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मुश्किल में प्रियंका गांधी, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने चार्जशीट में पहली बार दर्ज किया नाम

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Priyanka Gandhi in trouble

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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी एक बड़ी मुसीबत में फंसती दिख रहीं है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपने आरोपपत्र में प्रियंका वाड्रा नाम दर्ज किया है। ईडी ने इसी मामले रॉबर्ट वाड्रा पर भी आरोप लगे हुए हैं। ईडी का कहना है कि 2006 में प्रियंका और रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली स्थित रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा से हरियाणा के फरीदाबाद में 40 कनाल (पांच एकड़) की कृषि भूमि खरीदी थी और उसी जमीन को फरवरी 2010 में बेच दिया।

पहली बार ईडी की चार्जशीट में आया नाम

पहली बार, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपने आरोप पत्र में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का नाम लिया है। एजेंट पाहवा वही व्यक्ति है, जिसने एनआरआई कारोबारी सीसी थंपी को भी जमीन बेची थी। इससे जुड़े दूसरे मामले में भगोड़ा हथियार डीलर संजय भंडारी बी शामिल है, जिसके खिलाफ मनी-लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा और कालाधन कानूनों के उल्लंघन और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत एजेंसियां जांच कर रही हैं।

भंड़ारी 2016 में भारत से ब्रिटेन भाग गया था। थम्पी पर ब्रिटिश नागरिक सुमित चड्ढा के साथ मिलकर भंडारी को कालाधन छिपाने में मदद करने का आरोप है।

रॉबर्ट वाड्रा पर भी आरोप

ED ने मामले से संबंधित अपने पहले आरोपपत्र में थम्पी के कथित करीबी सहयोगी के रूप में रॉबर्ट वाड्रा का नाम शामिल किया है। ताजा आरोप-पत्र में यह बताया गया है कि पाहवा को भूमि अधिग्रहण के लिए अकाउंट बुक में से नकदी दी गई थी। यह भी देखा गया कि रॉबर्ट वाड्रा ने पाहवा को बिक्री का पूरा भुगतान नहीं किया। बता दें कि मामले में ईडी की जांच अभी भी जारी है।

एक और मामले में घिर सकते वाड्रा

एक अन्य मनी लॉन्ड्रिंग मामले (ईसीआईआर/ओजी/एचआईयू 2018 से संबंधित) में जांच के दौरान रॉबर्ट वाड्रा, उनकी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ जांच की जा रही है। मामले में यह पाया गया है कि दिल्ली एनसीआर के निवासी महेश नागर ने रॉबर्ट वाड्रे की विभिन्न संस्थाओं के नाम पर दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में जमीन खरीदी थी।

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ज्ञानेश कुमार बने मुख्य चुनाव आयुक्त, जानें कौन है ये 1988 बैच के आईएएस अधिकारी

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नई दिल्ली। नए मुख्य चुनाव आयुक्त के नाम का ऐलान कर दिया गया है। ज्ञानेश कुमार नए मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे। वह राजीव कुमार की जगह लेंगे। इस बात की जानकारी कानून मंत्रालय ने दी है।

कौन हैं ज्ञानेश कुमार?

ज्ञानेश कुमार को पिछले साल मार्च में चुनाव आयुक्त के रूप में नामित किया गया था। वह वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की जगह लेंगे। ज्ञानेश कुमार इस साल के आखिर में बिहार विधानसभा चुनाव और अगले साल बंगाल, असम और तमिलनाडु में होने वाले चुनावों की देखरेख करेंगे।

केरल कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार, तीन सदस्यीय पैनल में दो आयुक्तों में से वरिष्ठ हैं, जिसका नेतृत्व आज सुबह उनके कार्यालय छोड़ने तक राजीव कुमार ने किया था। पैनल में दूसरे आयुक्त सुखबीर सिंह संधू हैं, जो उत्तराखंड कैडर के अधिकारी हैं।1989 बैच के आईएएस डॉ विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है, जो उनके कार्यालय का कार्यभार संभालने की तारीख से प्रभावी होगा।

पीएम ऑफिस में हुई थी मीटिंग

नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के चयन को लेकर पीएम ऑफिस में सोमवार को मीटिंग हुई थी। पीएम मोदी की अगुवाई वाली 3 सदस्यीय कमेटी ने ये मीटिंग की थी और इसमें नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए थे। कांग्रेस ने सीईसी के चयन पर सरकार को सुझाव दिया था कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तक बैठक स्थगित की जाए।

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