Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

पूर्वांचल के इंडस्ट्रियल हब बनने की ओर बढ़े गोरखपुर के कदम

Published

on

Loading

गोरखपुर | बमुश्किल सात-आठ पहले तक औद्योगिक पहचान के संकट से जूझ रहे गोरखपुर ने अब पूर्वांचल के इंडस्ट्रियल हब बनने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। बीते कुछ सालों से गीडा को केंद्र में रखकर गोरखपुर निवेशकों के पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभर रहा है। इंडस्ट्री लगाने के लिए उद्यमियों की तरफ से बढ़ रही मांग के मद्देनजर गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) द्वारा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 800 एकड़ में औद्योगिक गलियारा (इंडस्ट्रियल कॉरिडोर) विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही धुरियापार में भी 5500 एकड़ में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की कार्ययोजना मूर्त रूप ले रही है।

30 नवंबर को गीडा का 35वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा। 35 वर्षों के सफर में करीब 28 वर्ष गीडा की चाल काफी सुस्त रही। उद्यमियों के लिए ढांचागत सुविधाओं का अभाव, कानून व्यवस्था, निवेशकों के प्रोत्साहन के लिए कारगर नीतियों के न होने के कारण निवेशक गीडा क्षेत्र के प्रति उस गति से उत्साहित नहीं हो रहे थे जिसकी अपेक्षा गीडा की स्थापना के वक्त 1989 में की गई थी। पर, योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2017 से हालात पूरी तरह से बदलते गए हैं। निवेशकों और उद्यमियों को सरकार की तरफ से काम लायक माहौल और प्रोत्साहन मिला तो उनका रुझान भी गीडा के प्रति तेजी से बढ़ा।

निवेशकों के रुझान को देखते हुए सीएम योगी की मंशा के अनुरूप गीडा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित कर रहा है। इस औद्योगिक गलियारा को 800 एकड़ में बसाया जा रहा है। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में उद्योग लगने भी लगे हैं। मसलन मल्टीनेशनल ब्रांड पेप्सिको की फ्रेंचाइजी वरुण बेवरेजेज ने 1100 करोड़ रुपये के निवेश व3 बॉटलिंग प्लांट लगाया है। औद्योगिक गलियारा में गीडा की तरफ से 88 एकड़ में प्लास्टिक पार्क विकसित किया जा रहा है। यहां प्लास्टिक उद्योग की 92 इकाइयों के लिये स्थान एवं समस्त आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध होगी। इससे लगभग 5000 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा।

गीडा द्वारा प्लास्टिक पार्क में कई उद्यमियों को भूखण्ड आवंटन की कार्यवाही की जा चुकी है। यही नहीं, प्लास्टिक पार्क में यूनिट लगाने वाले उद्यमियों को कच्चे माल की कोई चिंता नहीं रहेगी। प्लास्टिक पार्क की यूनिट्स को परियोजना स्थल पर ही गेल (गैस ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) की तरफ से कच्चा माल सुलभ होगा। इसके लिए गीडा और गेल के बीच गीडा के पिछले स्थापना दिवस पर सीएम योगी के समक्ष एमओयू हो चुका है। प्लास्टिक पार्क में गीडा द्वारा परियोजना स्थल पर सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंगएंड टेक्नोलॉजी (सीपेट) के सेंटर के लिए भी 5 एकड़ निशुल्क भूमि उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है। सीपेट का सेंटर खुलने से प्लास्टिक पार्क में स्थापित होने वाली इकाइयों को कुशल कारीगरों की उपलब्धता सुनिश्चित होने के साथ उनके द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित हो सकेगी।

मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप गीडा को उत्कृष्ट औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। लैंड बैंक का विस्तार कर निवेशकों को उनकी पसंद के मुताबिक भूखंड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। गीडा के 35वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री के समक्ष 85 निवेशकों को भूखंड आवंटन का पत्र सौंपा जाएगा। आने वाले दिनों में प्लास्टिक पार्क, रेडीमेड गारमेंट पार्क और रेडीमेड गारमेंट की फ्लैटेड फैक्ट्री की भी सौगात मिल जाएगी। इसके अलावा 5500 एकड़ वाले धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य तेजी से चल रहा है।”

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

श्री अन्न’ किसानों के साथ संबल बनकर खड़ी है योगी सरकार

Published

on

Loading

लखनऊ |  योगी सरकार श्रीअन्न किसानों के साथ भी संबल बनकर खड़ी है। योगी सरकार के निर्देशन में धान की तरह ही ज्वार खरीद भी खूब की जा रही है। योगी सरकार के नेतृत्व में ज्वार खरीद में अब तक 88.75 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। 3503 किसानों से 17749.25 मीट्रिक टन ज्वार की खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष इस अवधि तक 5904.55 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी। सरकार के प्रयासों से इसमें निरंतर बेतहाशा वृद्धि हो रही है। सरकार ने अब तक ज्वार किसानों को 52.13 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान भी कर दिया है।

17749.25 मीट्रिक टन ज्वार की हो चुकी खरीद, 88.75 फीसदी लक्ष्य किया हासिल

वर्ष 2024-25 के लिए ज्वार खरीद चल रही है। इस वर्ष 20 हजार मीट्रिक टन खऱीदारी का लक्ष्य है। लक्ष्य के सापेक्ष 88.75 फीसदी क्रय कर लिया गया है। अब तक (28 नवंबर) 3503 किसानों से 17749.25 मीट्रिक टन ज्वार की खरीद हो चुकी है। इस एवज में सरकार ने 52.13 करोड़ रुपये से अधिक भुगतान कर दिया है। पिछले वर्ष (2023-24) तक इस अवधि में 22 जनपदों में 5904.55 मीट्रिक टन ज्वार की खरीद हुई थी। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अब तक 11,844.7 मीट्रिक टन से अधिक की खरीद की जा चुकी है।

बाजरा किसानों को सरकार ने किया 103.90 करोड़ से अधिक भुगतान

योगी सरकार की देखरेख में बाजरा खरीद भी तेजी से चल रही है। अब तक 248 क्रय केंद्रों से खऱीद की जा चुकी है। प्रदेश के 8031 किसानों से 42732. 65 मीट्रिक टन बाजरा की खरीद हुई है। इस एवज में बाजरा किसानों को 103 करोड़.90 लाख रुपये से अधिक का भुगतान भी कर दिया गया है। बाजरा खरीद भी निरंतर जारी है।

सरकार ने बढ़ाया है न्यूनतम समर्थन मूल्य

श्रीअन्न को बढ़ावा देने के साथ ही सरकार ने इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य भी बढ़ाया है। ज्वार मालदांडी का 3421 रुपये, ज्वार (हाईब्रिड) का 3371 रुपये, बाजरा का न्यूतनम समर्थन मूल्य 2625 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है।

इन जिलों में हो रही बाजरा खरीद

बदायूं, बुलंदशहर, बरेली, शाहजहांपुर, रामपुर, संभल, अमरोहा, अलीगढ़, कासगंज, एटा, हाथरस, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर-देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, बलिया, मीरजापुर, जालौन, चित्रकूट, प्रयागराज, कौशांबी, जौनपुर, फतेहपुर

ज्वार खरीद वाले जनपद

बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, कानपुर नगर-देहात, फतेहपुर, उन्नाव, हरदोई, मीरजापुर व जालौन में ज्वार की खरीद हो रही है।

Continue Reading

Trending