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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी की पहल लाई रंग, प्रदेश में बनायी गयी 16 लाख से अधिक फार्मर्स आईडी

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लखनऊ: योगी सरकार प्रदेश के अन्नदाताओं को सरकारी योजनाओं को लाभ दिलाने के लिए व्यापक स्तर पर विभिन्न अभियान चला रही है। इसी के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश भर में अभियान चलाकर फार्मर्स आईडी बनायी जा रही है, जिससे अन्नदाताओं को योजनाओं का लाभ मिलने में पारदर्शिता और तेजी लाई जा सके। वहीं फार्मर्स आईडी बनाने में पूरे प्रदेश में जौनपुर ने बाजी मारी है जबकि रामपुर, अंबेडकरनगर, महराजगंज और पीलीभीत ने टाॅप फाइव जिलों में जगह बनायी है।

1 लाख से अधिक फार्मर्स आईडी बनाकर जौनपुर ने मारी बाजी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभालते ही अन्नदाताआें को हर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कई बड़े कदम उठाये। उसी का नतीजा है कि आज प्रदेश का अन्नदाता खुशहाल के साथ समृद्ध हो रहा है। उनकी आय में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। सीएम योगी के निर्देश पर अन्नदाताओं की डिजिटल आईडी बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में 2,22,96,269 अन्नदाता निवास कर रहे हैं। ऐसे में उन्हे डिजिटल आईडी मुहैया कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में 28 दिसंबर शाम 6 बजे तक 16,65,233 फार्मर्स आईडी बनायी जा चुकी है। इसी क्रम में जौनपुर जिले ने 28 दिसंबर शाम 6 बजे तक 1,09,048 फार्मर्स आईडी बनाकर पूरे प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि सीएम योगी की मंशा के अनुरूप जिले में अन्नदाताओं को सरकारी योजनाओं को लाभ देने के लिए फार्मर्स आईडी बनायी जा रही है। इसी का परिणाम है कि जौनपुर फार्मर्स आईडी बनाने में पूरे प्रदेश में पहले पायदान पर है। इसी तरह रामपुर फार्मर्स आईडी बनाने में दूसरे, अंबेडकरनगर तीसरे, महराजगंज चौथे और पीलीभीत पांचवे स्थान पर है। रामपुर जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह ने बताया कि रामपुर में 28 दिसंबर शाम 6 बजे तक कुल 92,026 फार्मर्स आईडी बनायी गयी है।

50 हजार से अधिक आईडी बनाकर पीलीभीत ने टॉप फाइव में बनायी जगह

अंबेडकरनगर जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने बताया कि जिले ने 28 दिसंबर तक 66,115 फार्मर्स आईडी बनाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। महराजगंज जिलाधिकारी अनुनय झा ने बताया कि 66,550 फार्मर्स आईडी बनाकर प्रदेश में चौथा स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि शिविर और अभियान चलाकर फार्मर्स आईडी बनायी जा रही है। पीलीभीत जिलाधिकारी संजय सिंह ने बताया कि जिले ने 50,399 फार्मर्स आईडी बनाकर टॉप फाइव में जगह बनायी है। बता दें कि फार्मर्स आईडी से किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना समेत अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे और निर्बाध रूप से मिल सकेगा। यह पहल किसानों के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ऐसे में जिलाधिकारियों, ग्रामीण इलाकों में सहायक कर्मियों और स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से अभियान को गति दी जा रही है।

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उत्तर प्रदेश

यूपी ने बाजी मारी, टीबी नोटिफिकेशन में देश में अव्वल

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लखनऊ: प्रदेश की झोली में एक और उपलब्धि आई है। ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान व इलाज करने में उत्तर प्रदेश 2024 में भी अव्वल रहा है। प्रदेश को बीते साल साढ़े छह लाख मरीजों के चिन्हिकरण का लक्ष्य मिला था। उसके सापेक्ष 6.73 लाख मरीजों की पहचान की गई। ये रिकार्ड है। 2023 में भी प्रदेश ने साढ़े लाख मरीजों के लक्ष्य का आंकड़ा पार किया था। दूसरे स्थान पर महराष्ट्र व तीसरे स्थान पर बिहार का नाम दर्ज है। इसके बाद मध्यप्रदेश व राजस्थान ने नोटिफिकेशन किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि देश-प्रदेश से टीबी उन्मूलन का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का चिन्हिकरण व इलाज किया जाए। इसी के मद्देनजर केंद्रीय टीबी डिवीजन ने सभी प्रदेशों को 2024 की शुरुआत में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य तय किया था। उत्तर प्रदेश को 6.5 लाख मरीज खोजने का लक्ष्य दिया गया था।

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर तक प्रदेश में 6 लाख 73 हजार टीबी मरीजों की पहचान हुई। इन सभी का इलाज शुरू हो चुका है। टीबी नोटिफिकेशन के लक्ष्य को छू पाने में प्राइवेट डाक्टरों की भूमिका भी सराहनीय रही है। प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान यानी तकरीबन 40 प्रतिशत मरीज प्राइवेट डाक्टरों के माध्यम से पंजीकृत हुए हैं।

उत्तर प्रदेश के बाद महराष्ट्र में सवा दो लाख मरीजों का पंजीकरण हुआ। तीसरे नंबर पर बिहार में दो लाख मरीज चिंहित किए जा सके। मध्य प्रदेश में 1.78 लाख व राजस्थान में 1.70 लाख मरीजों का चिन्हिकरण किया हुआ।

राज्य टीबी अधिकारी डॉ शैलेंद्र भटनागर ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रम जैसे हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस, एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान व दस्तक अभियान चलाए गए जिससे हम ज्यादा से ज्यादा टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोज पाए। इस वक्त 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान पूरे प्रदेश में चल रहा है जिसके माध्यम से उच्च जोखिम वाले व प्रिजेम्टिव टीबी वाले केसों को खोजने पर पूरे विभाग का ध्यान केंद्रित है।

टीबी का उन्मूलन प्राइवेट डाक्टरों की सहभागिता के बिना नहीं हो सकता। यह एक कड़वा सच है। उत्तर प्रदेश में मथुरा, आगरा, कानपुर, गोरखपुर व झांसी ने इस मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है। लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली व गाजियाबाद में भी प्राइवेट डाक्टर सक्रियता दिखा रहे हैं लेकिन श्रावस्ती में बीते साल सिर्फ 44 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं।

इसके अलावा महोबा में 255, सोनभद्र में 374, चित्रकूट में 376, हमीरपुर में 380, कन्नौज में 444, सुल्तानपुर में 444, अमेठी में 447, संतरवीदास नगर में 456, चंदौली में 488 और कानपुर देहात में सिर्फ 468 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इन जनपदों में प्राइवेट डाक्टरों की प्रतिभागिता बढ़े जाने की जरूरत है।

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