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उत्तर प्रदेश

अनुदान पर 54 हजार किसानों को सोलर पंप देगी डबल इंजन सरकार

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लखनऊ| पीएम कुसुम योजना के तहत वर्ष 2024-25 के लिए उत्तर प्रदेश के 54 हजार से अधिक किसानों को डबल इंजन की सरकार की तरफ से सोलर पंप उपलब्ध कराया जाएगा। यूपी के सभी 18 मंडलों के किसानों को इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। 27 से 29 फरवरी के मध्य छह-छह मंडलों के किसानों की तरफ से आवेदन प्रारंभ किया जाएगा। 9 प्रकार के सोलर पंपों पर केंद्र व राज्य सरकार की ओर से अनुदान का लाभ पाकर किसान इसे खरीद सकते हैं। योजना का लाभ उठाने वाले किसानों का विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण अनिवार्य है। सोलर पंप की ऑनलाइन बुकिंग के लिए www.agriculture.up.gov.in पर ‘अनुदान पर सोलर पंप हेतु बुकिंग’ लिंक पर जाकर आवेदन करना होगा। इसके साथ ही किसानों को पांच हजार रुपये टोकन मनी भी ऑनलाइन जमा करना होगा।

27 फरवरी से शुरू होगा ऑनलाइन आवेदन

वर्ष 2024-25 के लिए पीएम कुसुम योजनान्तर्गत किसान 27 फरवरी से निरंतर आवेदन कर सकते हैं। तीन अलग-अलग दिनों से किसान आवेदन प्रारंभ कर सकते हैं। 27 फऱवरी से चित्रकूट धाम, वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, बरेली व कानपुर मंडलों के अंतर्गत आने वाले जिलों के किसान दोपहर 12 बजे से निरंतर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 28 फरवरी से सहारनपुर, मुरादाबाद, अयोध्या, लखनऊ, मीरजापुर व बस्ती मंडलों से जुड़े समस्त जनपदों के किसान आवेदन प्रारंभ कर सकते हैं, वहीं आगरा, झांसी, अलीगढ़, गोरखपुर, आजमगढ़ व देवीपाटन मंडल के किसानों के लिए यह प्रक्रिया 29 फरवरी से प्रारंभ होगी।

9 प्रकार के सोलर पंपों पर किसानों को मिलेगा अनुदान

उप्र के 54 हजार किसानों को डबल इंजन की सरकार 9 प्रकार के सोलर पंपों पर अनुदान देगी। 2 एचपी डीसी व एसी सरफेस पंप का मूल्य 1,71,716 रुपये है। राज्य सरकार इस पर 59,291 व केंद्र सरकार 43,739 रुपये अनुदान देगी। कुल 1,03,030 रुपये का अनुदान डबल इंजन की सरकार की ओर से किसानों को प्राप्त होगा। किसानों को टोकन मनी पांच हजार रुपये ऑनलाइन आवेदन के समय देना होगा। शेष किसानों 63,686 रुपये देना होगा। 2 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप का मूल्य 1,74,541रुपये है। राज्य सरकार इस पर 60,986 व केंद्र सरकार 43,739 रुपये अनुदान देगी। कुल 1,04,725 रुपये का अनुदान डबल इंजन की सरकार की ओर से किसानों को प्राप्त होगा। किसानों को टोकन मनी पांच हजार रुपये ऑनलाइन आवेदन के समय देना होगा। शेष किसानों 64,816 रुपये देना होगा। 2 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप का मूल्य 1,74,073 रुपये है। राज्य सरकार इस पर 60,705व केंद्र सरकार 43,739 रुपये अनुदान देगी। कुल 1,04,444 रुपये का अनुदान डबल इंजन की सरकार की ओर से किसानों को प्राप्त होगा। किसानों को टोकन मनी पांच हजार रुपये ऑनलाइन आवेदन के समय देना होगा। शेष किसानों 64,629 रुपये देना होगा।

