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उत्तर प्रदेश

स्वामी प्रसाद मौर्य पर कार्रवाई की मांग, महंत ने कहा- रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई तो करेंगे अनशन

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SP leader Swami Prasad Maurya

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बरेली। हिंदू धर्म को लेकर विवादित बयान देने वाले समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ बरेली के बारादरी थाने में तहरीर दी गई है। हिंदू धर्म के खिलाफ स्वामी प्रसाद मौर्य की बयानबाजी से आहत बरेली के साईं मंदिर के महंत पंडित सुशील पाठक ने बारादरी थाने में तहरीर दी है।

बरेली के श्यामगंज चौकी प्रभारी ने महंत ने बयान दर्ज किए। महंत ने चेतावनी दी है कि अगर रविवार रात तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई तो वह सोमवार सुबह से बेमियादी अनशन शुरू करेंगे।

पंडित सुशील पाठक ने तहरीर में जिक्र किया है कि स्वामी प्रसाद मौर्य रोज ही हिंदू धर्म और ब्राह्मणों को निशाना बनाकर बयान दे रहे हैं। वह राजनीतिक पदों पर बैठे या सत्तापक्ष को लेकर कोई बयान दें, इससे कोई परहेज नहीं है, लेकिन हिंदू धर्म को धोखा बताकर और मंदिरों को तोड़ने जैसे बयान देकर वह ठीक नहीं कर रहे हैं। इससे देश के एक बड़े वर्ग की भावनाएं आहत हो रही हैं।

हिंदू समाज को किया बांटने का प्रयास

मंदिर के महंत ने आरोप है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने कई बार अपने भाषण के माध्यम से हिंदू समाज को आपस में बांटने व लड़ाने का प्रयास किया है, जिससे हिंदू धर्म को मानने वालों की आस्था को ठेस पहुंची है। उन्होंने अपने एक भाषण में यह भी बोला है कि मंदिरों को तुड़वाकर जांच की जाए तो वहां बौद्ध मठ निकलेंगे।

पुलिस को दी तहरीर में महंत ने मांग की है कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ तत्काल रिपोर्ट दर्ज की जाए। बारादरी थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर अली हसन ने बताया कि श्यामगंज चौकी प्रभारी मामले की जांच कर रहे हैं। बयान लखनऊ में दिया गया है। यहां रिपोर्ट दर्ज करने के आधार को लेकर उच्चाधिकारियों से बात करेंगे।

उत्तर प्रदेश

यूपी ने बाजी मारी, टीबी नोटिफिकेशन में देश में अव्वल

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लखनऊ: प्रदेश की झोली में एक और उपलब्धि आई है। ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान व इलाज करने में उत्तर प्रदेश 2024 में भी अव्वल रहा है। प्रदेश को बीते साल साढ़े छह लाख मरीजों के चिन्हिकरण का लक्ष्य मिला था। उसके सापेक्ष 6.73 लाख मरीजों की पहचान की गई। ये रिकार्ड है। 2023 में भी प्रदेश ने साढ़े लाख मरीजों के लक्ष्य का आंकड़ा पार किया था। दूसरे स्थान पर महराष्ट्र व तीसरे स्थान पर बिहार का नाम दर्ज है। इसके बाद मध्यप्रदेश व राजस्थान ने नोटिफिकेशन किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि देश-प्रदेश से टीबी उन्मूलन का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का चिन्हिकरण व इलाज किया जाए। इसी के मद्देनजर केंद्रीय टीबी डिवीजन ने सभी प्रदेशों को 2024 की शुरुआत में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य तय किया था। उत्तर प्रदेश को 6.5 लाख मरीज खोजने का लक्ष्य दिया गया था।

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर तक प्रदेश में 6 लाख 73 हजार टीबी मरीजों की पहचान हुई। इन सभी का इलाज शुरू हो चुका है। टीबी नोटिफिकेशन के लक्ष्य को छू पाने में प्राइवेट डाक्टरों की भूमिका भी सराहनीय रही है। प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान यानी तकरीबन 40 प्रतिशत मरीज प्राइवेट डाक्टरों के माध्यम से पंजीकृत हुए हैं।

उत्तर प्रदेश के बाद महराष्ट्र में सवा दो लाख मरीजों का पंजीकरण हुआ। तीसरे नंबर पर बिहार में दो लाख मरीज चिंहित किए जा सके। मध्य प्रदेश में 1.78 लाख व राजस्थान में 1.70 लाख मरीजों का चिन्हिकरण किया हुआ।

राज्य टीबी अधिकारी डॉ शैलेंद्र भटनागर ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रम जैसे हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस, एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान व दस्तक अभियान चलाए गए जिससे हम ज्यादा से ज्यादा टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोज पाए। इस वक्त 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान पूरे प्रदेश में चल रहा है जिसके माध्यम से उच्च जोखिम वाले व प्रिजेम्टिव टीबी वाले केसों को खोजने पर पूरे विभाग का ध्यान केंद्रित है।

टीबी का उन्मूलन प्राइवेट डाक्टरों की सहभागिता के बिना नहीं हो सकता। यह एक कड़वा सच है। उत्तर प्रदेश में मथुरा, आगरा, कानपुर, गोरखपुर व झांसी ने इस मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है। लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली व गाजियाबाद में भी प्राइवेट डाक्टर सक्रियता दिखा रहे हैं लेकिन श्रावस्ती में बीते साल सिर्फ 44 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं।

इसके अलावा महोबा में 255, सोनभद्र में 374, चित्रकूट में 376, हमीरपुर में 380, कन्नौज में 444, सुल्तानपुर में 444, अमेठी में 447, संतरवीदास नगर में 456, चंदौली में 488 और कानपुर देहात में सिर्फ 468 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इन जनपदों में प्राइवेट डाक्टरों की प्रतिभागिता बढ़े जाने की जरूरत है।

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