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प्रादेशिक

कैराना से पलायन कर लौटे पीड़ितों ने सीएम योगी से साझा किया अपना दर्द

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को शामली जिले के कैराना में पलायन कर लौटे परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सुकून के लिए ही बीजेपी आई है। वही सुकून लाने के लिए और उसी सुकून के लिए आज मैं आया हूं, पीएसी कैंप की बटालियन की स्थापना करने के लिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कैराना से पलायन करने वाले कितने लोग ऐसे बचे हैं, उनकी सूची तैयार करें। साथ ही सभी को शासन की ओर से आर्थिक सहायता देने की व्यवस्था करें।

प्रदेश में सीएम योगी पहले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने कैराना से पलायन कर लौटे परिवारों से मुलाकात की। सीएम योगी से बातचीत में पीड़ित परिवारों ने मुक्त कंठ से सीएम योगी और सरकार की प्रशंसा की। साथ ही पिछली सरकार में अपने ऊपर गुजरी आपबीती भी बताई। पलायन कर वापस लौटे पीड़ितों ने सरकार की नीति पर संतोष जताया और वापस लौटने पर खुशी जताई है।

सीएम योगी ने कहा कि गलत चीजों के खिलाफ लोगों को खड़ा होना पड़ेगा और जब सब लोग मिलकर ऐसे तत्वों के खिलाफ लड़ेंगे, तो ही इस प्रकार के तत्व बेनकाब होंगे। उनके खिलाफ सख्ती से कार्यवाही भी होगी। उन्होंने कहा कि हम लोग पहले दिन से ही कह रहे हैं कि इस प्रकार के तत्वों से बहुत सख्ती से निपटेंगे।

सख्ती से निपटने की कार्यवाही हो भी रही है। इसलिए डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। पूरी सरकार साथ में है। शासन पूरा सहयोग करेगा। कहीं भी कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए किसी को। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा आदि मौजूद थे।

‘पहले पांच बजे के बाद कर्फ्यू के हालात थे, कोई घर से नहीं निकलता था’

सीएम योगी को एक पीड़ित ने बताया कि ईद का दिन कैराना के लिए बहुत खुशी का दिन था। जब टीवी पर सुबह पट्टी चली कि मुकीम काला मुठभेड़ में ढेर हो गया। चारों परिवार उसी के पीड़ित थे। इस सीएम योगी ने कहा कि जो किया, सो उसने पाया। जो जैसे कर रहा है, उसको वैसे ही गति प्राप्त होगी। पीड़ित ने सीएम योगी को बताया कि अब कैराना बाजार में टाइमिंग चेंज हो गई है। पहले पांच बजे के बाद कर्फ्यू के हालात थे, कोई घर से नहीं निकलता था और आज 10-11 बजे तक भी शान से चले जाएं कोई दिक्कत नहीं है।

‘सरकार न आती, तो कैराना 80 से 90 फीसदी पलायन हो जाता’

सीएम योगी को एक पीड़ित ने बताया कि पहले समस्या बहुत ज्यादा गंभीर थी। इतनी ज्यादा गंभीर थी कि सरकार न आती, तो कैराना से 80 से 90 फीसदी पलायन हो जाता। काफी सहयोग बाबू जी (सुरेश राणा) का रहा, जब सरकार नहीं थी, उस समय भी आए। व्यापारियों का हौसला बढ़ाया। भाई साहब सूरत चले गए थे। यहां पर इतना बड़ा कारोबार था, कोई सामान कहीं नहीं मिलता था, लेकिन इनकी दुकान पर मिल जाता था। चार-पांच पीढ़ियों से दुकान थी। दुकान बंद हुई, बहुत परेशान हुए।

‘अपराधियों के सरेंडर की फोटो अखबारों में आती है, तो बहुत खुशी होती है’

सीएम योगी से एक पीड़ित ने कहा कि आपका तो नाम आने के बाद ही कैराना में शांति हुई। हम तो यह सोचते हैं कि आपका नाम हमारे लिए जीवनदायी है, जैसे मरते मरते किसी को कोई दवाई मिल जाए, वैसे ही आप का नाम है। आप न आते तो शायद कैराना पुनर्जीवित नहीं हो पाता। जब अपराधियों की हाथ उपर कर के थाने में सरेंडर की फोटो अखबारों में आती है, तो बहुत खुशी होती है। अपराध कहां था? और अब अपराधी कहां हैं?

‘कैराना में चार से छह गुना रेट प्रापर्टी के बढ़े’

एक अन्य पीड़ित ने सीएम योगी को बताया कि महराज जी, कैराना में चार से छह गुने रेट प्रापर्टी के बढ़ गए। 2016 में मेन बाजार में 25 लाख की दुकान बिकी थी, लेकिन आज एक करोड़ की खरीदना चाहूं, तो भी नहीं मिल सकती।

कैराना में कश्मीर से बुरे हाल थे: सुरेश राणा

कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने सीएम योगी को बताया कि वह कैराना में किसी के यहां घटना होने पर उस घटना में आए थे, तो एक पीड़ित ने उन्हें रोककर कहा कि मेरी हत्या हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सपा की सरकार थी। उन्होंने एसपी को फोन किया और बोले- इनकी जान को खतरा है, कुछ करो। एसपी ने गनर दे दिया। दुकान के बाहर गनर बैठा था, बाइक से छह-सात लोग आए और दो लोगों को मारकर फरार हो गए। ऐसा माहौल गुंडाराज का था, कोई कहने सुनने वाला नहीं था। कश्मीर से भी बुरे हाल थे।

‘फिर सरकार आ जाए, तो कोमा में चले जाएंगे अपराधी’

सीएम योगी को पीड़ित ने बताया कि पहले पुलिस की चौकी पर भी ताले लगे थे। चौक बाजार में पुलिस चौकी नशे का अड्डा था। अब 16 पुलिस कर्मी उस पुलिस चौकी पर हैं, पहले एक होमगार्ड नहीं मिलता था। महराज जी, हमारी तो यही प्रार्थना है कि सरकार आ जाए। कोमा में चले जाएंगे अपराधी। सौ फीसदी 20-30 साल सांस नहीं लेंगे। छोटे छोटे बच्चों की यही प्रार्थना है। इनका भाई सूरत में है। मेरी अभी बात हुई थी। उसने यही शर्त रखी है कि जिस दिन शपथ ग्रहण में महराज जी बोल रहे होंगे, मैं उस दिन कैराना पहुंच जाऊंगा।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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