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अयोध्या धाम को जल्द मिलेगी तीन नये पथों की सौगात
अयोध्या। श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या में दर्शन पूजन के लिए प्रतिदिन लाखों की तादात में श्रद्धालु आ रहे हैं। ऐसे में अयोध्या की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव भी बढ़ा है। कई बार जाम की स्थिति भी देखने को मिल रही है। इस समस्या से श्रद्धालुओं को निजात दिलाने व अयोध्या आने वाले हर रामभक्त को आसानी से रामलला का दर्शन हो सके, इसके लिए योगी सरकार ने वैसे तो पहले से ही चार नए पथों का निर्माण कराया है, फिर भी श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए अब तीन और नए पथों के निर्माण का निर्णय लिया गया है। बनाए जाने वाले तीनो पथों की लम्बाई लगभग 7.40 किलोमीटर रहेगी। इनके निर्माण पर 29937.50 लाख रुपए योगी सरकार खर्च करेगी।
नए पथों का शीघ्र ही निर्माण होगा प्रारंम्भ
अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को जाम के झाम से न जूझना पड़े इसके लिए तीन नए पथों का निर्माण किया जाएगा। पहला पथ होगा लक्ष्मण पथ, जिसकी लम्बी होगी 6.70 किमी। इसके निर्माण पर 26222.65 लाख रुपए की लागत आएगी। यह गुप्तारघाट से राजघाट तक फोर लेन बनाया जाएगा। दूसरे बनने वाले पथ को अवध आगमन पथ का नाम दिया गया है। यह क्षीरसागर पथ से रामपथ तक 0.30 किमी लम्बा बनाया जाएगा। इस पथ के निर्माण पर 1689.32 लाख रुपए की लागत आएगी। अयोध्या मे बनने वाले तीसरे पथ को क्षीरसागर पथ का नाम दिया गया है। इसकी लम्बाई 0.400 किमी रहेगी। इसके निर्माण पर 2025.53 लाख रुपए की लागत आएगी। नए बनने वाले इन तीनों पथों के निर्माण का दायित्व लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खण्ड को सौंपा गया है।
पहले से संचालित हैं चार पथ
नव्य-भव्य और दिव्य मंदिर में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही योगी सरकार ने आने वाली भीड़ का अनुमान लगाते हुए सहादतगंज से नयाघाट तक लगभग 13 किमी लम्बा फोर लेन रामपथ, बिड़ला धर्मशाला से रामजन्म भूमि तक .566 किमी लम्बा जन्मभूमि पथ, श्रृंगार हाट से हनुमानगढ़ी तक .742 किमी भक्ति पथ व लता मंगेशकर चौक से लखनऊ-गोरखपुर हाईवे तक फोर लेन धर्म पथ का निर्माण कराया था। फिर भी जिस प्रकार श्रद्धालुओं की भीड़ अयोध्या पहुंच रही है उसे देखते हुए तीन नए पथों का अयोध्या मे निर्माण कराए जाने का निर्णय लिया गया है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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