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किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बुलाई किसानों की महापंचायत
चंडीगढ़। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर जारी लड़ाई को मजबूत करने के वास्ते किसानों से शनिवार को बड़ी संख्या में पंजाब-हरियाणा सीमा पर स्थित खनौरी विरोध स्थल पर पहुंचने की अपील की। डल्लेवाल केंद्र सरकार पर किसानों की विभिन्न मांगों को मानने का दबाव बनाने के लिए पिछले 39 दिन से भूख हड़ताल पर हैं। शुक्रवार को जारी 70 सेकंड के वीडियो संदेश में डल्लेवाल ने कहा कि जो लोग फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी से जुड़ी लड़ाई का हिस्सा हैं, “वे खनौरी जरूर पहुंचें, क्योंकि मैं आपके दर्शन करना चाहता हूं।
शंभू बॉर्डर तथा खनौरी सीमा पर डेरा डाले हैं किसान
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की तरफ कूच करने से रोके जाने के बाद 13 फरवरी 2024 से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर तथा खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। लंबे समय से अनशन कर रहे डल्लेवाल (70) ने कोई भी चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है, जिससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया है। पंजाब सरकार डल्लेवाल को मनाने की कोशिश कर रही है कि अगर वह अपना अनशन खत्म नहीं करना चाहते हैं, तो कम से कम चिकित्सा सहायता लें। हालांकि, डल्लेवाल अपने रुख पर कायम हैं।
डल्लेवाल के स्वास्थ्य पर लगातार नजर
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बृहस्पतिवार को कहा था कि सरकारी चिकित्सकों की एक टीम डल्लेवाल के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रख रही है। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने खनौरी में संवाददाताओं से कहा कि डल्लेवाल एक महत्वपूर्ण संदेश देने के लिए शनिवार के कार्यक्रम में दो-तीन मिनट तक बोलेंगे। शंभू बॉर्डर और खनौरी सीमा पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान मंचों के समन्वयक सरवन सिंह पंढेर ने केंद्र पर “अड़ियल रवैया” अपनाने और मुद्दे का समाधान निकालने का प्रयास न करने का आरोप लगाया। गतिरोध खत्म करने के लिए आंदोलनकारी किसानों से बातचीत करने के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा था कि सरकार पंजाब-हरियाणा सीमा पर किसानों के विरोध-प्रदर्शन के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार काम करेगी।
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तीन महीने में दूसरी बार मेरा सामान सीएम आवास से निकालकर सड़क पर फेंक दिया गया : आतिशी
नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सोमवार को उनका सामान सीएम आवास से बाहर कर दिया गया। भाजपा की अगुवाई वाली इस सरकार ने चिट्ठी भेजकर मुख्यमंत्री आवास का आवंटन रद्द कर दिया है। आतिशी ने कहा कि ‘ऐसा तीन महीने में दूसरी बार हुआ है। तीन महीने पहले भी उनका सामान सीएम आवास से निकालकर सड़क पर फेंक दिया गया।’ आप नेता ने कहा कि भाजपा को लगता है कि यह सब करके वह हमें काम करने से रोक देगी लेकिन वह हमारे काम रोक सकती है लेकिन लोगों के प्रति काम करने की जो हमारे अंदर भावना है, उसे वह नहीं रोक पाएगी।’
आतिशी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा ने तीन महीने में दो बार मुझसे मेरा आवास छीना है। अगर जरूरत पड़ी तो मैं दिल्ली वालों के घर में जाकर रहूंगी लेकिन दिल्ली वालों के काम नहीं रुकेंगे।” आतिशी ने कहा कि दिल्ली के चुनाव की घोषणा जिस दिन होती है उससे पिछली रात को भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने जो मेरा सरकारी आवास है, उससे मुझे बाहर कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने मुझे तीन महीने में दूसरी बार मुख्यमंत्री आवास से निकाल कर बाहर फेंक दिया है। मुख्यमंत्री आवास का अलॉटमेंट कैंसिल किया और मुख्यमंत्री आवास एक चुनी हुई सरकार की चुनी हुई मुख्यमंत्री से छीन लिया। तीन महीने पहले भी उन्होंने मुख्यमंत्री आवास से मेरा सामान, मेरे परिवार का सामान घर से निकालकर सड़क पर फेंक दिया था। भारतीय जनता पार्टी को लगता है कि वह घर छीनकर, हमारे साथ गाली गलौज करने से मेरे परिवार के बारे में निचले स्तर की बातें करके हमारे काम रोक देंगे।
उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली वालों को यह कहना चाहूंगी कि अगर जरूरत पड़े तो मैं आपके घर पर जाकर रहूंगी और आपके घर से दिल्ली वालों के लिए काम करूंगी। दोगुनी स्पीड से काम करूंगी, दोगुने जज्बे से काम करूंगी। भारतीय जनता पार्टी को यह बताने के लिए काम करूंगी कि आप हम पर कोई भी अत्याचार कर लीजिए, हमें कितना भी परेशान कर लीजिए, हम दिल्ली वालों के काम रुकने नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि तीन महीने पहले मेरा सामान सड़क पर भले फेंक दिया था। उसके बाद तीन महीने में मैंने दिल्ली की सड़क ठीक करवाई। मैंने दिल्ली में फ्लाईओवर बनवाए। मैंने दिल्ली में स्कूल बनवाए, मोहल्ला क्लीनिक में जो टेस्ट रुके हुए थे वो टेस्ट शुरू करवाए। उन्होंने कहा कि जब भाजपा वालों ने मुझे मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकाल कर फेंक है। अब वह याद रखें कि आज मैं यह प्रण ले रही हूं दिल्ली की हर महिला को 2,100 रुपये दिलवा कर रहूंगी। संजीवनी योजना के तहत दिल्ली के हर बुजुर्ग को सरकारी अस्पताल में प्राइवेट अस्पताल में फ्री इलाज करवा कर रहूंगी। दिल्ली के हर पुजारी और हर ग्रंथी को हर महीने 18,000 रुपये की सम्मान राशि दिलवा कर रहूंगी। भारतीय जनता पार्टी वाले समझ लें कि आम आदमी पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता, एक एक नेता और मुख्यमंत्री अपने सिर पर कफन बांधकर निकला है। दिल्ली वालों के लिए काम करने के लिए निकला है। आप हमें जितना परेशान करेंगे, हम और ज्यादा जज्बे से काम करेंगे।
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