उत्तर प्रदेश
दिव्यांगजनों ने साबित किया-हम किसी से कम नहीं: सीएम योगी
लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दिव्यांग शब्द और भावनाओं को सम्मान देकर उन्हें गरिमामयी पूर्ण तरीके से जीवन व हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान की। दिव्यांगजनों को जब भी अवसर मिला तो अपनी प्रतिभा से उन्होंने इस शब्द की पुष्टि की। सीएम योगी ने ऋषि अष्टावक्र, महाकवि सूरदास, भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग, जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य समेत अनेक उदाहरण दिए। कहा कि जिन्हें भी मंच व समाज का प्रोत्साहन-संबल मिला तो उन्होंने देश-दुनिया व मानवता को अपनी प्रतिभा का लाभ दिया और यह साबित किया कि वे किसी से कम नहीं हैं। विश्व दिव्यांग दिवस इसी दृष्टिकोण को अपनाने के लिए समाज को नई प्रेरणा प्रदान करने का माध्यम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व दिव्यांग दिवस पर मंगलवार को लोकभवन में राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित किया। राजकीय स्पर्श बालिका विद्यालय मोहान रोड की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। सीएम ने बच्चों की प्रस्तुति की सराहना की। सीएम ने प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती (राष्ट्रीय अधिवक्ता दिवस) की भी शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि सरकार समाज के हर तबके के लिए कार्य करते हुए पीएम मोदी के विजन ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ बढ़ रही है।
दृष्टिबाधित, मूकबधिर व अन्य बच्चों के लिए कॉलेज संचालित, लेकिन इनकी संख्या बढ़ाने की आवश्यकता
सीएम योगी ने कहा कि राज्य के अंदर दो-दो दिव्यांग विश्वविद्यालय (लखनऊ में डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय व चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय) है। अलग-अलग क्षेत्रों में दृष्टिबाधित, मूकबधिर व अन्य बच्चों के लिए भी कॉलेज संचालित हैं, लेकिन इनकी संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। इसमें प्रशिक्षित शिक्षक हों, उन्हें अच्छा मानदेय, सुविधाएं, प्रशिक्षण मिले और तकनीक से सक्षम बनाया जाए। इस पर और कार्य करने की आवश्यकता है।
चुपचाप तैयारी करेंगे तो रिजल्ट प्रतिभा को प्रदर्शित करेगा
सीएम योगी ने कहा कि कार्य करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए, फंड बाधा नहीं है। यदि चुपचाप तैयारी करेंगे तो रिजल्ट प्रतिभा को प्रदर्शित कर देगा। सीएम ने बताया कि 2017 में प्रदेश में केवल 7-8 लाख दिव्यांगजनों को पेंशन मिलती थी, वह भी महज 300-300 रुपये। यह राशि छह महीने में आती थी तो आधा पैसा बाबू खा जाता था, लेकिन हम लोग सीधे लाभार्थी के खाते में धनराशि भेजते हैं। हमने यह राशि 300 रुपये से बढ़ाकर एक हजार रुपये की। अब 11 लाख दिव्यांगजन 12 हजार रुपये वार्षिक पेंशन का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। तीन हजार रुपये मासिक कुष्ठावस्था पेंशन पीड़ित व्यक्ति के परिवार को उपलब्ध कराते हैं। यह भी तय किया गया कि इन परिवारों को पीएम/सीएम आवास भी देंगे।
स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के मॉडल हैं रामचंद्र गुप्ता
सीएम योगी ने कहा कि राजकीय सेवाओं में दिव्यांगों के लिए 4 फीसदी आरक्षण की भी व्यवस्था है। कानपुर देहात के रामचंद्र गुप्ता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दिव्यांग होने के बावजूद वे स्वावलंबन और आत्मनिर्भर के मॉ़डल हैं। अपने माध्यम से बच्चों के लिए बड़ा केंद्र का संचालन करते हैं। इससे साबित होता है कि इच्छाशक्ति होगी तो बड़े से बड़ा कार्य किया जा सकता है। दिव्यांगजनों की प्रतिभा व ऊर्जा का सबसे अच्छा उदाहरण पेरिस पैरालंपिक रहा, जिसमें शानदार प्रदर्शन से मेडल की झड़ी लग गई थी। सीएम ने कहा कि सरकारी भवनों व संस्थाओं से कहा गया है कि दिव्यांगजनों के चढ़ने के लिए रैंप बनवाएं। परिवहन निगम की बसों में दिव्यांगों की निःशुल्क यात्रा के लिए 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। शादी-विवाह के लिए (40 फीसदी वाले दंपती) पति के दिव्यांग होने पर 15 हजार, पत्नी के लिए 20 हजार व दोनों के दिव्यांग होने पर 35 हजार रुपये की सहायता उपलब्ध कराते हैं। दुकान निर्माण के लिए 20 हजार व दुकान, गुमटी, हाथ ठेला संचालन के लिए 10 हजार रुपये अनुदान दिया जा रहा है।
कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी के लिए छह लाख रुपये तक की दी गई धनराशि
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से दिव्यांगजनों के लिए अनेक कार्यक्रम चल रहे हैं। विभिन्न प्रकार की सर्जरी के लिए अनुदान राशि 8 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये की गई है। कृत्रिम अंग वितरण, मूकबधिर बच्चों के कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी के लिए छह लाख रुपये तक की राशि दी गई है। प्रदेश में इस वर्ष 24 सर्जरी हुई है। सरकार प्रदेश में तमाम संस्थाओं के संचालन में भी मदद कर रही है। प्री प्राइमरी से लेकर बचपन डे केयर्स स्थापना के साथ ही मेरठ, बरेली व गोरखपुर में मानसिक मंदित आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केंद्र संचालित हैं।
पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए भी अनेक कार्य कर रही सरकार
सीएम योगी ने कहा कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से जुड़े अनेक कार्यक्रमों को सरकार ने बढ़ाया। 2016-17 में विभाग को 1295 करोड़ बजट दिया जाता था, अब यह राशि लगभग 2800 करोड़ रुपये हो गई। इसमें 116 प्रतिशत की वृद्धि की गई। 2016-17 में पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना के लिए 107 करोड़ बजट आवंटित था, इससे 5.19 लाख छात्र-छात्राएं लाभान्वित होती थीं। अब बजट 160.16 करोड़ किया गया है, जिससे 7.58 लाख विद्यार्थी लाभ ले रहे हैं। पिछड़ा वर्ग से जुड़े छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। 2016-17 में 983 करोड़ की लागत से 13.64 लाख बच्चे दशमोत्तर छात्रवृत्ति का लाभ प्राप्त करते थे। उस समय केवल 11.13 लाख छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ दिया जाता था। अब 2070 करोड़ रुपये से 19.80 लाख छात्र-छात्राओं को दशमोत्तर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिल रहा है यानी 2016-17 की तुलना में आज 1100 करोड़ रुपये अतिरिक्त दशमोत्तर छात्रों को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ दे रहे। इससे 7 लाख अतिरिक्त बच्चे लाभान्वित हो रहे। 2016-17 में अनुदान राशि 141 करोड़ रुपये से 70 हजार बेटियों को लाभ प्राप्त हो पाया था। इस समय 200 करोड़ रुपये की लागत से एक लाख बेटियों को लाभान्वित किया जा रहा है।
इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग कल्याण व दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप, समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव गोंड, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव सुभाष चंद शर्मा, डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति संजय सिंह आदि मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश
