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उत्तर प्रदेश

कुंभ मेले को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले युवक को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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बिहार। पूर्णिया (बिहार) से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां प्रयागराज के कुंभ मेले को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान आयुष कुमार जायसवाल के रूप में हुई है, जिसने सोशल मीडिया पर ‘नासिर पठान’ नाम से फर्जी आईडी बनाकर धमकी दी थी।

प्रयागराज पुलिस ने पूर्णिया जिले के भवानीपुर थाना क्षेत्र में स्थानीय पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर शहीदगंज पंचायत के वार्ड नंबर 4 से आरोपी आयुष को गिरफ्तार किया। भवानीपुर थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने पुष्टि की कि गिरफ्तारी के बाद आयुष को यूपी पुलिस अपने साथ ले गई।

क्या है पूरा मामला?

यूपी पुलिस ने पूर्णिया के भवानीपुर से आयुष को गिरफ्तार किया है। यूपी पुलिस ने भवानीपुर पुलिस के सहयोग से शनिवार को शहीदगंज पंचायत के वार्ड 4 में छापेमारी करते हुए धमकी देनेवाले युवक आयुष कुमार जायसवाल को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार युवक आयुष कुमार जायसवाल ने कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर नासिर पठान के नाम से कुंभ मेले को उड़ाने की धमकी दी थी। इसके बाद से यूपी पुलिस धमकी देने वाले युवक की गिरफ्तारी की कोशिश में लग गई थी।

सामने आया पुलिस का बयान

भवानीपुर थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि आयुष कुमार जायसवाल को यूपी पुलिस गिरफ्तार करते हुए अपने साथ लेकर चली गई। सोशल मीडिया पर नासिर पठान बनकर कुम्भ मेले को उड़ाने की धमकी देने वाला आयुष कुमार जायसवाल काफी शातिर दिमाग का बताया जा रहा है। गिरफ्तार आयुष कुमार जायसवाल शहीदगंज पंचायत अंतर्गत वार्ड 4 निवासी जय किशोर जायसवाल का पुत्र है। गिरफ्तारी के बाद से भवानीपुर पुलिस सहित धमदाहा अनुमंडल की पुलिस आयुष कुमार जायसवाल के संबंध में काफी गहराई से जांच में जुटी हुई है। पुलिस आयुष कुमार जायसवाल के संबंधों के बारे में भी काफी गहराई से जांच में जुट गई है ।

बता दें कि 31 दिसंबर को सोशल मीडिया पर नासिर पठान नाम से कुंभ मेले में बम ब्लास्ट कर मेले को उड़ाने की धमकी दी गई थी। जिसके बाद प्रयागराज पुलिस के द्वारा धमकी देनेवाले युवक के विरुद्ध अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर कई स्तर से आईडी और आईडी चलानेवाले के संबंध में जांच शुरू की गई थी। प्रयागराज से आई पुलिस टीम के अधिकारियों ने भवानीपुर पुलिस के सहयोग से शनिवार को शहीदगंज में छापेमारी करते हुए धमकी देनेवाले युवक को गिरफ्तार करते हुए उसे अपने साथ लेकर चली गई।

बीते 31 दिसंबर को धमकी देने के बाद आयुष कुमार जायसवाल नेपाल चला गया था। आयुष जायसवाल के साथ और कौन-कौन लोग नेपाल गए थे, पुलिस इसका पता लगाने का काम भी कर रही है। पुलिस इस बात का पता भी लगाने में जुट गई है कि आयुष जायसवाल नेपाल में कहां और क्यों गया था? वह नेपाल में किन-किन लोगों से मिला था? पुलिस इसका भी पता लगाने में जुट गई है। गिरफ्तार आयुष कुमार जायसवाल के संबंध में अधिक जानकारी के लिए जांच की जाएगी। फेक आईडी बनाकर कुंभ मेले को उड़ाने की धमकी देने को लेकर उसके खिलाफ यूपी पुलिस के द्वारा मामला दर्ज किया गया था।

 

 

 

 

 

उत्तर प्रदेश

यूपी ने बाजी मारी, टीबी नोटिफिकेशन में देश में अव्वल

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लखनऊ: प्रदेश की झोली में एक और उपलब्धि आई है। ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान व इलाज करने में उत्तर प्रदेश 2024 में भी अव्वल रहा है। प्रदेश को बीते साल साढ़े छह लाख मरीजों के चिन्हिकरण का लक्ष्य मिला था। उसके सापेक्ष 6.73 लाख मरीजों की पहचान की गई। ये रिकार्ड है। 2023 में भी प्रदेश ने साढ़े लाख मरीजों के लक्ष्य का आंकड़ा पार किया था। दूसरे स्थान पर महराष्ट्र व तीसरे स्थान पर बिहार का नाम दर्ज है। इसके बाद मध्यप्रदेश व राजस्थान ने नोटिफिकेशन किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि देश-प्रदेश से टीबी उन्मूलन का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का चिन्हिकरण व इलाज किया जाए। इसी के मद्देनजर केंद्रीय टीबी डिवीजन ने सभी प्रदेशों को 2024 की शुरुआत में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य तय किया था। उत्तर प्रदेश को 6.5 लाख मरीज खोजने का लक्ष्य दिया गया था।

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर तक प्रदेश में 6 लाख 73 हजार टीबी मरीजों की पहचान हुई। इन सभी का इलाज शुरू हो चुका है। टीबी नोटिफिकेशन के लक्ष्य को छू पाने में प्राइवेट डाक्टरों की भूमिका भी सराहनीय रही है। प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान यानी तकरीबन 40 प्रतिशत मरीज प्राइवेट डाक्टरों के माध्यम से पंजीकृत हुए हैं।

उत्तर प्रदेश के बाद महराष्ट्र में सवा दो लाख मरीजों का पंजीकरण हुआ। तीसरे नंबर पर बिहार में दो लाख मरीज चिंहित किए जा सके। मध्य प्रदेश में 1.78 लाख व राजस्थान में 1.70 लाख मरीजों का चिन्हिकरण किया हुआ।

राज्य टीबी अधिकारी डॉ शैलेंद्र भटनागर ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रम जैसे हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस, एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान व दस्तक अभियान चलाए गए जिससे हम ज्यादा से ज्यादा टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोज पाए। इस वक्त 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान पूरे प्रदेश में चल रहा है जिसके माध्यम से उच्च जोखिम वाले व प्रिजेम्टिव टीबी वाले केसों को खोजने पर पूरे विभाग का ध्यान केंद्रित है।

टीबी का उन्मूलन प्राइवेट डाक्टरों की सहभागिता के बिना नहीं हो सकता। यह एक कड़वा सच है। उत्तर प्रदेश में मथुरा, आगरा, कानपुर, गोरखपुर व झांसी ने इस मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है। लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली व गाजियाबाद में भी प्राइवेट डाक्टर सक्रियता दिखा रहे हैं लेकिन श्रावस्ती में बीते साल सिर्फ 44 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं।

इसके अलावा महोबा में 255, सोनभद्र में 374, चित्रकूट में 376, हमीरपुर में 380, कन्नौज में 444, सुल्तानपुर में 444, अमेठी में 447, संतरवीदास नगर में 456, चंदौली में 488 और कानपुर देहात में सिर्फ 468 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इन जनपदों में प्राइवेट डाक्टरों की प्रतिभागिता बढ़े जाने की जरूरत है।

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