनवरी, 2025 तक ‘संस्कृति उत्सव 2024-25’ का आयोजन किया जाएगा। ‘उत्तर प्रदेश पर्व: हमारी संस्कृति-हमारी पहचान’ थीमलाइन से आयोजित किये जा रहे संस्कृति उत्सव में गांव, विकास खंड, तहसील, जनपद, मंडल सहित राज्य स्तर पर लोक कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित मंच मिलेगा। संस्कृति विभाग द्वारा इस उत्सव का आयोजन प्रदेश भर में कराया जाएगा, जिसमें कई प्रतियोगिताएं होंगी। मुख्य रूप से शास्त्रीय, उप-शास्त्रीय, लोक नाट्य व लोक संगीत जैसी सांस्कृतिक विधाओं को संरक्षित और संवर्धित करने तथा भावी पीढ़ी को हस्तांतरित करने के उद्देश्य से इन कार्यक्रमों का आयोजन प्रदेश भर में किया जाएगा। संस्कृति उत्सव के संबंध में प्रदेश के संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक इस आयोजन में ग्रामीण अंचलों में प्रचलित लोक संगीत को भी प्रमुखता दी जाएगी। सभी स्तरों पर होने वाली प्रतियोगिताओं में विजेता कलाकारों को सम्मानित व पुरस्कृत किया जाएगा।

“कार्यक्रम और उनकी तारीख*

2 से 5 जनवरी 2025 के बीच तहसील मुख्यालय पर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ग्राम पंचायत, विकास खंड और तहसील स्तर के कलाकार भाग लेंगे। इसके बाद 7 और 8 जनवरी, 2025 के बीच जनपद मुख्यालयों पर होने वाली प्रतियोगिता में तहसील स्तर के चयनित कलाकार भाग लेंगे। मंडलीय मुख्यालय स्तर पर 10 से 12 जनवरी के बीच प्रतियोगिता का आयोजन होगा, जिसमें जनपद स्तर पर चयनित कलाकार प्रतिभाग करेंगे। 18 से 20 जनवरी तक मंडल स्तर के चयनित कलाकारों की प्रतियोगिता लखनऊ में होगी। लखनऊ में हुई प्रतियोगिता के विजयी कलाकारों का 23 जनवरी को पूर्वाभ्यास होगा और 24 से जनवरी को उत्तर प्रदेश पर्व के अवसर पर अंतिम रूप से चयनित सभी प्रतिभागियों की प्रस्तुति होगी और उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।

इन विधाओं की होंगी प्रतियोगिताएं

संस्कृति उत्सव आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय गायन में ख्याल, ध्रुपद, उप-शास्त्रीय गायन में ठुमरी, दादरा, चैती, चैता, झूला, होरी, टप्पा, लोक गायन में कजरी, चैती, झूला, बिरहा, आल्हा, निर्गुण, लोकगीत, कव्वाली, सुगम संगीत में गीत, गजल, भजन और देशभक्ति गीत की स्पर्धाएं होंगी। वादन में बांसुरी, शहनाई, हारमोनियम, सितार, वॉयलिन, गिटार, सारंगी, वीणा, तबला, पखावज, मृदंगम, घटम तथा जनजातीय व लोक वाद्ययंत्र के डफला, नगाड़ा, ढोल ताशा, ढोलक, नाल, चिमटा, हुड़का, सिंघा से जुड़ी प्रतियोगिताएं होंगी। वहीं, नृत्य में कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, मोहिनीअट्टम व अन्य शास्त्रीय नृत्यों से जुड़ी प्रतियोगिताएँ होंगी।
इसी प्रकार, लोकनृत्य में धोबिया, अहिरवा, करमा, शैला, डोमकच, आखेट तथा लोकनाट्य में नौटंकी, रामलीला, रासलीला, स्वांग, भगत, बहुरूपिया, नुक्कड़ नाटक आदि की प्रतियोगिताएं होंगी।

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उत्तर प्रदेश

दिल्ली में एक ही आवाज गूंज रही है, आपदा नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे: पीएम मोदी

