उत्तर प्रदेश
चोटिल शिक्षक को पुरस्कृत करने मंच से उतर गए सीएम योगी
गोरखपुर। शिक्षक दिवस पर गोरखपुर के योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित राज्य अध्यापक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों के प्रति श्रद्धा में प्रोटोकॉल से परे एक ऐसा कदम उठा लिया कि सभी लोग हतप्रभ होकर भी मुस्कुरा उठे। एक चोटिल शिक्षक को मंच पर बुलाए जाने से पहले ही मुख्यमंत्री खुद सम्मान पत्र लेकर उस शिक्षक तक पहुंच गए। मुख्यमंत्री की सहजता और सरलता से भरी इस पहल ने कार्यक्रम स्थल पर मौजूद सभी लोगों का दिल जीत लिया। अपने स्थान पर ही सम्मानित होने वाले अलीगढ़ के शिक्षक मूलचंद्र के लिए तो यह सुखद पल आजीवन यादगार हो गया। उनकी चोट का संज्ञान लेकर उन्हें सीएम ने जब उनके पास आकर पुरस्कार दिया तो वह काफी भावुक हो गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं, वहां की गुरु-शिष्य परम्परा बेमिसाल है। हर गुरु के प्रति सम्मान का भाव रखना उन्हें विरासत में मिला है। इस विरासत के भाव का एक नजारा आज शिक्षक दिवस समारोह में देखने को मिला। समारोह में मुख्यमंत्री ने 53 शिक्षकों को मंच पर सम्मानित किया। इसके बाद अलीगढ़ के प्राथमिक विद्यालय सूरतगढ़ (अतरौली ब्लॉक) के प्रधानाध्यापक मूलचंद्र के पैर में चोट लगी होने के कारण उन्हें सबसे अंत में मंच पर बुलाया जाना था। पर जैसे ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर शिक्षक मूलचंद्र के चोटिल पैर पर पड़ी तो उन्होंने उनका सम्मान पत्र अपने हाथ में लिया और अचानक मंच से नीचे उतर गए। मूलचंद्र के पास जाकर सीएम ने उन्हें सम्मान पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया। मुख्यमंत्री ने उनका कुशलक्षेम पूछा, शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सराहना की।
मुख्यमंत्री के हाथों अपने स्थान पर ही पुरस्कृत हुए शिक्षक मूलचंद्र ने कार्यक्रम के बाद कहा कि आज वह खुद को बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी पुरस्कृत करने के लिए मुख्यमंत्री खुद उनके पास आ जाएंगे। इस क्षण को, मुख्यमंत्री की सहृदयता और सहजता को आजीवन नहीं भूल पाऊंगा। मेरे प्रति मुख्यमंत्री का यह भाव सभी शिक्षकों के प्रति श्रद्धा और सम्मान की शीर्ष भावना है।
उत्तर प्रदेश
हरित महाकुम्भ में जुटेंगे 1000 से ज्यादा पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ प्रयागराज संस्कृति और आध्यात्म के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश प्रसारित कर रहा है। यहां 31 जनवरी को हरित महाकुम्भ का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें देश भर से 1000 से ज्यादा पर्यावरण और जल संरक्षण कार्यकर्ता हिस्सा ले रहे हैं। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के ‘ज्ञान महाकुम्भ – 2081’ के कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत यह विशिष्ट कार्यक्रम प्रयागराज महाकुम्भ में आयोजित किया जाना है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ज्ञान महाकुम्भ के मुख्य संरक्षक हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा
हरित महाकुम्भ के अंतर्गत प्रकृति, पर्यावरण, जल समेत स्वच्छता से संबंधित मसलों पर राष्ट्रीय स्तर की चर्चा होगी। प्रकृति के पांच तत्वों के संतुलन और उनसे जुड़ी चुनौतियों पर विशेषज्ञ अपनी राय और अनुभव साझा करेंगे। इसके अतिरिक्त महाकुम्भ में आ रहे लोगों को पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूक करने और इस संबंध में चलाए जा रहे अभियान को लेकर भी चर्चा होगी।
विशेषज्ञों के साथ ही श्रद्धालु भी जुड़ेंगे
पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता राम बाबू तिवारी ने बताया कि हरित महाकुम्भ को लेकर तैयारी चल रही है। इसमें देश भर के पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण से जुड़े कार्यकर्ता और विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। महाकुम्भ में हिस्सा लेने आ रहे श्रद्धालुओं को किस तरह पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के अभियान से जोड़ा जाए, इस पर भी व्यापक चर्चा और विमर्श किया जाएगा।
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