3 से 10 एचपी के सबमर्सिबल पंप पर भी मिलेगा अनुदान

इसके साथ ही डबल इंजन सरकार की ओर से तीन से 10 एचपी सबमर्सिबल पंप पर भी किसानों को अनुदान दिया जाएगा। 3 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप पर योगी सरकार 82,476 व केंद्र सरकार 57,157 रुपये अनुदान देगी। किसानों को कुल 1,39, 633 रुपये का अनुदान मिलेगा। 3 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर योगी सरकार 81,110 व केंद्र सरकार 57,157 रुपये अनुदान देगी। किसानों को इस पर कुल 1,38,267 रुपये का अनुदान मिलेगा। 5 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर राज्य सरकार 1,08,449 व केंद्र सरकार 88050 रुपये का अनुदान मिलेगा यानी किसानों को कुल 1,96,499 रुपये का लाभ मिलेगा। 7.5 व 10 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर 1,47,114 रुपये का अनुदान प्रदेश व 1,19,342 रुपये का अनुदान केंद्र सरकार देगी। इन दोनों पंप पर किसानों को कुल 2,66,456 रुपये का अनुदान प्राप्त होगा।

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उत्तर प्रदेश

यूपी ने बाजी मारी, टीबी नोटिफिकेशन में देश में अव्वल

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लखनऊ: प्रदेश की झोली में एक और उपलब्धि आई है। ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान व इलाज करने में उत्तर प्रदेश 2024 में भी अव्वल रहा है। प्रदेश को बीते साल साढ़े छह लाख मरीजों के चिन्हिकरण का लक्ष्य मिला था। उसके सापेक्ष 6.73 लाख मरीजों की पहचान की गई। ये रिकार्ड है। 2023 में भी प्रदेश ने साढ़े लाख मरीजों के लक्ष्य का आंकड़ा पार किया था। दूसरे स्थान पर महराष्ट्र व तीसरे स्थान पर बिहार का नाम दर्ज है। इसके बाद मध्यप्रदेश व राजस्थान ने नोटिफिकेशन किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि देश-प्रदेश से टीबी उन्मूलन का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का चिन्हिकरण व इलाज किया जाए। इसी के मद्देनजर केंद्रीय टीबी डिवीजन ने सभी प्रदेशों को 2024 की शुरुआत में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य तय किया था। उत्तर प्रदेश को 6.5 लाख मरीज खोजने का लक्ष्य दिया गया था।

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर तक प्रदेश में 6 लाख 73 हजार टीबी मरीजों की पहचान हुई। इन सभी का इलाज शुरू हो चुका है। टीबी नोटिफिकेशन के लक्ष्य को छू पाने में प्राइवेट डाक्टरों की भूमिका भी सराहनीय रही है। प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान यानी तकरीबन 40 प्रतिशत मरीज प्राइवेट डाक्टरों के माध्यम से पंजीकृत हुए हैं।

उत्तर प्रदेश के बाद महराष्ट्र में सवा दो लाख मरीजों का पंजीकरण हुआ। तीसरे नंबर पर बिहार में दो लाख मरीज चिंहित किए जा सके। मध्य प्रदेश में 1.78 लाख व राजस्थान में 1.70 लाख मरीजों का चिन्हिकरण किया हुआ।

राज्य टीबी अधिकारी डॉ शैलेंद्र भटनागर ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रम जैसे हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस, एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान व दस्तक अभियान चलाए गए जिससे हम ज्यादा से ज्यादा टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोज पाए। इस वक्त 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान पूरे प्रदेश में चल रहा है जिसके माध्यम से उच्च जोखिम वाले व प्रिजेम्टिव टीबी वाले केसों को खोजने पर पूरे विभाग का ध्यान केंद्रित है।

टीबी का उन्मूलन प्राइवेट डाक्टरों की सहभागिता के बिना नहीं हो सकता। यह एक कड़वा सच है। उत्तर प्रदेश में मथुरा, आगरा, कानपुर, गोरखपुर व झांसी ने इस मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है। लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली व गाजियाबाद में भी प्राइवेट डाक्टर सक्रियता दिखा रहे हैं लेकिन श्रावस्ती में बीते साल सिर्फ 44 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं।

इसके अलावा महोबा में 255, सोनभद्र में 374, चित्रकूट में 376, हमीरपुर में 380, कन्नौज में 444, सुल्तानपुर में 444, अमेठी में 447, संतरवीदास नगर में 456, चंदौली में 488 और कानपुर देहात में सिर्फ 468 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इन जनपदों में प्राइवेट डाक्टरों की प्रतिभागिता बढ़े जाने की जरूरत है।

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