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उत्तर प्रदेश

सीएम ने जताई चिंता, बोले- कार्बन उत्सर्जन व प्रदूषण कम करने के लिए यूपी में चल रहे अनेक अभियान

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक समाचार पत्र समूह की तरफ से आयोजित ‘ग्रीन भारत समिट’ को संबोधित करते हुए बदलते पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली पिछले एक महीने से गैस चैंबर बन गई है। श्वांस रोगियों और बुजुर्गों के लिए स्थिति बेहद गंभीर है। इससे सरकार चिंतित व माननीय न्यायालय सख्त है। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय आपदाएं मानव की अनियोजित विकास नीतियों और गलत आदतों का परिणाम हैं।

कहीं अतिवृष्टि तो कहीं सूखा

सीएम योगी ने मानसून के बदलते पैटर्न पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहले मानसून 15 जून से शुरू होकर 15 अगस्त तक समाप्त हो जाता था, लेकिन अब यह 15 अगस्त से 15 अक्टूबर तक खिंच जाता है। इससे फसलों की कटाई और बोवाई के समय में भी बदलाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि कहीं अतिवृष्टि है तो कहीं सूखा, जिससे किसान तबाह हो रहे हैं।

नदियों को अस्वस्थ कर खड़ी कर रहे आपदा

सीएम योगी ने जल प्रदूषण को भी प्रमुख समस्या बताया। प्रदूषित जल से बीपी, शुगर और पेट की बीमारियां बढ़ रही हैं। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘हर घर नल’ योजना के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो रही है, जिससे जलजनित बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सके। सीएम योगी ने कहा कि हमने विकास भी अनियोजित व अवैज्ञानिक किया है। उद्योग बड़ा लगाएंगे और कचरा नदियों में उड़ेल देंगे। जीवनदायिनी नदियों को अस्वस्थ करके हम मानव व जीव सृष्टि पर आपदा खड़ी कर रहे हैं। क्षमता से अधिक पेस्टिसाइड व केमिकल का छिड़काव करने से बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। एक राज्य के भीतर सरकार को ट्रेन चलानी पड़ी, जिसे कैंसर ट्रेन नाम दिया गया यानी ट्रेन में आने वाले अधिकतर पेशेंट कैंसर के थे। यह आपदा कहीं और से नहीं आई, बल्कि मनुष्य ने स्वयं ही खड़ा किया है।

कार्बन उत्सर्जन घटाने की दिशा में हो रहे प्रयास

सीएम योगी ने बताया कि यूपी सरकार ने कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए कई अभियान शुरू किए हैं। 2017 के बाद से 16 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट्स लगाई गईं, जिससे 9.4 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम हुआ और 968 करोड़ रुपये की बचत हुई। उन्होंने पीएम मोदी की “पीएम सूर्य घर योजना” का जिक्र करते हुए बताया कि इस योजना के तहत लोग सोलर पैनल लगाकर अपनी जरूरत की बिजली का उत्पादन कर सकते हैं और अतिरिक्त बिजली बेच सकते हैं।

वनाच्छादन और ग्रीन एनर्जी पर फोकस

सीएम ने बताया कि 2017 से अब तक प्रदेश में 204 करोड़ पौधारोपण किया गया है। राज्य का वनाच्छादन 10% तक पहुंच गया है, जिसे अगले तीन वर्षों में 15% तक ले जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि यूपी में 23,000 हेक्टेयर लैंडबैंक तैयार किया गया है, जिसका उपयोग रिन्यूवल एनर्जी के लिए किया जा सकता है।

स्मॉग और घरेलू प्रदूषण पर भी जताई चिंता

उन्होंने कहा कि पराली जलाने और लकड़ी-कोयले पर खाना बनाने से भी प्रदूषण बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने 2016 में उज्ज्वला योजना का अभियान चलाया। 10 करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देकर इस समस्या का समाधान किया गया है। उन्होंने बताया कि लकड़ी या कोयले पर भोजन बनाना 100 से अधिक सिगरेट के धुएं के बराबर खतरनाक है।

