उत्तर प्रदेश
अंबेडकरनगर की बेटी ने दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसे में गंवायी जान, सीएम ने जताया शोक
लखनऊ, : दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने के बाद जान गंवाने वाले 3 छात्रों में एक छात्रा यूपी के अंबेडकरनगर की रहने वाली थी। उसने लगभग एक माह पहले ही कोचिंग सेंटर में एडमिशन लिया था। सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घटना पर दुख जातते हुए प्रशासन को पीड़ित परिवार की मदद करने के निर्देश दिये थे। इसके बाद अंबेडकरनगर जिलाधिकारी, एसपी, एडीएम एफआर और एसडीएम छात्रा के घर पहुंचे। साथ ही परिजनों को सांत्वना दी।
इस दौरान जिला प्रशासन छात्रा के परिजनों की हर संभव मदद को आगे आया।
सीएम योगी ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की और प्रशासन को हर संभव मदद के दिये निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दिल्ली कोचिंग सेंटर की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि दिल्ली स्थित कोचिंग सेंटर में एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में हुई विद्यार्थियों की मृत्यु अत्यंत दुखद एवं हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। इस दुर्घटना में असमय काल-कवलित हुए जनपद अबंडेकरनगर की छात्रा के शोकाकुल परिजनों से मिलने और दिल्ली के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर उनकी हर संभव मदद करने का निर्देश अधिकारियों के देने की बात लिखी। अंत में सीएम योगी ने प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को सद्गति प्रदान करें।
सीएम योगी के निर्देश पर छात्रा के घर पहुंचा जिला प्रशासन
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि सीएम योगी ने दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर की घटना में जान गंवाने वाली अंबेडकरनगर के हाशिमपुर बरसांवा गांव की छात्रा श्रेया यादव के घर जिला प्रशासन को भेजने के निर्देश दिये। साथ ही इस दुख की घड़ी में हर संभव मदद करने के निर्देश दिये। इसके बाद जिलाधिकारी अंबेडकरनगर अविनाश सिंह, पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ, एडीएम एफआर सदानंद गुप्ता और एसडीएम सौरभ शुक्ला छात्रा श्रेया के घर पहुंचे। यहां पर उनकी मुलाकात छात्रा के पिता राजेंद्र यादव, माता और दो भाइयों के साथ अन्य परिजनों से हुई। जिला प्रशासन ने सभी को सांत्वना दी। साथ ही हर संभव मदद देने की बात कही। डीएम अविनाश सिंह के मुताबिक छात्रा श्रेया के पिता राजेंद्र यादव ने बताया कि उनके छोटे भाई धर्मेंद यादव दिल्ली में ही रहते हैं। वह छात्रा के लोकल पैरेंट्स थे। इस पर एडीएम एफआर सदानंद गुप्ता ने छात्रा के चाचा धर्मेंद्र यादव से बातचीत की। उन्होंने बताया कि छात्रा का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। इस पर एडीएम एफआर ने राजेंद्र नगर के इंस्पेक्टर से बात कर तत्काल पोस्टमार्टम कराने की बात कही। इसके बाद राम मनोहर लोहिया अस्पताल दिल्ली में छात्रा का पोस्टमार्टम किया गया। वहीं मंत्री गिरीश चंद्र यादव और सतीश शर्मा भी छात्रा के घर मौजूद रहे। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि छात्रा के शव को दिल्ली से अंबेडकरनगर से लाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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