उत्तर प्रदेश
यूपी में अब तमंचे नहीं लहराए जाते, डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग से देश को बनाएंगे आत्मनिर्भर : योगी
कानपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को साढ़ स्थित डिफेंस कॉरीडोर में अदाणी समूह के एम्युनेशन मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले जहां यूपी में तमंचे लहराए जाते थे, वहीं अब प्रदेश के डिफेंस कॉरीडोर के सभी 6 नोड्स भारत को डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में जुट गये हैं। उद्घाटन समारोह के दौरान देश के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज पांडेय भी मौजूद रहे। अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी करण अदाणी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्र देकर स्वागत एवं अभिनंदन किया। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एम्युनेशन मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स का अवलोकन भी किया।
2018 में पीएम ने यूपी को दी थी डिफेंस कॉरीडोर की सौगात
समारोह के दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये क्षण उनके लिए अत्यंत आह्लादित करने वाला है। सीएम ने कहा कि 2018 में जब हमने अपना पहला इन्वेस्टर्स समिट आयोजित किया था, तब प्रधानमंत्री मोदी ने देश में दो डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरीडोर की घोषणा की थी। भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को ध्यान में रखकर तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरीडोर की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री ने यूपी में 6 नोड्स की घोषणा की थी। इसमें अलीगढ़, आगरा, कानपुर, लखनऊ, झांसी और चित्रकूट शामिल हैं, जिसमें कानपुर नोड में अदाणी डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजीस लिमिटेड ने अपना कार्य प्रारंभ किया है।
यूपी के डिफेंस कॉरीडोर में दिग्गज कंपनियां कर रहीं निवेश
सीएम योगी ने बताया कि यूपी में डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग के लिए 5 हजार हैक्टेयर के बड़े कॉरीडोर को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया गया है। अबतक 5हजार एकड़ लैंड को प्राप्त कर लिया गया है। इसमें लखनऊ में जहां ब्रह्मोस, झांसी में भारत डायनमिक्स लिमिटेड, आर्म व्हीकल निगम लिमिटेड और टाटा टेक्नोलॉजीस लिमिटेड, ग्लोबल इंजीनियरिंग लिमिटेड और डब्ल्यूवी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड का कार्य प्रारंभ हुआ है, वहीं अलीगढ़ नोड में एंकर रिसर्च लैब एलएलपी और कानपुर में अदाणी डिफेंस सिस्टम एंड टेक्नोलॉजी लिमिटेड जैसी बड़ी बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं।
आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू को सेंटर फॉर एक्सिलेंस
मुख्यमंत्री ने बताया कि यूपी में डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग कॉरीडोर के लिए आईआईटी कानपुर और आईआईटी बीएचयू को सेंटर फॉर एक्सिलेंस के तौर पर नामित किया गया है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने भी इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए साझेदारी दिखाई दी है। सीएम ने बताया कि यूपी के डिफेंस कॉरीडोर में डिफेंस एंड एयरोस्पेस सेक्टर में स्टार्टअप्स के सहयोग के लिए संपूर्ण वातावरण बनाने का कार्य हुआ है। इसके पीछे उद्देश्य है कि भारत डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने के साथ ही दुनिया की आवश्यक्ताओं की पूर्ति कर सके। इस कार्य में यूपी के 6 नोड्स मील का पत्थर साबित होंगे।
देश का सबसे बेहतरीन औद्योगिक शहर बनेगा बीडा
आज उत्तर प्रदेश, देश के डेवलपमेंट में ब्रेकर नहीं बल्कि ब्रेक थ्रू का काम कर रहा है। यूपी को 2017 से पहले देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा माना जाता था। आज यही प्रदेश विकास के नित नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। हाल ही में जीबीसी 4.0 के माध्यम से 10 लाख 24 हजार करोड़ का निवेश धरातल पर उतरा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश वहीं होता है, जहां व्यक्ति के साथ साथ पूंजी को भी सुरक्षित वातावरण मिले। सीएम योगी ने बताया कि नोएडा की स्थापना के 46 वर्ष बाद प्रदेश सरकार बुंदेलखंड में बीडा के रूप में नया औद्योगिक शहर बसाने जा रही है। ये देश का सबसे बेहतरीन औद्योगिक शहर बनेगा। इस हिसाब से इस पूरे क्षेत्र के युवाओं को सबसे स्किल्ड कार्यबल के रूप में तैयार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अदाणी समूह द्वारा यूपी के कानपुर और तेलंगाना के हैदराबाद में एम्युनेशन मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स के शुभारंभ को लेकर बधाई दी और कहा कि ये प्रयास भारत को डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस अवसर पर यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज पांडे, कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी, राकेश सचान, ले.ज. एनएस राजा सुब्रमणि, आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह, अदाणी ग्रुप के करण अदाणी, जीत अदाणी, आशीष राजवंशी, जनप्रतिनिधिगण, आर्मी और प्रशासन से जुड़े अधिकारीगण एवं एम्युनेशन मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स के अधिकारी एवं कर्मचारीगण मौजूद रहे।
