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उत्तर प्रदेश

और बढ़ा कालानमक धान का क्रेज, पिछले साल की तुलना में बीज की बिक्री करीब 20 फीसदी बढ़ी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर जबसे कालानमक धान को सिद्धार्थनगर का ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) घोषित किया गया है तबसे इसका क्रेज बढ़ता जा रहा है। पिछले साल की तुलना में बीज की बिक्री में करीब 20 फीसदी की वृद्धि इसका सबूत है। यही नहीं स्वाद, सुगंध और पौष्टिकता में बेमिसाल होने के नाते अन्य राज्यों में भी इसका विस्तार हो रहा है। इस साल छत्तीसगढ़, बिहार, एमपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और हरियाणा से भी बीज की ठीकठाक मांग आई है।

कालानमक धान पर दो दशक से काम कर रहे पद्मश्री से सम्मानित कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरसी चौधरी के अनुसार उनके पास जितने बीज की मांग जीआई वाले पूर्वांचल के 11 जिलों से आई है लगभग उतनी ही मांग छत्तीसगढ़ से भी निकलने का अनुमान है। बीज की बढ़ी मांग की तस्दीक गोरखपुर के बड़े बीज बिक्रेता उत्तम बीज भंडार के श्रद्धानंद तिवारी भी करते हैं। उनके मुताबिक पिछले साल के मुकाबले कालानमक धान के बीज की मांग अधिक है। इसी नाते आपूर्तिकर्ता कंपनियों की संख्या भी खासी बढ़ी है। प्रतियोगिता के नाते दाम भी वाजिब है। दोनों लोंगों का कहना है कि आज कालानमक धान का जो भी क्रेज है उसकी एकमात्र वजह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निजी प्रयास है। उत्तर प्रदेश की बात करें तो जीआई वाले जिलों के अलावा बलिया, आजमगढ़, जौनपुर, सुल्तानपुर, प्रयागराज, उन्नाव, प्रतापगढ़ आदि वे जिले हैं जहां से कालानमक धान के बीज की अच्छी मांग निकली है।थोड़ी-बहुत डिमांड तो कई प्रदेशों एवं जिलों से है।

मात्र सात साल में करीब चार गुना हुआ रकबा

कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरसी चौधरी के मुताबिक पिछले साल कालानमक धान का रकबा सिर्फ जीआई वाले जिलों में करीब 80 हजार हेक्टेयर था। 2024 में बीज बिक्री के अबतक के आंकड़ों के अनुसार यह एक लाख हेक्टेयर तक पहुंच जाएगा। अन्य जिलों और प्रदेशों को शामिल कर लें तो यह रकबा अपेक्षा से बहुत अधिक होगा। मात्र सात साल में इसके रकबे में करीब चार गुना वृद्धि हुई। 2016 में इसका रकबा सिर्फ 2200 हेक्टेयर था, जो 2022 में बढ़कर 70 हजार हेक्टेयर से अधिक हो गया। 2024 में इसके एक लाख हेक्टेयर से अधिक होने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री की निजी रुचि की वजह से हुआ यह चमत्कार

कालानमक धान की इस लोकप्रियता के पीछे योगी सरकार की बड़ी भूमिका है। सिद्धार्थनगर का ओडीओपी घोषित करने के बाद से सरकार ने इसे लोकप्रिय बनाने के लिए कई प्रयास किए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन के उच्चाधिकारियों ने किसानों के साथ सिद्धार्थनगर जाकर बैठकों के साथ फील्ड विजिट किया। किसानों से उनकी समस्याएं जानीं। सरकार की ओर से कपिलवस्तु में कालानमक महोत्सव का शुभारंभ खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। कुशीनगर में आयोजित अंतराष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव में आये बौद्ध देश के अतिथियों को गिफ्ट हैंपर के रूप में कालानमक चावल दिया गया। खास अवसर पर खास अतिथियों को दिए जाने गिफ्ट हैंपर में कालानमक अनिवार्यतः होता ही है। दो साल पहले मुख्यमंत्री ने सिद्धार्थनगर में कालानमक के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) का लोकार्पण भी किया था। इसमें कालानमक के ग्रेडिंग, पैकिंग से लेकर हर चीज की अत्याधुनिक सुविधा एक ही छत के नीचे मिल जाती है। योगी सरकार के इन सारे प्रयासों का नतीजा सबके सामने है। यही नहीं, दो साल पहले प्रधानमंत्री ननरेंद्र मोदी ने कालानमक को लोकप्रिय बनाने के लिए वहां के तत्कालीन जिलाधिकारी दीपक मीणा को सम्मानित भी किया था।

और बेहतर प्रजातियों के विकास के लिए इरी कर रहा शोध

किसानों में इसका क्रेज देखते हुए कालानमक धान के अनुसंधान पर भी जोर है। वाराणसी स्थित इरी (इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट) इस पर शोध कर रहा। वह कई प्रजातियों पर ट्रायल कर रहा है। ट्रायल में जो प्रजाति बेहतर निकलेगी उसे किसानों में लोकप्रिय किया जाएगा। उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों के बीच काम करने वाली संस्था सस्टेनेबल ह्यूमन डेवलेपमेंट को इरी ने पिछले साल कालानमक की 15 प्रजातियों को एक जगह छोटे-छोटे रकबे में डिमांस्ट्रेशन के लिए उपलब्ध कराया है। कटाई पर इसमें से जो भी सर्वश्रेष्ठ होगा उसे किसानों में लोकप्रिय बनाया जाएगा। एनबीआरआई भी कालानमक पर एक शोध प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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