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बीजेपी ने तीन राज्यों के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट की जारी, PM मोदी, शाह और योगी के नाम शामिल

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने तीन राज्यों के लिए अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। इन तीनों लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नेड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हैं। बता दें इस बार भी लोकसभा चुनाव सात चरणों में होगा। पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा। ऐसे में चुनाव प्रचार के लिए भी अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है।

बीजेपी ने ऐसे कई नेताओं को भी स्टार प्रचारक बनाया है जिन्हें इस बार टिकट नहीं दिया। इनमें बिहार से अश्वनि चौबे का भी नाम शामिल है। वहीं बिहार से शाहनवाज हुसैन को भी स्टार प्रचारक बनाया गया है। इनके अलावा बिहार से सुशील कुमार मोदी, मंगल पांडे, संजय जायसवाल, रेणु देवी, सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, अनिल शर्मा, निवेदिता सिंह और निक्की हेंब्रेन को भी स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया है। मनोज तिवारी भी बिहार के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हैं। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी बिहार के लिए स्टार प्रचारक बनाए गए हैं।

वहीं बीजेपी ने मध्य प्रदेश में स्टार प्रचारकों की सूची में राज्य के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी जगह दी है। यही नहीं मध्य प्रदेश के दूसरे राज्यों के कई मुख्यमंत्रियों को भी स्टार प्रचारक बनाया गया है। इनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा शर्मा, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का नाम भी शामिल है। इनके अलावा कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए सुरेश पचौरी भी भी राज्य में स्टार प्रचारक बनाया गया है।

वहीं पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती और अमित मालवीय को स्टार प्रचारक बनाया है। 40 स्टार प्रचारकों की इस सूची में बीजेपी ने पीएम मोदी और प्रमुख केंद्रीय नेताओं को भी चुनाव प्रचार के लिए चुना है। इनके अलावा शुवेंदु अधिकारी, दिलीप घोष, स्वप्न दास गुप्ता, मुफुजा खातून, रुद्रनील घोष, अमिताभ चक्रवर्ती, सुकुमार राय, सिद्धार्थ टिर्की, देवाश्री चौधुरी को भी राज्य में स्टार प्रचारकों लिस्ट में शामिल किया गया है।

नेशनल

Delhi Election : दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग, 8 को आएंगे नतीजे

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने आज तारीखों का ऐलान कर दिया है। चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया है कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में ही वोटिंग होगी। दिल्ली में पांच फरवरी को वोटिंग होगी तो वहीं आठ को नतीजे आएंगे। इस बार भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। इससे पहले सोमवार को चुनाव आयोग ने फाइनल वोटर लिस्ट जारी की थी। दिल्ली में इस बार कुल 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 वोटर हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, दिल्ली के चुनाव में इस बार कुल 1.55 करोड़ से ज्यादा वोटर्स होंगे। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 83,49,645 जबकि महिला वोटर्स की संख्या 71,73,952 है. वहीं, थर्ड जेंडर की संख्या 1,261 है।

इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि यह मेरी आखिरी पीसी है। उन्होंने वोटर्स खासतौर से युवा वोटर्स से अपील की कि इसी तरह से मतदान करते रहें। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में हमने अधिकतम वोटिंग का नया कीर्तिमान स्थापित किया। उन्होंने कहा कि चुनावी भूमिकाओं में मतदाताओं का आंकड़ा 90 करोड़ को पार कर गया है, जल्द ही हमारे पास 1 अरब मतदाता होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि महिला मतदाताओं की संख्या भी लगभग 48 करोड़ होने वाली है।

दिल्ली चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि दिल्ली दिल से वोट करेगी हमें ऐसी उम्मीद है। चुनाव के दौरान इतनी उपलब्धियां थीं, लेकिन इसके साथ कुछ कंसर्न भी आए। इस दौरान कहा गया कि गलत तरीके से मतगणना की गई। ऐसा भी कहा जाता है कि ग्रुप या लोकेलिटी के नाम काट दिए गए। ईवीएम को लेकर कहा गया कि मैनिपुलेट हो सकता है। इसके साथ ही कहा गया कि कैसे पांच बजे के बाद वोटर टर्नआउट बढ़ गए, वोटर्स और काउंटिंग में मिसमैच हुआ, काउंटिंग स्लोडाउन कर दी गई, ये सभी मुद्दे उठाए गए।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई डिलिशन हो ही नहीं सकता है। भारत को ये जानना जरूरी है कि कोई प्रक्रिया ऐसी नहीं है जिसमें हर साल वैरिफिकेशन होता है। हर साल इसका सर्वे किया जाता है, जो अक्टूबर में शुरू होता है। हर पार्टी को दो-दो कॉपी दी जाती है। कोई भी ऑब्जेक्शन हो तो बताएं। हर गांव में पोलिंग स्टेशन पर ड्राफ्ट की कॉपी पब्लिश की जाती है। ऐसे में इसका डिलिशन हो ही नहीं सकता। ये हर साल होता है। जहां एक-एक वोट के लिए लड़ाई होती है, वहां आप किसी सीट से नाम काट देंगे तो क्या हालत होगी? मान लें अगर एक प्रतिशत कहीं इधर-उधर हो भी गया तो 5 जनवरी से 1 अक्टूबर तक का टाइम होता है, लेकिन इस दौरान कोई सूचना नहीं दी जाती कि इसका नाम कट गया या इसको जोड़ दें। अगर एक-दो नाम इधर-ऊधर होते हैं, तो उसको भी ठीक कर दिया जाता है।

ईवीएम की हैकिंग पर उन्होंने कहा कि चुनाव की तारीख से 7-8 दिन पहले ईवीएम कमीशन किया जाता है। इसके बाद एजेंट के सामने मॉकपोल किया जाता है। उसी दिन ईवीएम में बैट्री डाली जाती है, उसी दिन ईवीएम को सील किया जाता है। इसके बाद पोलिंग के दिन उनके सामने ही पोलिंग बूथ पर सील तोड़ी जाती है। पोलिंग एजेंट दिन भर भी वहीं पर होते हैं। शाम को फार्म 17सी में वोटिंग की संख्या उन्हें बता दी जाती है। इसके बाद ईवीएम वापस लाया जाता है, पोलिंग एजेंट के सामने ही उसे सील किया जाता है। काउंटिंग के दिन भी उनके सामने ही ईवीएम की सील खोली जाती है। इसके बाद फार्म 17सी के आधार पर वोटिंग की संख्या मिलाने को कहा जाता है। पोलिंग बूथ के सामने किसी भी पांच वीवीपैट के वोटों की गिनती की जाती है। ईवीएम हैक हो ही नहीं सकती। कोई वायरस या बग नहीं हो सकता।

उन्होंने बिना नाम लिए एलन मस्क पर निशाना साध। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आईटी के एक ग्लोबल एक्सपर्ट ने कहा कि ईवीएम हैक हो सकती है। अब वही कह रहे हैं कि हमें डेढ़ महीने लगे काउंटिंग करने में जबकि इंडिया में एक दिन में ही काउंटिंग हो जाती है।

 

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