4 हजार लोगों को मिलेगा सीधे सीधे रोजगार
अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी करण अदाणी ने बताया कि मात्र 15 महीने में 5 हजार एकड़ में बनकर तैयार अदाणी समूह का ये उत्पादन कॉम्प्लेक्स दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा एम्युनेशन मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्लेक्स है। इसकी क्षमता प्रतिवर्ष 150 मिलियन राउंड एम्युनेशन उत्पादन की है। यहां रायफल, लाइट मशीन गन (एलएमजी), एके-47 और कार्बाइन की गोलियां बनेंगी। इसके बाद अगले चरण में आर्टिलरी गन, गोला-बारूद, तोपें और हैंड ग्रेनेड समेत सेना के जवानों के लिए अलग-अलग तरह के अस्त्र-शस्त्र व सुविधाओं संबंधित उत्पाद निर्मित किए जाएंगे। 15 सौ करोड़ से शुरू हुआ ये प्रोजेक्ट अगले पांच साल में 3 हजार करोड़ का विस्तार प्राप्त करेगा। इससे 4 हजार लोगों को जहां सीधे सीधे रोजगार प्राप्त होगा वहीं इससे पांच गुना ज्यादा अप्रत्यक्ष रोजगार भी ये कॉम्प्लेक्स सृजित करेगा। साथ ही साथ ये कॉम्प्लेक्स अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए सोलर पॉवर और वेस्ट मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगा।
उत्तर प्रदेश
यूपी ने बाजी मारी, टीबी नोटिफिकेशन में देश में अव्वल
लखनऊ: प्रदेश की झोली में एक और उपलब्धि आई है। ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान व इलाज करने में उत्तर प्रदेश 2024 में भी अव्वल रहा है। प्रदेश को बीते साल साढ़े छह लाख मरीजों के चिन्हिकरण का लक्ष्य मिला था। उसके सापेक्ष 6.73 लाख मरीजों की पहचान की गई। ये रिकार्ड है। 2023 में भी प्रदेश ने साढ़े लाख मरीजों के लक्ष्य का आंकड़ा पार किया था। दूसरे स्थान पर महराष्ट्र व तीसरे स्थान पर बिहार का नाम दर्ज है। इसके बाद मध्यप्रदेश व राजस्थान ने नोटिफिकेशन किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि देश-प्रदेश से टीबी उन्मूलन का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का चिन्हिकरण व इलाज किया जाए। इसी के मद्देनजर केंद्रीय टीबी डिवीजन ने सभी प्रदेशों को 2024 की शुरुआत में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य तय किया था। उत्तर प्रदेश को 6.5 लाख मरीज खोजने का लक्ष्य दिया गया था।
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर तक प्रदेश में 6 लाख 73 हजार टीबी मरीजों की पहचान हुई। इन सभी का इलाज शुरू हो चुका है। टीबी नोटिफिकेशन के लक्ष्य को छू पाने में प्राइवेट डाक्टरों की भूमिका भी सराहनीय रही है। प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान यानी तकरीबन 40 प्रतिशत मरीज प्राइवेट डाक्टरों के माध्यम से पंजीकृत हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के बाद महराष्ट्र में सवा दो लाख मरीजों का पंजीकरण हुआ। तीसरे नंबर पर बिहार में दो लाख मरीज चिंहित किए जा सके। मध्य प्रदेश में 1.78 लाख व राजस्थान में 1.70 लाख मरीजों का चिन्हिकरण किया हुआ।
राज्य टीबी अधिकारी डॉ शैलेंद्र भटनागर ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रम जैसे हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस, एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान व दस्तक अभियान चलाए गए जिससे हम ज्यादा से ज्यादा टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोज पाए। इस वक्त 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान पूरे प्रदेश में चल रहा है जिसके माध्यम से उच्च जोखिम वाले व प्रिजेम्टिव टीबी वाले केसों को खोजने पर पूरे विभाग का ध्यान केंद्रित है।
टीबी का उन्मूलन प्राइवेट डाक्टरों की सहभागिता के बिना नहीं हो सकता। यह एक कड़वा सच है। उत्तर प्रदेश में मथुरा, आगरा, कानपुर, गोरखपुर व झांसी ने इस मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है। लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली व गाजियाबाद में भी प्राइवेट डाक्टर सक्रियता दिखा रहे हैं लेकिन श्रावस्ती में बीते साल सिर्फ 44 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं।
इसके अलावा महोबा में 255, सोनभद्र में 374, चित्रकूट में 376, हमीरपुर में 380, कन्नौज में 444, सुल्तानपुर में 444, अमेठी में 447, संतरवीदास नगर में 456, चंदौली में 488 और कानपुर देहात में सिर्फ 468 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इन जनपदों में प्राइवेट डाक्टरों की प्रतिभागिता बढ़े जाने की जरूरत है।
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