उत्तर प्रदेश
ग्रेटर नोएडा में सोफा बनाने वाली फैक्ट्री में लगी आग, तीन लोगों की जलकर मौत
नोएडा। ग्रेटर नोएडा में सोफा बनाने वाली फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। इस अग्निकांड में तीन लोगों की जलकर मौत हो गई। आग बुझाने के बाद अंदर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इस दौरान तीन व्यक्ति अंदर गंभीर हालत में मिले। जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया गया है कि तीनों इसी फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर थे और आग लगने के दौरान यहां मौजूद थे।
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया है कि 26 नवंबर को थाना बीटा 2 क्षेत्र के अंतर्गत साइट फॉर फैक्ट्री नंबर 4 जी में आग लग गई। यहां सोफा बनाने का काम होता है। आग लगने की सूचना पर तत्काल स्थानीय पुलिस व फायर स्टेशन की गाड़िया मौके पर पहुंची और फायर यूनिट द्वारा आग पर काबू पा लिया गया है।
जिसके बाद स्थानीय पुलिस व फायर ब्रिगेड द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया गया। जिन तीन व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, उनके शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है। पुलिस ने मृतकों की पहचान कर ली है और उनकी जानकारी साझा कर दी है। इनमें गुलफाम (23), थाना राया जिला मथुरा, मजहर आलम (29), थाना बारसोई जिला कटिहार बिहार और दिलशाद (24) निवासी अरहरिया बिहार की पहचान हुई है।
एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि आग लगने की सूचना पर पुलिस बल और फायर ब्रिगेड के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने आग पर काबू पाया और सर्च ऑपरेशन के दौरान अंदर तीन व्यक्ति मृत अवस्था में मिले। उन्होंने बताया कि यह तीनों इसी फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर हैं और आग लगने के दौरान यह अंदर ही मौजूद थे। उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है। फायर ऑफिसर द्वारा फैक्ट्री में आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश
कानपुर-उन्नाव को जोड़ने वाला 150 साल पुराना ब्रिटिश कालीन पुल ढहा, किसी तरह की जनहानि नहीं
उन्नाव। उन्नाव-कानपूर को जोड़ने वाला गंगा नदी पर बना ब्रिटिश शासनकाल का ऐतिहासिक पुल मंगलवार को ढह गया। गनीमत रही कि पुल तीन साल पहले ही जर्जर स्थिति के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया था, जिसके कारण किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।
कानपुर-उन्नाव को जोड़ने वाला यह पुल कभी लोगों की लाइफ लाइन था और हजारों लोग इसी पुल के जरिए हर रोज आवागमन करते थे।2021 में पुल जर्जर होने के कारण इस पर चलने वाले आवागमन बंद कर दिया गया था। यह पुल को ब्रिटिश काल में 1874 में अवध एंड रूहेलखंड लिमिटेड कंपनी ने बनवाया गया था। रेजीडेंट इंजीनियर एसबी न्यूटन और असिस्टेंट इंजीनियर ई. वेडगार्ड की देखरेख में 800 मीटर लंबा यह पुल तैयार हुआ था। पुल की आयु 100 वर्ष बताई गई थी, लेकिन यह 150 साल तक खड़ा रहा। इसके बाद पुल की संरचना में गिरावट आनी शुरू हो गई थी।
पुल की संरचना में बड़ी दरारें आने के बाद 5 अप्रैल 2021 को मध्यरात्रि में इसे बंद कर दिया गया। दरारें खासतौर पर पुल की कानपुर तरफ की कोठियों 2, 10, 17 और 22 नंबर की कोठियों में आई थीं। पुल को फिर से चालू करने के लिए इंजीनियरों ने जांच की थी और इस पर आवागमन को चालू रखने लायक नहीं बताया था। पुल पर आवागमन बंद करने के लिए उन्नाव और कानपुर की तरफ पुल पर दीवार खड़ी कर दी गई थी।
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