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पंजाब

पंजाब: मुख्यमंत्री ने शहीद कांस्टेबल के परिवार को 2 करोड़ रु देने का किया एलान

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martyr constable Kuldeep Singh Bajwa

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फगवाड़ा में शहीद हुए कांस्टेबल कुलदीप सिंह बाजवा के परिवार को 2 करोड़ रु की सहायता देने का एलान किया है। भगवंत मान ने कहा कि सरकार हर मुसीबत में शहीद जवान के परिवार के साथ खड़ी है। वो उन्हें हर संभव मदद देंगे।

बता दें कि पंजाब के फगवाड़ा शहरी थाने के कांस्टेबल कुलदीप सिंह की रविवार देर रात कोट ग्रेवाल गांव के पास गैंगस्टरों से मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में घायल होने के बाद कुलदीप को रात करीब 11 बजे फगवाड़ा के गांधी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने कुलदीप को मृत घोषित कर दिया। उधर पंजाब सरकार ने शहीद कांस्टेबल कुलदीप सिंह बाजवा को 2 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है।

जानकारी के मुताबिक, मुठभेड़ उस समय हुई जब एसएचओ अमनदीप नाहर के नेतृत्व में एक पुलिस दल दोसांझ रोड पर शहीद भगत सिंह नगर से फगवाड़ा की ओर क्रेटा कार छीनकर भाग रहे गैंगस्टरों का पीछा कर रहा था। बताया गया कि फगवाड़ा निवासी अवतार सिंह अपने दोस्त शेखर भनोट के साथ वाहन में थे, तभी पांच हथियारबंद गैंगस्टरों ने टक्कर मार दी और उनकी कार छीन ली। इसके बाद वे दोसांझ कलां की ओर भाग गए।

बताया गया कि घटना के बाद पीड़ित ने तुरंत एसएचओ को टेलीफोन पर सूचित किया और कहा कि उनकी छीनी गई कार का जीपीएस ट्रैकर सिस्टम अभी भी सक्रिय है और गोराया थाने के अंतर्गत कोट-ग्रेवाल गांव के पास उनकी कार की स्थिति दिखा रहा है। एसएचओ अमनदीप नाहर ने एक पुलिस पार्टी के साथ गैंगस्टरों का पीछा किया जिन्होंने विरोध करने पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी गैंगस्टरों पर फायरिंग की। क्रॉस फायरिंग में कांस्टेबल कुलदीप गोली लगने से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

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नेशनल

पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को स्वर्ण मंदिर में शौचालय और गंदे बर्तन साफ ​​करने होंगे, जानें क्या है मामला ?

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पंजाब। पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त ने धार्मिक कदाचार के मामले में सजा सुनाई है। अकाल तख्त के आदेश के मुताबिक, उन्हें स्वर्ण मंदिर में शौचालय और गंदे बर्तन साफ ​​करने होंगे। यह फैसला अकाली सरकार के दौरान डेरा प्रमुख राम रहीम को माफ करने के मामले में खुद की संलिप्तता स्वीकार करने के बाद आया है।

क्या-क्या मिली सजा, क्या करना होगा काम?

सजा के तहत सुखबीर बादल के पिता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल से ‘फख्र-ए-कौम’ की उपाधि वापस ले ली जाएगी।

सुखबीर बादल और सुखदेव ढिंढसा को एक घंटे तक बर्तनों और जूतों की सफाई करने के साथ-साथ ‘कीर्तन’ सुनने का भी आदेश दिया गया है।

जत्थेदार ने अन्य अकाली नेताओं जैसे सुचा सिंह लांगा, हीरा सिंह गैब्रिया, बलविंदर सिंह भुंदर, दलजीत सिंह चीमा और गुलजार सिंह को स्वर्ण मंदिर में एक घंटे तक बाथरूम की सफाई करने और इसके बाद गुरु का लंगर सेवा में बर्तनों की सफाई करने का निर्देश दिया गया है।

इन नेताओं को एक घंटे तक कीर्तन सुनने का आदेश भी दिया गया है।

अकाली नेताओं जैसे बीबी जगीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत सिंह रेखड़ा, बिक्रम सिंह मजीठिया, महेश इंदर सिंह ग्रीनवाल, चरणजीत सिंह अटवाल और आदेश प्रताप सिंह कैरों को भी स्वर्ण मंदिर में बाथरूम की सफाई करने के लिए कहा गया है।

धार्मिक कदाचार के आरोप दो महीने पहले सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त ने ‘तन्खैया’ यानी धार्मिक दुराचार का दोषी घोषित किया था। यह घोषणा अकाल तख्त पर पांच सिंह साहिबानों की बैठक के बाद की गई। बैठक में बादल और शिरोमणि अकाली दल सरकार के अन्य कैबिनेट सदस्यों के खिलाफ आरोपों पर चर्चा की गई। ये आरोप उनके कार्यकाल के दौरान की गई कार्रवाइयों से जुड़े हैं, खास तौर पर डेरा प्रमुख राम रहीम को माफ़ी दिए जाने के मामले में। इस माफ़ी से धार्मिक हलकों में काफ़ी विवाद और विरोध हुआ था।

 

 

 

 

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