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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में श्रद्धालुओं के स्वागत में महकेगी प्रयाग की गली गली

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प्रयागराज |  महाकुम्भ शुरू होने से पहले ही प्रयागराज आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधाओं के मद्देनजर योगी सरकार ने जमीनी स्तर पर इंतजाम शुरू कर दिए हैं। इसके लिए यहां 24 घंटे काम जारी है। इसी क्रम में यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पहली बार एक खास इंतजाम किया जा रहा है, जिसको देख पर्यटक खासे रोमांचित नजर आएंगे। महाकुम्भ में श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए इस बार पूरे प्रयागराज को फूलों की खुशबू से महकाने की योजना है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस बार महाकुम्भ में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर पुष्प वाटिकाएं और रंग बिरंगे पौधे क्यारियों और गमलों में लगाए जाने हैं। इसके लिए बाकायदा 07 करोड़ 55 लाख 18 हजार रुपए का बजट रखा गया है।

इसके अंतर्गत 26225 गमलों में मौसमी फूल सजाए जाएंगे। इसके अलावा बड़े पैमाने पर फ्लावर बेड तैयार कर उनकी प्रदर्शनी लगाई जाने की योजना है। मेला क्षेत्र में गंगा किनारे विशेष सजावटी पौधे लगाए जाने का काम शुरू हो गया है।

अयोध्या और काशी के फूलों से महकेगा प्रयागराज

प्रयागराज में महाकुम्भ की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। यहां फूलों के पौधों की बड़ी मांग है। महाकुम्भ को लेकर पूरे प्रयागराज को सुंदर और सुगंधित बनाने के लिए अयोध्या और काशी की नर्सरियों को बड़े पैमाने पर फूलों और सजावटी पौधों के ऑर्डर दिए गए हैं। इस समय मेला के अलावा शहर के प्रमुख स्थलों, पार्कों, सड़कों, चौराहों, एयरपोर्ट और हाईकोर्ट की सजावट में इन पौधों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही महाकुम्भ में देश विदेश से आने वाले सैलानियों के आकर्षण के लिए प्रयागराज की गली-गली में सजावट के लिए फूलों के गमले रखने का काम भी शुरू हो गया है।

गेंदा, गुलाब, जूही करेंगी आकर्षित

इस वर्ष महाकुम्भ के लिए खासतौर पर गुलाब, डहेलिया, जूही, मेरीगोल्ड, कामिनी, चांदनी, गुलदावरी, नेरियम और गेंदा के विभिन्न किस्मों की मांग है। साथ ही, सजावटी पौधों में एरिका पॉम, स्पाइंडल लिली, पीस लिली, बम्बू, धन लक्ष्मी, विष्णु कमल, और रेड मंचीरा शामिल हैं।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ की वेबसाइट पर आए 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा यूजर्स

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महाकुम्भ नगर। मानवता की अमूर्त विरासत के रूप में प्रसिद्ध सनातन संस्कृति के सबसे बड़े मानव समागम महाकुम्भ 2025 को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों में जिज्ञासा है। अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए लोग इंटरनेट पर विभिन्न वेबसाइट्स और पोर्टल के जरिए महाकुम्भ के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। इस जिज्ञासा का सबसे बड़ा समाधान उन्हें महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट https://kumbh.gov.in/ पर आकर मिल रहा है। वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार 4 जनवरी तक 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा लोगों ने वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के विषय में जानकारी हासिल की है। इन देशों में यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका समेत सभी कांटिनेंट्स के लोग शामिल हैं।

प्रतिदिन लाखों यूजर्स आ रहे वेबसाइट पर

महाकुम्भ की वेबसाइट को हैंडल कर रही टेक्निकल टीम के प्रतिनिधि के अनुसार 4 जनवरी तक के डाटा के अनुसार अब तक 33 लाख 5 हजार 667 यूजर्स वेबसाइट पर आ चुके हैं। ये सभी यूजर्स भारत समेत पूरी दुनिया के 183 देशों से है। इन 183 देशों में से भी 6206 शहरों से वेबसाइट पर लोग आए हैं और उन्होंने यहां काफी समय भी बिताया है। वेबसाइट पर आने वाले टॉप-5 देशों की बात करें तो पहला नंबर निश्चित रूप से भारत का है, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी से भी लाखों लोग प्रतिदिन वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के बारे में जानकारियां जुटा रहे हैं। टेक्निकल टीम के अनुसार वेबसाइट के शुभारंभ के बाद से बड़ी संख्या में लोग वेबसाइट पर आ रहे हैं। हालांकि, जैसे-जैसे महाकुम्भ करीब आ रहा है वैसे-वैसे यूजर्स की संख्या लाखों में पहुंचती जा रही है।

6 अक्टूबर को सीएम योगी ने किया था वेबसाइट का शुभारंभ

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस महाकुम्भ को डिजिटल महाकुम्भ के रूप में प्रस्तुत कर रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स बनाए गए हैं। इसी में एक महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट भी है, जिसका शुभारंभ 6 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां प्रयागराज में किया था। इस वेबसाइट पर श्रद्धालुओं के लिए महाकुम्भ से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें कुम्भ से जुड़ी परंपराओं, कुम्भ की महत्ता, आध्यात्मिक गुरुओं के साथ-साथ कुम्भ पर किए गए अध्ययन की विस्तृत जानकारियां दी गई हैं। यही नहीं, महाकुम्भ के दौरान प्रमुख आकर्षण, प्रमुख स्नान पर्व, क्या करें-क्या नहीं और कलाकृतियों को विस्तार से बताया गया है। इसके अतिरिक्त ट्रैवल और स्टे, गैलरी, क्या नया हो रहा है समेत समूचे प्रयागराज के विषय में बताया गया है।

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