Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

उप्र : किसानों को मिले 23 व 28 रुपये के राहत चेक, मौत मांगी

Published

on

Loading

झांसी/बांदा| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक तरफ जहां प्रदेश को चमकाने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं, वही दूसरी ओर बुंदेलखंड के किसानों को राहत के नाम पर 23 और 28 रुपये के चेक मिल रहे हैं। आक्रोशित किसानों ने मुआवजे के बदले सरकार से मौत मांगी है। बांदा में इस मामले को लेकर मंगलवार को किसानों ने धरना-प्रदर्शन कर चेक वापस कर दिया।

वहीं, झांसी में विरोध जताते हुए किसानों ने ठीक से मुआवजा नहीं मिलने पर इसके बदले मौत की मांग की है। किसानों ने कहा कि अगर यही बर्ताव करना है तो फिर उन्हें अन्नदाता कहलाना पसंद नहीं है।

भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के बुंदेलखंड के अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार के नेतृत्व में हजारों किसान मंगलवार को मऊरानी तहसील परिसर पहुंचे। यहां सभी धरने पर बैठ गए।

इस मौके पर शिव नारायण ने कहा कि सरकार किसानों को 28 रुपये के चेक देना बंद कर दे। अगर बर्बाद किसान अपनी मनमानी और दबंगई पर आ गया तो उनसे बुरा कोई नहीं होगा। सरकार हो या प्रशासन, फिर वे किसी की नहीं सुनेंगे।

किसानों ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा। अध्यक्ष ने कहा कि बुंदेलखंड के बांदा ही नहीं, झांसी में भी इतनी कम राशि के चेक देकर किसानों के साथ मजाक किया जा चुका है। शिकायत के बावजूद जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार और अधिकारियों को ये उदासीनता उन पर भारी पड़ेगी। अगर जल्दी उनकी समस्याओं को दूर नहीं किया गया तो वे तहसील में ताला लगा देंगे। इसके लिए वे जेल भी जाने को तैयार हैं।

गौरतलब है कि बीते दिनों बांदा में किसानों को 23 रुपये का चेक राहत के तौर पर दिए जाने की बात सामने आई थी। इस वजह से किसानों में काफी गुस्सा है। वहीं, बुंदेलखंड में ओलावृष्टि और सूखा पड़ने की वजह से फसलें खराब हो गई थीं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending