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उत्तर प्रदेश

सरोजनीनगर हादसे में घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे सीएम योगी, जाना कुशलक्षेम

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरोजनीनगर हादसे में घायलों का हालचाल जानने रविवार को लोकबंधु श्री राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे। इस दौरान अस्पताल में भर्ती एक-एक मरीज से मिले और स्वास्थ्य की जानकारी ली। सीएम ने अस्पताल प्रशासन को सभी घायलों के समुचित इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। इसके बाद उन्होंने मरीजों के परिजनों से भी बातचीत की।

मरीजों और तीमारदारों से बोले सीएम, परेशान होने की जरूरत नहीं, सरकार उनके साथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर दौरे के बाद रविवार को एयरपोर्ट पर उतरते ही सीधे सरोजनीनगर हादसे में घायलों का हालचाल लेने लोकबंधु अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने विभिन्न वार्ड में भर्ती 10 मरीजों के पास जाकर एक-एक का हाल जाना। इस दौरान उन्होंने मरीजों से हादसे की भी जानकारी भी हासिल की। वहीं अस्पताल प्रशासन को मरीजों के इलाज के समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिये। सभी घायलों का अच्छे से इलाज करने के साथ ध्यान रखा जाए। इसके बाद सीएम योगी ने अस्पताल के हाल में मौजूद मरीजों के परिजनों से भी मुलाकात की। सीएम योगी ने तीमारदारों से कहा कि उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार साथ है। हर किसी की हरसंभव मदद की जाएगी। इस दौरान महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक राजेश्वर सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार, मंडलायुक्त रौशन जैकब, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे।

संवेदनशीलता के साथ पीड़ितों और परिजनों संग खड़ी है सरकारः सीएम योगी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर लिखा कि बिल्डिंग गिरने के दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में घायल हुए लोगों से आज लखनऊ स्थित लोकबंधु श्री राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय में भेंट कर उनका कुशलक्षेम जाना और चिकित्सकों से उनके उपचार के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने लिखा कि कुशल चिकित्सकों के नेतृत्व में सभी का समुचित उपचार शीर्ष प्राथमिकता पर किया जा रहा है। इस कठिन समय में उत्तर प्रदेश सरकार पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ पूरी तत्परता तथा संवेदनशीलता के साथ खड़ी है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।

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उत्तर प्रदेश

यूपी ने बाजी मारी, टीबी नोटिफिकेशन में देश में अव्वल

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लखनऊ: प्रदेश की झोली में एक और उपलब्धि आई है। ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान व इलाज करने में उत्तर प्रदेश 2024 में भी अव्वल रहा है। प्रदेश को बीते साल साढ़े छह लाख मरीजों के चिन्हिकरण का लक्ष्य मिला था। उसके सापेक्ष 6.73 लाख मरीजों की पहचान की गई। ये रिकार्ड है। 2023 में भी प्रदेश ने साढ़े लाख मरीजों के लक्ष्य का आंकड़ा पार किया था। दूसरे स्थान पर महराष्ट्र व तीसरे स्थान पर बिहार का नाम दर्ज है। इसके बाद मध्यप्रदेश व राजस्थान ने नोटिफिकेशन किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि देश-प्रदेश से टीबी उन्मूलन का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का चिन्हिकरण व इलाज किया जाए। इसी के मद्देनजर केंद्रीय टीबी डिवीजन ने सभी प्रदेशों को 2024 की शुरुआत में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य तय किया था। उत्तर प्रदेश को 6.5 लाख मरीज खोजने का लक्ष्य दिया गया था।

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर तक प्रदेश में 6 लाख 73 हजार टीबी मरीजों की पहचान हुई। इन सभी का इलाज शुरू हो चुका है। टीबी नोटिफिकेशन के लक्ष्य को छू पाने में प्राइवेट डाक्टरों की भूमिका भी सराहनीय रही है। प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान यानी तकरीबन 40 प्रतिशत मरीज प्राइवेट डाक्टरों के माध्यम से पंजीकृत हुए हैं।

उत्तर प्रदेश के बाद महराष्ट्र में सवा दो लाख मरीजों का पंजीकरण हुआ। तीसरे नंबर पर बिहार में दो लाख मरीज चिंहित किए जा सके। मध्य प्रदेश में 1.78 लाख व राजस्थान में 1.70 लाख मरीजों का चिन्हिकरण किया हुआ।

राज्य टीबी अधिकारी डॉ शैलेंद्र भटनागर ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रम जैसे हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस, एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान व दस्तक अभियान चलाए गए जिससे हम ज्यादा से ज्यादा टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोज पाए। इस वक्त 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान पूरे प्रदेश में चल रहा है जिसके माध्यम से उच्च जोखिम वाले व प्रिजेम्टिव टीबी वाले केसों को खोजने पर पूरे विभाग का ध्यान केंद्रित है।

टीबी का उन्मूलन प्राइवेट डाक्टरों की सहभागिता के बिना नहीं हो सकता। यह एक कड़वा सच है। उत्तर प्रदेश में मथुरा, आगरा, कानपुर, गोरखपुर व झांसी ने इस मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है। लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली व गाजियाबाद में भी प्राइवेट डाक्टर सक्रियता दिखा रहे हैं लेकिन श्रावस्ती में बीते साल सिर्फ 44 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं।

इसके अलावा महोबा में 255, सोनभद्र में 374, चित्रकूट में 376, हमीरपुर में 380, कन्नौज में 444, सुल्तानपुर में 444, अमेठी में 447, संतरवीदास नगर में 456, चंदौली में 488 और कानपुर देहात में सिर्फ 468 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इन जनपदों में प्राइवेट डाक्टरों की प्रतिभागिता बढ़े जाने की जरूरत है।

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