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प्रादेशिक

PMCH की बदहाली देख गुस्से से लाल हुए CM नीतीश कुमार, बोले- अस्पताल ऐसा होता है

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Seeing the poor condition of PMCH CM Nitish Kumar became angry

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पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को पटना में 5,462 बेड के दुनिया के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच (PMCH) के पुनर्विकास कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे। उनके स्वागत के लिए मुख्य इमरजेंसी के पास सुरंगनुमा संकरे मार्ग के पास प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी उनके स्वागत में खड़े थे, परंतु कारवां यहां नहीं रुका।

ऊबड़-खाबड़ रास्ते को लेकर गुस्से से लाल हुए नीतीश

ऊबड़-खाबड़ सुरंगनुमा रास्ते से मेडिसिन स्टोर, कैंसर विभाग के सामने से होते ही वे जैसे ही शिशु (पीडियाट्रिक) व स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (गायनेकोलाजी डिपार्टमेंट ) के पास पहुंचे तो स्वागत में खड़े अधीक्षक डॉ. आइएस ठाकुर, उपाधीक्षक डॉ. अभिषेक बासुकि व अन्य लोग दिख गए।

अस्पताल की बदहाली से गुस्साए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वाहन से उतरे और अधीक्षक से बोले कि अस्पताल ऐसा होता है? जेपी गंगा पथ व मुख्य इमरजेंसी से सीधे आने वाले नए बने सिंगल लेन मार्ग को दिखाकर बोले, इतना संकीर्ण रास्ता होता है अस्पताल का? इससे मरीज व अन्य वाहन एकसाथ कैसे आ-जा सकेंगे। इसे तुरंत ठीक कराइए।

बताते चलें कि गत 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री पीएमसीएच के निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने आए थे, तब उन्होंने गंगा पाथ-वे से बेहतर कनेक्टिवटी जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।

आज से सीधा रास्ता हो सकता शुरू

मुख्यमंत्री के गुस्से को देखते हुए अधीक्षक ने बुधवार से ही नए बने सीधे रास्ते को शुरू करने की बात कही है। यह रास्ता शिशु रोग की ओर से तैयार है लेकिन बैरिकेडिंग के कारण मुख्य इमरजेंसी के सामने करीब चार फुट में अभी ढलाई नहीं हुई है। माना जा रहा है कि इसे अभी ऐसे ही शुरू करा दिया जाएगा।

इसके साथ ही इस रास्ते को चौड़ा कर दो लेन का बनाने का कार्य भी होगा। मुख्यमंत्री के साथ वित्त एवं वाणिज्य कर मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, पटना के प्रमंडलीय आयुक्त कुमार रवि के अलावा महाधिवक्ता भी थे।

पुनर्विकास के प्रथम चरण का कार्य

48 एकड़ में PMCH के पुनर्विकास का कार्य तीन चरण में किया जाना है। पहले चरण में 2073 बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य जल्द पूरा होने की उम्मीद है। भवन निर्माण पूरा होते ही अत्याधुनिक तकनीक से उपचार की सुविधा शुरू हो जाएगी। इसके तुरंत बाद दूसरे व तीसरे चरण का काम होगा।

 

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ मेले में हीटर और ब्लोवर पर रहेगा प्रतिबंध

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प्रयागराज। आगामी महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और अग्नि-मुक्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। मेले में आग की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से कई प्रतिबंध और दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं और संस्थाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पूर्व में हुई घटनाओं से सबक लेते हुए योगी सरकार ने इस बार कल्पवासियों के टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड जैसे अनधिकृत उपकरणों के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है। महाकुंभ 2025 में नियमों के सख्ती से पालन के साथ, सरकार का लक्ष्य एक सुरक्षित, व्यवस्थित और अग्नि-मुक्त आयोजन को सफल बनाना है।

विद्युत सुरक्षा को लेकर सख्ती

विद्युत विभाग ने मेले में बिजली के उपयोग को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि (यूपीपीसीएल) ने सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि महाकुंभ मेले में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड जैसे उपकरणों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह कदम आग की घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है। पूर्व में देखा गया है कि मेले के दौरान हुई आग की अधिकतर घटनाओं में शॉर्ट सर्किट बड़ी वजह रही है जो हीटर या ब्लोवर के कारण उत्पन्न हुई।

कटिया पर होगी कार्रवाई

अधिशाषी अभियंता अनूप सिन्हा ने बताया कि हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के साथ साथ मेले में कटिया लगाकर बिजली के उपयोग पर भी सख्त प्रतिबंध रहेगा। ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, यदि किसी संस्था द्वारा विद्युत विभाग की वायरिंग में छेड़छाड़ की जाती है और उसके कारण कोई आगजनी की घटना होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस संस्था की होगी। ऐसी संस्थाओं को भविष्य में प्रतिबंधित भी किया जा सकता है।

सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य

संस्थाओं को निर्देश दिया गया है कि यदि वे स्वयं वायरिंग करते हैं, तो यह कार्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप होना चाहिए। वायरिंग के लिए एमसीबी और कंड्यूट पाइप का उपयोग अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, संस्था को अपनी वायरिंग के उपरांत विद्युत सुरक्षा से अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOC) प्राप्त करना होगा। सरकार के इन कदमों का उद्देश्य महाकुंभ 2025 को पूरी तरह सुरक्षित और अग्नि-मुक्त बनाना है। इस बार का महाकुंभ एक ऐसा आयोजन होगा, जहां सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन किया जाएगा, ताकि लाखों श्रद्धालु बिना किसी भय के धार्मिक आयोजन में भाग ले सकें।

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