उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री के हाथों मिला सम्मान, हुए अभिभूत
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों सम्मान पाकर प्रतिभाएं अभिभूत हुईं। सीएम ने इसके साथ ही दिव्यांगों के उत्थान के लिए कार्य करने वालों को भी सम्मानित किया। सीएम ने 40 दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरित किए। 324 दिव्यांग विद्यार्थियों को टैबलेट भी दिए गए। सीएम के द्वारा मंगलवार को पिछड़ा वर्ग से जुड़े दो लाख 53 हजार 211 से अधिक बच्चों को 54.38 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति भी डीबीटी के माध्यम से सीधे अकाउंट में भेज दी गई। पिछड़ा वर्ग से जुड़े 28 युवाओं को कंप्यूटर प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र भी उपलब्ध हुआ है। इसमें से कई प्रतिभाओं को सीएम ने मंच पर प्रशस्ति पत्र, पुरस्कार राशि, टैबलेट, अंगवस्त्र व प्रमाणपत्र आदि प्रदान किया।
सीएम ने वाराणसी व मुरादाबाद के सीडीओ को किया सम्मानित
कार्यक्रम में उत्कृष्ट दिव्यांग व्यक्तियों, दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य करने वाले विशिष्ट व्यक्तियों, स्वैच्छिक संगठनों और दिव्यांग खिलाड़ियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए गए। इस वर्ष वाराणसी जिले को पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने में सर्वश्रेष्ठ जिला चुना गया। इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने सम्मान प्राप्त किया। मुख्य विकास अधिकारी मुरादाबाद सुमित यादव को बाधामुक्त वातावरण के सृजन के लिए विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया। सीएम ने दोनों अधिकारियों को सम्मानित किया।
वाराणसी की नई सुबह संस्था व जन विकास समिति भी पुरस्कृत
गैर-व्यावसायिक श्रेणी में डॉ. कौशिकी सिंह (लखनऊ) और व्यावसायिक श्रेणी में राम किशन गुप्ता (कानपुर नगर) को दिव्यांगजन के हित में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कृत किया गया। सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग कर्मचारी के रूप में संतबली चौधरी (गोरखपुर), अरुण कुमार अग्रवाल (लखनऊ) और गोपाल कृष्ण त्रिपाठी (कानपुर नगर) को सम्मानित किया गया। पुनर्वास सेवाओं में योगदान के लिए नई सुबह संस्था (वाराणसी) और सर्वश्रेष्ठ नवीन अनुसंधान के लिए जन विकास समिति (वाराणसी) को पुरस्कृत किया गया। इन्हें भी सीएम के हाथों पुरस्कृत होने का अवसर मिला।
प्रगति व दीपेंद्र को सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी के रूप में सम्मानित
सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रेरणास्रोत श्रेणी में मानवेन्द्र प्रताप सिंह (लखनऊ), मुकेश मिश्रा (लखनऊ) और स्वामी प्रताप सिंह (आगरा) को सम्मानित किया। इसके साथ ही सर्वश्रेष्ठ सृजनशील दिव्यांग बालिका के रूप में कु. दिव्यांशी कसौधन (गोरखपुर) और सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी के रूप में महिला श्रेणी में कु. प्रगति केसरवानी (लखनऊ) व पुरुष श्रेणी में दीपेन्द्र सिंह (संभल) को पुरस्कृत किया गया।
स्पर्श राजकीय दृष्टिबाधित बालक इंटर कॉलेज गोरखपुर के प्रधानाचार्य का सम्मान
सर्वश्रेष्ठ अधिकारी के रूप में लक्ष्मीशंकर जायसवाल, प्रधानाचार्य, स्पर्श राजकीय दृष्टिबाधित बालक इण्टर कालेज (गोरखपुर) और सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी के रूप में प्रशान्त कुमार, वरिष्ठ सहायक कार्यालय जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी (कानपुर नगर) को सम्मानित किया गया। सृजनशील दिव्यांग पुरुष श्रेणी में अनूप कुमार सिंह (कुशीनगर) और महिला श्रेणी में रीतू पटेल (वाराणसी) को भी पुरस्कार प्रदान किए गए। इन्हें भी सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथों पुरस्कार मिला।
