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प्रादेशिक

अंतरिम बजट में केंद्र की ओर से मध्य प्रदेश सरकार को मिले 4,318 करोड़

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भोपाल। मध्यप्रदेश में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए पूंजीगत निवेश लगातार बढ़ाया जा रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में पूंजीगत कार्यों पर 60,689 करोड़ रुपये व्यय किए गए। अब इसमें और वृद्धि की जा रही है। इसके लिए केंद्र सरकार से विशेष केंद्रीय सहायता अंतर्गत 10,910 करोड़ रुपये की मांग की गई है। अंतरिम बजट में 4,318 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिलने से यह उम्मीद जागी है कि शेष राशि भी मिल जाएगी। इसके साथ ही उधार लेने की सीमा में भी छूट मांगी गई है ताकि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाकर रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएं।

केंद्र सरकार 23 जुलाई को आम बजट प्रस्तुत करने जा रही है। इसमें प्रदेश को आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए डबल इंजन की सरकार से बड़ी उम्मीद है। प्रदेश के वित्त की जिम्मेदारी संभाल रहे उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर अनुरोध किया है कि पूंजीगत कार्यों के लिए निर्धारित मापदंडों की पूर्ति में प्रदेश सफल रहा है।

वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार ने विशेष पूंजीगत सहायता योजना में 12,637 करोड़ रुपये दिए थे, जिसमें 3,829 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता भी उपलब्ध कराई गई थी। उधर, प्रदेश सरकार भी लगातार अधोसंरचना विकास के कामों को प्राथमिकता दे रही है। 2023-24 में रिकार्ड 60,689 करोड़ रुपये पूंजीगत कामों पर व्यय किए गए। यह वर्ष 2022-23 की तुलना में 29 प्रतिशत अधिक राशि थी।

वित्त मंत्री ने बताया कि विशेष पूंजीगत सहायता के लिए 10 हजार 910 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भेजे गए हैं। 4, 318 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है।शेष राशि की स्वीकृति अम बजट में मिलने की संभावना है। प्रदेश सरकर ने यह भी मांग की है कि बिजली कंपनियों के ऋण का अधिग्रहण न होने के कारण प्रदेश को कम ऋण लेने की जो सहमति दी है, उसमें राहत दी जाए। दरअसल, उदय योजना में बिजली कंपनियों के ऋणों का अधिग्रहण सरकार को 2021-22 तक करना था लेकिन नहीं हो पाया।

 

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उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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