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उत्तर प्रदेश

संविधान का गला घोटने के लिए कांग्रेस को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए: सीएम योगी

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लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर सीएम योगी ने कहा कि उन्होंने (कांग्रेस) प्रस्तावना में संशोधन करके संविधान की आत्मा को नष्ट करने की कोशिश की। कांग्रेस ने देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया। कांग्रेस पार्टी ने संविधान के अधिकारों को अपने पास रखा। उस समय न्यायपालिका बंधक थी। आज भले ही कांग्रेस पार्टी का चेहरा बदल गया हो, लेकिन उसका चरित्र आज भी वही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि रात के अंधेरे में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने कैसे भारत के लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास किया गया था। संविधान का गला घोटने के लिए कांग्रेस को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब हम उस आपातकाल को याद करते हैं तो पाते हैं कि कांग्रेस में भले ही चेहरे बदल गए, लेकिन आज भी चरित्र वही है। यह लोकतंत्र की दुहाई देते हैं, लेकिन ये भारत के बाहर जाकर भारत को और उसके लोकतंत्र को कोसते हैं। भारत की चुनाव प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं। भारत के अंदर हर चुनाव की प्रक्रिया में बाधा पैदा कर ईवीएम पर दोषारोपण कर अपनी अकर्मण्यता का परिचय देते हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस का तानाशाही क्रूर रवैया जिसने आज से नहीं 1975 में ही नहीं, आजादी के तत्काल बाद संविधान में संशोधन कर धारा 370 जबरन डालकर देश की अखंडता को चुनौती दी। इसके अलावा समय समय पर लोकतंत्र के सभी स्तंभों को कमजोर करने का प्रयास किया गया। योगी ने विपक्षी गठबंधन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि 1975 में जो लोग देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल गए, आज उनकी नई पीढ़ी कांग्रेस की गोद में बैठी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस आज भी उसी रास्ते पर चल रही है, संविधान को खत्म करने के रास्ते पर चल रही है। कांग्रेस के जो सहयोगी हैं, वह जनता के नाम पर संविधान की कार्रवाई को बाधित करने का काम कर रहे है।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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