सीएम ने हाईस्कूल-इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों को किया पुरस्कृत
सीएम योगी ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 में हाईस्कूल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्पर्श राजकीय दृष्टिबाधित बालक इंटर कॉलेज लखनऊ के अर्पित सिंह (90.16 प्रतिशत), नेहा मौर्या (89.83 फीसदी), स्पर्श राजकीय दृष्टिबाधित बालक इंटर कॉलेज गोरखपुर के बृजेश (इंटरमीडिएट-86.80 प्रतिशत) व लखनऊ की तनु तिवारी (85.08 फीसदी) को सम्मानित किया।
इन्हें भी सीएम के हाथों मिला सम्मान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की संजीता विश्वकर्मा, विजय कुमार, रामअनुज, आफरीन खातून, प्रीति कुमारी, नवीन जायसवाल को टैबलेट प्रदान किया। साथ ही पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के विद्यार्थी प्रिंस कुमार पाल, प्रीति यादव को सम्मानित किया।
उत्तर प्रदेश
क्रॉप कटिंग के माध्यम खरीफ की फसलों की उत्पादकता पर योगी सरकार की पैनी नजर
लखनऊ। किसानों के जीवन में आर्थिक स्थिरता लाने और उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार खरीफ फसलों की उत्पादकता का वैज्ञानिक और तकनीकी तरीके से आकलन कर रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत क्रॉप कटिंग प्रयोग (सीसीई) के माध्यम से उत्पादकता मापने और किसानों की क्षति का आकलन कर उन्हें समय पर बीमा लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है।
सीसीई एग्री ऐप से अब तक हुए 2.45 लाख क्रॉप कटिंग प्रयोग, जीसीईएस ऐप से 11,374 प्रयोग पूरे
इस साल खरीफ के मौसम में सीसीई एग्री ऐप के माध्यम से 3 लाख से अधिक क्रॉप कटिंग प्रयोग के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं जिसमें अब तक 2.45 लाख प्रयोग पूरे किए जा चुके हैं। यह कृषि उत्पादन में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके अतिरिक्त, जीसीईएस ऐप के जरिए 13,654 क्रॉप कटिंग प्रयोग के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 11,374 प्रयोग पूरे हो चुके हैं। यह प्रक्रिया न केवल फसलों की उत्पादकता का आकलन करती है बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि फसल बीमा योजना के तहत किसानों को क्षतिपूर्ति जल्द और सटीक तरीके से प्राप्त हो।
आधुनिक तकनीकों के उपयोग से किसानों को हो रहा लाभ
सीसीई एग्री ऐप और जीसीईएस ऐप जैसे अत्याधुनिक उपकरण फसल कटाई प्रक्रिया को न केवल तेज बल्कि प्रभावी भी बनाते हैं। यह ऐप्स फसल की स्थिति, उत्पादन क्षमता और संभावित क्षति का सटीक डेटा उपलब्ध कराते हैं, जिससे बीमा कंपनियों को सही जानकारी मिलती है और किसानों को समय पर मुआवजा मिलना सुनिश्चित होता है।
खरीफ मौसम में 10 फसलों को इस योजना में शामिल किया गया है। जिसमें, धान, मक्का, बाजरा, ज्वार, उर्द, मींग, तिल, मूंगफली,सोयबीन व अरहर शामिल हैं। क्रॉप कटिंग प्रयोगों के माध्यम से इन फसलों की उत्पादकता का सटीक आकलन किया जा रहा है। यह पहल न केवल किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है बल्कि कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में प्रदेश को अग्रणी बना रही है।
किसानों को खराब फसल की क्षतिपूर्ति प्राप्त करने में मददगार है यह प्रयोग