सीएम योगी ने कहा कि प्रदूषित जल व खुले में शौच बहुत खतरनाक होता है। 1977 से 2017 तक पूर्वी उप्र के 38 जनपदों में इंसेफेलाइटिस से हुई मौत इसके प्रमाण हैं। 40 वर्ष में 50 हजार बच्चों की मौत हुई थी। बीमारी का कारण प्रदूषित जल व गंदगी थी। अब हर घर में शौचालय बन रहे, अभियान चलाकर हर घऱ शुद्ध जल पहुंचाया जा रहा। इसके कारण इस बीमारी को महज दो वर्ष के अंदर नियंत्रित किया गया, अब इंसेफलाइटिस से कोई मौत नहीं होती।

सतत विकास और समाज की भूमिका पर जोर

सीएम योगी ने कहा कि यह प्रयास केवल सरकार तक सीमित नहीं हो सकता। इसमें समाज, संस्थान और आमजन की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने विशेषज्ञों से शोध और नवाचार को बढ़ावा देने की अपील की। सीएम ने ‘ग्रीन भारत समिट’ के आयोजन के लिए समाचार पत्र समूह के पहल की सराहना करते हुए इसे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ की वेबसाइट पर आए 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा यूजर्स

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महाकुम्भ नगर। मानवता की अमूर्त विरासत के रूप में प्रसिद्ध सनातन संस्कृति के सबसे बड़े मानव समागम महाकुम्भ 2025 को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों में जिज्ञासा है। अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए लोग इंटरनेट पर विभिन्न वेबसाइट्स और पोर्टल के जरिए महाकुम्भ के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। इस जिज्ञासा का सबसे बड़ा समाधान उन्हें महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट https://kumbh.gov.in/ पर आकर मिल रहा है। वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार 4 जनवरी तक 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा लोगों ने वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के विषय में जानकारी हासिल की है। इन देशों में यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका समेत सभी कांटिनेंट्स के लोग शामिल हैं।

प्रतिदिन लाखों यूजर्स आ रहे वेबसाइट पर

महाकुम्भ की वेबसाइट को हैंडल कर रही टेक्निकल टीम के प्रतिनिधि के अनुसार 4 जनवरी तक के डाटा के अनुसार अब तक 33 लाख 5 हजार 667 यूजर्स वेबसाइट पर आ चुके हैं। ये सभी यूजर्स भारत समेत पूरी दुनिया के 183 देशों से है। इन 183 देशों में से भी 6206 शहरों से वेबसाइट पर लोग आए हैं और उन्होंने यहां काफी समय भी बिताया है। वेबसाइट पर आने वाले टॉप-5 देशों की बात करें तो पहला नंबर निश्चित रूप से भारत का है, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी से भी लाखों लोग प्रतिदिन वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के बारे में जानकारियां जुटा रहे हैं। टेक्निकल टीम के अनुसार वेबसाइट के शुभारंभ के बाद से बड़ी संख्या में लोग वेबसाइट पर आ रहे हैं। हालांकि, जैसे-जैसे महाकुम्भ करीब आ रहा है वैसे-वैसे यूजर्स की संख्या लाखों में पहुंचती जा रही है।

6 अक्टूबर को सीएम योगी ने किया था वेबसाइट का शुभारंभ

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस महाकुम्भ को डिजिटल महाकुम्भ के रूप में प्रस्तुत कर रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स बनाए गए हैं। इसी में एक महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट भी है, जिसका शुभारंभ 6 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां प्रयागराज में किया था। इस वेबसाइट पर श्रद्धालुओं के लिए महाकुम्भ से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें कुम्भ से जुड़ी परंपराओं, कुम्भ की महत्ता, आध्यात्मिक गुरुओं के साथ-साथ कुम्भ पर किए गए अध्ययन की विस्तृत जानकारियां दी गई हैं। यही नहीं, महाकुम्भ के दौरान प्रमुख आकर्षण, प्रमुख स्नान पर्व, क्या करें-क्या नहीं और कलाकृतियों को विस्तार से बताया गया है। इसके अतिरिक्त ट्रैवल और स्टे, गैलरी, क्या नया हो रहा है समेत समूचे प्रयागराज के विषय में बताया गया है।

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