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उत्तर प्रदेश

गोंडा एसपी विनीत जायसवाल ने किया हैम रेडियो का शुभारंभ

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गोंडा। नगर के प्रतिष्ठित एलबीएस पीजी कालेज में संचालित रेडियो अवध 90.8एफएम के सहयोग से HAM हैम रेडियो क्लब(एमेच्योर) का शुभारम्भ किया गया है। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने एलबीएस पीजी कालेज रेडियो अवध कार्यालय में पहुंचकर हैम रेडियो क्लब का शुभारम्भ किया तथा अपनी शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर एसपी विनीत जायसवाल ने कहा कि HAM हैम रेडियो देवीपाटन मण्डल में पहला HAM हैम रेडियो जिसे एलबीएस पीजी कालेज में रेडियो अवध के सहयोग से शुरू किया गया है। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि आने वाले समय में HAM हैम रेडियो कम्यूनिकेशन की नई-नई तकनीकों से युवाओं को जोड़ेगा तथा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में बेहद कारगर साबित होगा।

HAM हैम रेडियो क्लब के अध्यक्ष मो0 जुबेर खान ने बताया कि HAM हैम रेडियो का मुख्य उद्देश्य सूचना प्रसारण की नई तकनीकों के बारे में लोगों को जागरूक करना तथा आपदा के समय से सूचना तंत्र काम न कर रहा हो ऐसे समय में सूचना के प्रेषण के राहत एवं बचाव कार्य में HAM हैम रेडियो की भूमिका अहम होगी। उन्होने बताया कि HAM हैम रेडियो का अनुज्ञप्ति संचार मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दी जाती है। बताते चलें कि मो0 जुबेर खान देवीपाटन मण्डल के पहले प्रमाणित HAM हैम रेडियो रेडियो ऑपरेटर है। HAM हैम रेडियो क्लब एलबीएस पीजी कालेज में निम्न आवृत्ति एवं उच्च आवृत्ति (फ्रीक्वेन्सी) के सभी उपकरण लगा दिये गये हैं जिससे हाई फ्रीक्वेन्सी से पूरे विश्व में हैम-टू-हैम सीधे जुड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि HAM हैम रेडियो के माध्यम से देवीपाटन मण्डल को विश्व पटल पर संचार के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी। उन्होने बताया कि तकनीक के क्षेत्र में नवाचारों एवं नई ऊर्जा के साथ काम करने की प्रेरणा उन्हें स्काउट HAM रेडियो क्लब लखनऊ के संस्थापक श्री दिनेश चन्द्र शर्मा से प्राप्त हुई।

आपदा प्रबंधन अधिकारी अरूण सिंह ने बताया कि HAM हैम रेडियो का उपयोग आपदाओं से बचाव तथाअ आपदाओं के दरम्यान सूचनाओं के आदान-प्रदान तथा यातायात नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। विगत वर्ष गृह मंत्रालय के निर्देशन एवं उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुई बाढ़ एवं भूकम्प से बचाव सम्बन्धी में मॉक एक्सरसाइज में HAM हैम रेडियो की भूमिका सराहनी रही। बताया कि HAM हैम रेडियो से बिना किसी इंटरनेट के सीधे सैटेलाइट के माध्यम से मौसम की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है। क्लब के संरक्षक जानकी शरण द्विवेदी ने बताया कि HAM हैम रेडियो क्लब से जुड़ने के रेडियो अवध 90.8एफएम कार्यालय से आवेदन प्राप्त किया जा सकता है तथा अधिक जानकारी के लिए क्लब के अध्यक्ष जुबेर अहमद मो0-9935559490 पर सम्पर्क किया जा सकता है तथा प्रत्येक रविवार को समय सुबह 10.00 बजे से अपरान्ह 04.00 बजे तक रेडियो अवध कार्यालय में मिलकर जानकारी ली जा सकती है।

