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उत्तराखंड

जोशीमठ के बाद अब ऋषिकेश से कुछ दूर अटाली गांव में कई खेत धंसे, मकानों में आईं दरारें

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देहरादून। ऋषिकेश के नजदीक अटाली गांव में रेलवे सुरंग की वजह से भूधंसाव होकर गांव के खेतों सहित मकानों में दरारें आने की घटना सामने आई है। ऋषिकेश से लगभग 25 किलोमीटर दूर बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर व्यासी के समीप अटाली गांव के नीचे रेल विकास निगम द्वारा ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट के तहत सुरंग का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसके चलते जहां रेल प्रोजेक्ट की दीवारें भूधंसाव का शिकार हो गई है। वहीं अब सुरंग के ऊपर बसे अटाली गांव के कई खेत धंसते जा रहे हैं। साथ ही लगातार होते भूधंसाव की वजह से गांव के कई मकानों में लगातार दरारें आ रही है।

अटाली गांव ऋषिकेश से करीब 25 किलोमीटर दूर है। ये बदरीनाथ नेशनल हाइवे पर व्यासी के पास है। यहां रेल विकास निगम ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट के तहत सुरंग की खोदाई करवा रहा है। अटाली के लोगों का कहना है कि सुरंग खोदे जाने की शुरुआत के साथ ही जमीन में कंपन हो रहा है। इस कंपन से घरों की दीवारों, छत और फर्श में दरारें पड़ रही हैं। जमीन भी यहां धंसती जा रही है। खेतों तक में दरारें आ गई हैं। अटाली के लोगों का कहना है कि अगर तुरंत कुछ न किया गया, तो यहां भी हालात जोशीमठ और कर्णप्रयाग जैसे हो सकते हैं।

यहां मकानों, खेतों वगैरा में दरार लगातार पड़ते जा रहे हैं। इससे अटाली में रहने वालों की नींद उड़ी हुई है। गांव के लोगों का कहना है कि वे रात को जमीन धसकने की आशंका से सो नहीं पा रहे हैं।

उत्तराखंड

सीएम धामी ने राजधानी दिल्ली में पीएम मोदी से की मुलाकात, उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों के लिए किया आमंत्रित

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देहरादून। उत्‍तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों के लिए आमंत्रित भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के प्रथम चरण पर तेजी से काम चल रहा है। टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना का सर्वे का कार्य हो चुका है। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना की स्वीकृति और परियोजना का पूर्ण वित्तीय व्यय भार केंद्र सरकार द्वारा किए जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड में जल जीवन मिशन की प्रगति की जानकारी देते हुए जल जीवन मिशन में आवंटित केंद्रीय अंशदान की अवशेष धनराशि जल्द अवमुक्त किए जाने के लिए संबंधित को निर्देशित करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश को रिवर राफ्टिंग में iconic city के रूप में चयनित करने पर आभार व्यक्त करते हुए हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर परियोजना के लिए राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए केंद्र स्तर से संसाधन उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश में भूतपीय ऊर्जा के दोहन के लिए आइसलैंड एंबेसी के सहयोग से एक एमओयू प्रस्तावित है। इस एमओयू पर भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से आवश्यक अनापत्ति पत्र प्राप्त किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के लिए सभी तकनीकी और वित्तीय सहयोग राज्य सरकार को प्रदान किए जाने का अनुरोध किया ताकि वर्ष 2070 तक कार्बन नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में उत्तराखंड अहम भूमिका निभा सके।

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