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नई दिल्ली। पीएम मोदी ने आज दिल्ली में 12,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। पीएम मोदी साहिबाबाद और न्यू अशोक नगर के बीच नमो भारत कॉरिडोर के अतिरिक्त 13 किलोमीटर लंबे दिल्ली खंड का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने रोहिणी के जापानी पार्क में परिवर्तन रैली को संबोधित किया।

पीएम मोदी ने कहा कि हम 2025 में हैं। 21वीं सदी को 25 साल बीत चुके हैं यानी, एक चौथाई सदी गुजर गई है। इस दौरान दिल्ली में नौजवानों की दो या तीन पीढ़ी जवान हो चुकी है। अब आने वाले 25 साल भारत के भविष्य के लिए, दिल्ली के भविष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। ये 25 साल, भारत को विकसित राष्ट्र बनते हुए देखेंगे। हम उसके भागीदार होंगे। ये भारत को आधुनिकता के एक नए दौर से गुजरते हुए देखेंगे। विकसित भारत के इस सफर का एक बहुत बड़ा पड़ाव जल्द ही आने वाला है। जब भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा। दिल्ली सरकार किसी आपदा से कम नहीं है। दिल्ली को आपदा से बचाना है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के इस सफर का एक बहुत बड़ा पड़ाव जल्द ही आने वाला है। जब भारत दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा। इस गौरवशाली यात्रा में देश की राजधानी दिल्ली का कदम से कदम मिलाकर चलना बहुत जरूरी है। हमें अपनी दिल्ली को विकसित भारत की राजधानी के रूप में डेवलप करना है।

ये हम सभी का सपना है, इसलिए मैं दिल्लीवासियों से एक अपील करने आया हूं। आपके बच्चों के भविष्य के लिए भाजपा को अवसर देने के लिए अपील करने आया हूं। ये भाजपा ही दिल्ली का विकास कर सकती है। बीते दस सालों में दिल्ली ने जिस तरह की सरकार देखी है वो किसी आपदा से कम नहीं है। .ये एहसास आज दिल्ली वालों को अच्छे से हो चुका है। इसलिए अब दिल्ली में एक ही आवाज गूंज रही है, ‘आपदा नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे’। लोकसभा चुनाव में दिल्ली की जनता से सभी सांसदों को आशीर्वाद दिया, मुझे विश्वास है कि विधानसभा चुनाव में भी आशीर्वाद मिलने वाला है।

पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली में भाजपा ने अपने बेहतरीन उम्मीदवार उतारे हैं। मैं सभी उम्मीदवारों से कहूंगा कि ये दिल्ली का दिल जीतने का सबसे स्वर्णिम समय है। जुट जाइये और दिल्ली को आपदा से मुक्ति दिलाइये। दिल्ली को दुनिया के बेस्ट शहरों में से एक बनाना हमारा संकल्प है। दिल्ली गरीब और मिडिल क्लास परिवारों के सपनों को पूरा करने वाला शहर बनेगा। दिल्ली नौजवानों के लिए नए भविष्य के निर्माण का शहर बनेगा। दिल्ली को ऐसे विकास की जरूरत है, जो दुनिया के लिए अर्बन डेवलपमेंट का मॉडल बनें। ये तभी हो सकता है जब केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर भाजपा की सरकार काम करेगी। जिसे दिल्ली की परवाह न हो वो दिल्ली का विकास नहीं कर सकती।

आज भी दिल्ली को आधुनिक बनाने के लिए जितने भी काम है, वो केंद्र की भाजपा सरकार ही कर रही है। दिल्ली में जो बड़े-बड़े प्रोजेक्ट हैं, उनका जिम्मा केंद्र सरकार के पास है। जैसे दिल्ली मेट्रो चप्पे-चप्पे तक पहुंची तो ये काम भाजपा की केंद्र सरकार ने किया। बीते एक दशक में दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो नेटवर्क दोगुने से भी अधिक हो गया है।

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