HAM हैम रेडियो के शुभारम्भ के अवसर पर क्लब के अध्यक्ष मो0 जुबेर खान, एल0बी0एस0 पीजी कालेज के प्राचार्य डॉ0 रवीन्द्र पाण्डेय, वरिष्ठ पत्रकार तथा HAM हैम रेडियो क्लब के संरक्षक जानकी शरण द्विवेदी, सीईओ रेडियो अवध गोंडा प्रदीप मिश्र तथा विशेष अतिथि इस्लामिक युनीवर्सिटी ऑफ मदीना सउदी अरब के प्रो0 डॉ0 मो0 हुसैन, समाज सेवी नसीम अहमद, मुश्फीक अहमद, लतीफुर्रहमान खान व अन्य अधिकारीगण तथा रेडियो अवध के स्टाफ एवं प्रशिक्षुगण उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश

यूपी ने बाजी मारी, टीबी नोटिफिकेशन में देश में अव्वल

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लखनऊ: प्रदेश की झोली में एक और उपलब्धि आई है। ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान व इलाज करने में उत्तर प्रदेश 2024 में भी अव्वल रहा है। प्रदेश को बीते साल साढ़े छह लाख मरीजों के चिन्हिकरण का लक्ष्य मिला था। उसके सापेक्ष 6.73 लाख मरीजों की पहचान की गई। ये रिकार्ड है। 2023 में भी प्रदेश ने साढ़े लाख मरीजों के लक्ष्य का आंकड़ा पार किया था। दूसरे स्थान पर महराष्ट्र व तीसरे स्थान पर बिहार का नाम दर्ज है। इसके बाद मध्यप्रदेश व राजस्थान ने नोटिफिकेशन किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि देश-प्रदेश से टीबी उन्मूलन का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का चिन्हिकरण व इलाज किया जाए। इसी के मद्देनजर केंद्रीय टीबी डिवीजन ने सभी प्रदेशों को 2024 की शुरुआत में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य तय किया था। उत्तर प्रदेश को 6.5 लाख मरीज खोजने का लक्ष्य दिया गया था।

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर तक प्रदेश में 6 लाख 73 हजार टीबी मरीजों की पहचान हुई। इन सभी का इलाज शुरू हो चुका है। टीबी नोटिफिकेशन के लक्ष्य को छू पाने में प्राइवेट डाक्टरों की भूमिका भी सराहनीय रही है। प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान यानी तकरीबन 40 प्रतिशत मरीज प्राइवेट डाक्टरों के माध्यम से पंजीकृत हुए हैं।

उत्तर प्रदेश के बाद महराष्ट्र में सवा दो लाख मरीजों का पंजीकरण हुआ। तीसरे नंबर पर बिहार में दो लाख मरीज चिंहित किए जा सके। मध्य प्रदेश में 1.78 लाख व राजस्थान में 1.70 लाख मरीजों का चिन्हिकरण किया हुआ।

राज्य टीबी अधिकारी डॉ शैलेंद्र भटनागर ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रम जैसे हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस, एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान व दस्तक अभियान चलाए गए जिससे हम ज्यादा से ज्यादा टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोज पाए। इस वक्त 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान पूरे प्रदेश में चल रहा है जिसके माध्यम से उच्च जोखिम वाले व प्रिजेम्टिव टीबी वाले केसों को खोजने पर पूरे विभाग का ध्यान केंद्रित है।

टीबी का उन्मूलन प्राइवेट डाक्टरों की सहभागिता के बिना नहीं हो सकता। यह एक कड़वा सच है। उत्तर प्रदेश में मथुरा, आगरा, कानपुर, गोरखपुर व झांसी ने इस मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है। लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली व गाजियाबाद में भी प्राइवेट डाक्टर सक्रियता दिखा रहे हैं लेकिन श्रावस्ती में बीते साल सिर्फ 44 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं।

इसके अलावा महोबा में 255, सोनभद्र में 374, चित्रकूट में 376, हमीरपुर में 380, कन्नौज में 444, सुल्तानपुर में 444, अमेठी में 447, संतरवीदास नगर में 456, चंदौली में 488 और कानपुर देहात में सिर्फ 468 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इन जनपदों में प्राइवेट डाक्टरों की प्रतिभागिता बढ़े जाने की जरूरत है।

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