प्रादेशिक
आईपीएस अधिकारी की पहली पोस्टिंग बनी आखिरी, ज्वाइनिंग के लिए जाते वक्त सड़क हादसे में मौत
बेंगलुरु। कर्नाटक के हासन जिले में अपनी पहली पोस्टिंग के लिए जाते समय एक आईपीएस अधिकारी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को बताया कि कर्नाटक के हासन जिले में अपनी पहली तैनाती को लेकर कार्यभार संभालने जा रहे भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हर्षवर्धन की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।
पुलिस ने कहा कि हर्षवर्धन 20 साल के थे। वह कर्नाटक कैडर के 2023 बैच के आईपीएस अधिकारी चुने गए थे। वह मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। पुलिस ने कहा कि दुर्घटना रविवार शाम को हुई, जब हासन तालुक के किट्टाने के पास पुलिस वाहन का टायर फट गया। इसके बाद चालक ने नियंत्रण खो दिया और वाहन सड़क किनारे एक घर और एक पेड़ से टकरा गया।
पुलिस के अनुसार, होलेनरसीपुर में परिवीक्षाधीन सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में ड्यूटी पर रिपोर्ट करने के लिए हर्षवर्धन हासन जा रहे थे। पुलिस ने अधिकारी ने बताया कि हर्षवर्धन के सिर में गंभीर चोटें आईं और इलाज के दौरान अस्पताल में उनकी मौत हो गई, जबकि चालक मंजेगौड़ा को मामूली चोटें आईं हैं।
पुलिस ने कहा कि आईपीएस अधिकारी ने हाल ही में मैसूर में कर्नाटक पुलिस अकादमी में एक महीने पहले IPS की ट्रेनिंग पूरी की थी। ये उनकी पहली नौकरी थी। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 153वीं रैंक हासिल की थी। पहले प्रयास में ही सिविल सेवा परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी।
उत्तर प्रदेश
बीजेपी का आरोप, संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं
लखनऊ। संभल में बीते 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद जमकर राजनीति हो रही है। एक ओर विरोधी दल इस हिंसा के लिए योगी सरकार और बीजेपी को जिम्मेदार बता रहे हैं तो दूसरी ओर बीजेपी सपा नेताओं को जिम्मेदार बता रही है। इस हिंसा में मारे गए पांच लोगों के अलावा पीड़ितों के परिवार से मुलाकात करने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पूरी कोशिश कर रही है।
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के संभल जाने को लेकर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दल जो राजनीति कर रहे हैं, वह उचित नहीं है। हमारी प्रतिबद्धता शांति स्थापित करने को लेकर है। न्यायालय में इसका मामला विचाराधीन है। जो भी निर्णय होगा, उसका हम अनुपालन करेंगे। रविवार को न्यायिक आयोग ने इलाके का जायजा लिया, अपनी रिपोर्ट में वो जो भी कहेंगे, हम उसकी निष्पक्ष कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।
सरकार किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं देगी।” विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के लोग सिर्फ वोटों की फसल काटने के लिए इस प्रकार की बात कर रहे हैं। हम हर स्थिति में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं और किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं मिलने वाली है।” बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के नेता वहां पर जाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, प्रशासन ने जिले में बाहरी लोगों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
नेताओं के संभल जाने की सूचना पर पुलिस ने टोल प्लाजा पर मुस्तैदी बढ़ा दी है। वहीं, एक दिन पहले हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की टीम रविवार को कोतवाली परिसर पहुंची थी। हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में टीम ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर मौजूदा हालात का जायजा लिया। आयोग की टीम ने शाही जामा मस्जिद में पहुंचकर वहां की स्थिति का भी जायजा लिया।
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