क्रॉप कटिंग के माध्यम खरीफ की फसलों की उत्पादकता पर योगी सरकार की पैनी नजर
लखनऊ। किसानों के जीवन में आर्थिक स्थिरता लाने और उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार खरीफ फसलों की उत्पादकता का वैज्ञानिक और तकनीकी तरीके से आकलन कर रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत क्रॉप कटिंग प्रयोग (सीसीई) के माध्यम से उत्पादकता मापने और किसानों की क्षति का आकलन कर उन्हें समय पर बीमा लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है।
सीसीई एग्री ऐप से अब तक हुए 2.45 लाख क्रॉप कटिंग प्रयोग, जीसीईएस ऐप से 11,374 प्रयोग पूरे
इस साल खरीफ के मौसम में सीसीई एग्री ऐप के माध्यम से 3 लाख से अधिक क्रॉप कटिंग प्रयोग के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं जिसमें अब तक 2.45 लाख प्रयोग पूरे किए जा चुके हैं। यह कृषि उत्पादन में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके अतिरिक्त, जीसीईएस ऐप के जरिए 13,654 क्रॉप कटिंग प्रयोग के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 11,374 प्रयोग पूरे हो चुके हैं। यह प्रक्रिया न केवल फसलों की उत्पादकता का आकलन करती है बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि फसल बीमा योजना के तहत किसानों को क्षतिपूर्ति जल्द और सटीक तरीके से प्राप्त हो।
आधुनिक तकनीकों के उपयोग से किसानों को हो रहा लाभ
सीसीई एग्री ऐप और जीसीईएस ऐप जैसे अत्याधुनिक उपकरण फसल कटाई प्रक्रिया को न केवल तेज बल्कि प्रभावी भी बनाते हैं। यह ऐप्स फसल की स्थिति, उत्पादन क्षमता और संभावित क्षति का सटीक डेटा उपलब्ध कराते हैं, जिससे बीमा कंपनियों को सही जानकारी मिलती है और किसानों को समय पर मुआवजा मिलना सुनिश्चित होता है।
खरीफ मौसम में 10 फसलों को इस योजना में शामिल किया गया है। जिसमें, धान, मक्का, बाजरा, ज्वार, उर्द, मींग, तिल, मूंगफली,सोयबीन व अरहर शामिल हैं। क्रॉप कटिंग प्रयोगों के माध्यम से इन फसलों की उत्पादकता का सटीक आकलन किया जा रहा है। यह पहल न केवल किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है बल्कि कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में प्रदेश को अग्रणी बना रही है।
किसानों को खराब फसल की क्षतिपूर्ति प्राप्त करने में मददगार है यह प्रयोग
क्रॉप कटिंग या फसल कटाई के प्रयोग द्वारा फसल की औसत पैदावार निकाली जाती है। क्रॉप कटिंग आधार पर ही जनपदों के कृषि उत्पादन के आंकड़े तैयार करके शासन को भेजे जाते हैं। क्रॉप कटिंग के प्राप्त आंकड़ों के आधार पर फसल बीमा धारक किसान को नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। कृषि विभाग सभी जनपदों के समस्त क्षेत्रों के क्रॉप कटिंग आंकड़ों का औसत निकालकर शासन को भेजता है। इसके आधार पर ही जनपद में विभिन्न फसलों की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता का निर्धारण किया जाता है। योगी सरकार आंकड़ों की शुद्धता के लिए 15% अनिवार्य निरीक्षण के लिए जनपद में कृषि, राजस्व एवं विकास विभाग के अधिकारियों को नामित किया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत प्रदेश में इम्पैनल्ड बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधियों द्वारा भी 30% क्राप-कटिंग प्रयोगों का सह अवलोकन कराया जा रहा है।
क्रॉप कटिंग के जरिए प्राप्त आंकड़ों का उपयोग पीएमएफबीवाई के तहत सरकार प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति देती है। इस योजना के तहत, फसल क्षति होने पर किसानों को संबंधित बीमा कंपनियों से मुआवजा मिलता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता लाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए इन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया है।
किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा क्रॉप कटिंग प्रयोग
प्रदेश में कृषि क्षेत्र पर बड़ी संख्या में लोगों की निर्भरता है। योगी सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि फसलों की क्षति की स्थिति में किसान किसी भी आर्थिक संकट से बच सकें। इसके लिए संबंधित विभाग के कर्मचारियों द्वारा रैंडमली ऑनलाइन चयनित गांव के एक खेत में समबाहु त्रिभुज के प्रति 10 मीटर भुजा वाले क्षेत्र के अंतर्गत फसल की कटाई एवं उससे प्राप्त अनाज का वजन किया जाता है। उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदारों से क्रॉप कटिंग प्रयोगों के सम्पादन की समीक्षा की जाती है। क्रॉप कटिंग प्रयोगों का यह विस्तृत नेटवर्क न केवल किसानों को राहत प्रदान कर रहा है बल्कि कृषि उत्पादकता के उन्नयन और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में भी सहायक साबित हो रहा है।
योजनाओं में किसानों की व्यापक सहभागिता सुनिश्चित कर रही योगी सरकार
जन हितैषी और किसान केंद्रित योजनाओं में केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही योगी सरकार की इस पहल के तहत किसानों, कृषि विभाग और बीमा कंपनियों के बीच तालमेल को बेहतर बनाया गया है। फसलों के उत्पादन और नुकसान के आंकड़े अब केवल कागजी प्रक्रिया तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनका डिजिटलीकरण किया गया है। यह प्रक्रिया योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू करने में सहायक है। सीसीई की पारंपरिक पद्धति उपज घटक पद्धति पर आधारित है जहां अध्ययन के तहत कुल क्षेत्र के यादृच्छिक नमूने के आधार पर विशिष्ट स्थानों का चयन किया जाता है। एक बार भूखंडों का चयन हो जाने के बाद, इन भूखंडों के एक भाग से उत्पादन काटा जाता है और बायोमास वजन, अनाज वजन, नमी और अन्य सांकेतिक कारकों जैसे कई मापदंडों के लिए विश्लेषण किया जाता है। इस अध्ययन से एकत्र किए गए डेटा को पूरे क्षेत्र में एक्सट्रपलेशन किया गया है और अध्ययन के तहत राज्य या क्षेत्र की औसत उपज का अनुमानित मूल्यांकन प्रदान करता है।
कृषि उत्पादकता के आकलन की यह प्रणाली किसानों और बीमा कंपनियों के बीच विश्वास को बढ़ावा दे रही है। आने वाले समय में, उत्तर प्रदेश की सरकार इस मॉडल को और भी मजबूत बनाने और कृषि क्षेत्र में तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश में किसान हितैषी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से न केवल कृषि क्षेत्र का विकास हो रहा है, बल्कि इससे राज्य के आर्थिक विकास को भी गति मिल रही है।
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
पोषक तत्वों से भरपूर चुकंदर इन लोगों के लिए है नुकसानदेह, जानें कैसे
-
खेल-कूद3 days ago
सूर्यकुमार यादव ने अपनी बहन के लिए लिखा भावुक पोस्ट, हाल ही में हुई है शादी
-
नेशनल3 days ago
किसान एक बार फिर दिल्ली की तरफ, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में बढ़ी सुरक्षा
-
खेल-कूद3 days ago
फुटबॉल मैच के दौरान बड़ा हादसा, 100 से ज्यादा लोगों की मौत
-
नेशनल3 days ago
आज फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ देखेंगे पीएम मोदी, कई सांसद और मंत्री भी रहेंगे साथ
-
करियर3 days ago
‘पीएम इंटर्नशिप स्कीम’ की आज से शुरुआत, प्रधानमंत्री युवाओं से करेंगे बात
-
उत्तर प्रदेश3 days ago
बीजेपी का आरोप, संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं
-
राजनीति3 days ago
शिक्षक से नेता बने अवध ओझा