क्रॉप कटिंग या फसल कटाई के प्रयोग द्वारा फसल की औसत पैदावार निकाली जाती है। क्रॉप कटिंग आधार पर ही जनपदों के कृषि उत्पादन के आंकड़े तैयार करके शासन को भेजे जाते हैं। क्रॉप कटिंग के प्राप्त आंकड़ों के आधार पर फसल बीमा धारक किसान को नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। कृषि विभाग सभी जनपदों के समस्त क्षेत्रों के क्रॉप कटिंग आंकड़ों का औसत निकालकर शासन को भेजता है। इसके आधार पर ही जनपद में विभिन्न फसलों की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता का निर्धारण किया जाता है। योगी सरकार आंकड़ों की शुद्धता के लिए 15% अनिवार्य निरीक्षण के लिए जनपद में कृषि, राजस्व एवं विकास विभाग के अधिकारियों को नामित किया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत प्रदेश में इम्पैनल्ड बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधियों द्वारा भी 30% क्राप-कटिंग प्रयोगों का सह अवलोकन कराया जा रहा है।
क्रॉप कटिंग के जरिए प्राप्त आंकड़ों का उपयोग पीएमएफबीवाई के तहत सरकार प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति देती है। इस योजना के तहत, फसल क्षति होने पर किसानों को संबंधित बीमा कंपनियों से मुआवजा मिलता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता लाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए इन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया है।
किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा क्रॉप कटिंग प्रयोग
प्रदेश में कृषि क्षेत्र पर बड़ी संख्या में लोगों की निर्भरता है। योगी सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि फसलों की क्षति की स्थिति में किसान किसी भी आर्थिक संकट से बच सकें। इसके लिए संबंधित विभाग के कर्मचारियों द्वारा रैंडमली ऑनलाइन चयनित गांव के एक खेत में समबाहु त्रिभुज के प्रति 10 मीटर भुजा वाले क्षेत्र के अंतर्गत फसल की कटाई एवं उससे प्राप्त अनाज का वजन किया जाता है। उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदारों से क्रॉप कटिंग प्रयोगों के सम्पादन की समीक्षा की जाती है। क्रॉप कटिंग प्रयोगों का यह विस्तृत नेटवर्क न केवल किसानों को राहत प्रदान कर रहा है बल्कि कृषि उत्पादकता के उन्नयन और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में भी सहायक साबित हो रहा है।
योजनाओं में किसानों की व्यापक सहभागिता सुनिश्चित कर रही योगी सरकार
जन हितैषी और किसान केंद्रित योजनाओं में केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही योगी सरकार की इस पहल के तहत किसानों, कृषि विभाग और बीमा कंपनियों के बीच तालमेल को बेहतर बनाया गया है। फसलों के उत्पादन और नुकसान के आंकड़े अब केवल कागजी प्रक्रिया तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनका डिजिटलीकरण किया गया है। यह प्रक्रिया योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू करने में सहायक है। सीसीई की पारंपरिक पद्धति उपज घटक पद्धति पर आधारित है जहां अध्ययन के तहत कुल क्षेत्र के यादृच्छिक नमूने के आधार पर विशिष्ट स्थानों का चयन किया जाता है। एक बार भूखंडों का चयन हो जाने के बाद, इन भूखंडों के एक भाग से उत्पादन काटा जाता है और बायोमास वजन, अनाज वजन, नमी और अन्य सांकेतिक कारकों जैसे कई मापदंडों के लिए विश्लेषण किया जाता है। इस अध्ययन से एकत्र किए गए डेटा को पूरे क्षेत्र में एक्सट्रपलेशन किया गया है और अध्ययन के तहत राज्य या क्षेत्र की औसत उपज का अनुमानित मूल्यांकन प्रदान करता है।
कृषि उत्पादकता के आकलन की यह प्रणाली किसानों और बीमा कंपनियों के बीच विश्वास को बढ़ावा दे रही है। आने वाले समय में, उत्तर प्रदेश की सरकार इस मॉडल को और भी मजबूत बनाने और कृषि क्षेत्र में तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश में किसान हितैषी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से न केवल कृषि क्षेत्र का विकास हो रहा है, बल्कि इससे राज्य के आर्थिक विकास को भी गति मिल रही है।
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