प्रादेशिक
ज्ञानवापी मस्जिद की दीवार पर दिखाई दिया तराशा हुआ प्राचीन घंटा और स्वास्तिक
लखनऊ। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद इन दिनों काफी चर्चा में है। विवाद मस्जिद परिसर के अंदर मौजूद श्रृंगार गौरी की रोज पूजा-अर्चना की मांग को लेकर है। कोर्ट ने पूजा की मांग वाली याचिका के बाद मस्जिद में आर्कियोलॉजिकल सर्वे का आदेश दिया है।
इस बीच वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर के सर्वे के दौरान वीडियोग्राफी करने वाले विभाष दूबे ने कई दावे किए हैं। वीडियोग्राफर विभाष दुबे के दावों ने एक बार फिर माहौल गरमा दिया है। विभाष दूबे ने मीडिया से की गई बातचीत में कहा कि उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद की दीवार पर तराशा हुआ प्राचीन घंटा और फूलों की लड़ियां दिखाई दी थी।
विभाष दूबे ने कहा कि श्रृंगार गौरी के नीचे झांकने पर विष्णुजी का फन काढ़े नाग और ब्रह्माजी का कमल दिखा. उत्तर और पश्चिम से सर्वे का काम शुरू हुआ था, रिकॉर्ड करने के लिए धूल हटाई गई थी. दो parallel camera लगातार चल रहे थे। श्रृंगार गौरी के शिलाभाग के नीचे वाले हिस्से में कुछ चीज थी जब नीचे झांक कर देखा, कमल बना था.
वीडियोग्राफर विभाष दूबे का दावा है कि कमल के अलावा फूलों की लड़ियां भी थी, ठीक सामने वाली मस्जिद की दीवार पर तराशा हुआ घंटा दिखाई दिया, जो मस्जिद की पश्चिम वाली दीवार पर था. काफी पुराना तराशा घंटा हुआ, जिस पर नक्काशी हुई थी, नीचे से बढ़ते हुए दक्षिण दिशा बढ़े, 6 मई को अंदर जाने की कोशिश हुई तब विरोध शुरू हुआ.
विभाष दूबे का दावा है कि नंगी आंखों से यह सब वहां जाकर देखा जा सकता है, जिस तरफ नंदी मुंह कर बैठे हैं वहां मस्जिद की दीवार पर फूलों की लड़ियां दिखीं, दक्षिण में स्वास्तिक भी दिखा, कलाकृतियां साफ नज़र आती हैं, फन काढ़े हुए विष्णु जी का नाग भी दिखा, श्रृंगार गौरी की दीवार पर गढ़े हुए दिखे.
विभाष दूबे ने कहा कि बाहर जब नारे लगने शुरू हुए तो अंदर से डर लग रहा था, अगले दिन कई लोग एकदम से सामने आ गए जो एक्सपेक्टेड नहीं था, अचानक आई भीड़ करीब 100 लोगों की थी, वह कैमरा लगने के बाद भीं नही हट रहे थे, वह सब विरोध के लिए सामने आकर खड़े हो गए.
उत्तर प्रदेश
अखिलेश संभल भेजेंगे 12 नेताओं का डेलिगेशन, पुलिस बोली- किसी को घुसने नहीं देंगे
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा में 4 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, पुलिसकर्मियों समेत बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं। इस हिंसा को लेकर विपक्षी दल पुलिस प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं। अब इस मामले में समाजवादी पार्टी के ओर से प्रतिनिधिमंडल भेजने का ऐलान कर दिया गया है। यह प्रतिनिधिमंडल संभल जाएगा और फिर उसकी रिपोर्ट अखिलेश यादव को सौंपेगा।
सपा ने सोशल मीडिया के जरिए इस प्रतिनिधिमंडल की जानकारी देते हुए लिखा, ‘माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी के निर्देशानुसार समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल संभल जाकर वहां हुई हिंसा की जानकारी लेगा एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को रिपोर्ट सौंपेगा.’ सपा के इस प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे समेत 12 नेता शामिल हैं।
प्रतिनिधिमंडल में विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव, सांसद जावेद अली, सांसद हरिंदर मलिक, सांसद रुचि वीरा, सांसद जिया उर रहमान बर्क, सांसद नीरज मौर्य, विधायक नवाब इकबाल, विधायक पिंकी यादव, विधायक कमाल अख़्तर, मुरादाबाद जिलाध्यक्ष जयवीर यादव और बरेली जिलाध्यक्ष शिवचरण कश्यप शामिल हैं।
हालांकि, जानकारी ये भी सामने आई है कि समाजवादी पार्टी के डेलिगेशन को पुलिस की इजाजत नहीं मिली है। नेताओं को संभल की सीमा में रोक दिया जायेगा। यूपी पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के जिन लोगों ने संभल आने की घोषणा की है उनको उन्हीं की जगह पर डिटेन किया जा रहा है। पुलिस सूत्रों ने कहा है कि संभल में किसी को नहीं आने दिया जाएगा, किसी ने कोशिश की तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा।
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