उत्तर प्रदेश
ग्रेटर नोएडा में 50 टीडीपी गीले कचरे के निस्तारण का मार्ग होगा प्रशस्त
लखनऊ/ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार ने ग्रेटर नोएडा में 50 टीडीपी गीले कचरे के निस्तारण व उसे बायो सीएनजी में परिवर्तित करने की परियोजना को गति दे दी है। इस योजना से ग्रेटर नोएडा के 95 सेक्टर, 124 गांव समेत 8 एडमिनिस्ट्रेटिव जोन के अंतर्गत कुल 380 स्क्वेयर किलोमीटर क्षेत्र में रह रहे 12 लाख लोग लाभान्वित होंगे। उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा के ही सेक्टर-1 में ‘सिक्वेंशियल बैच रिएक्टर टेक्नोलॉजी’ बेस्ड सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना किए जाने का कार्य भी शुरू हो गया है। 79.57 करोड़ की लागत से बनने वाले 45 एमएलडी कैपेसिटी युक्त सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व वॉटर रीक्लेमशन फैसिलिटी की स्थापना, संचालन व टेस्टिंग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन की प्रक्रिया जारी है। वहीं, 50 टीडीपी गीले कचरे के निस्तारण और उसे बायो सीएनजी में परिवर्तित करने की परियोजना को 17 करोड़ रुपए की लागत से गति दी जाएगी। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने इस कार्य को पूरा करने के लिए कॉन्ट्रैक्टर निर्धारण व कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसे क्वॉलिटी व कॉस्ट बेस्ड सिलेक्शन के माध्यम से पूरा किया जाएगा।
अस्तौली में होगी इकाई की स्थापना
परियोजना का एक प्रमुख लक्ष्य नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट) के 100% साइंटिफिक प्रोसेसिंग को बढ़ावा देना है। वर्तमान में, ग्रेटर नोएडा का अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल 3 स्वीकृत प्रसंस्करण इकाइयों के साथ विकेंद्रीकृत है। इन 3 में से 2 इकाइयों में यांत्रिक खाद (प्रत्येक 10 टीपीडी) और तीसरी में जैव-मीथेनेशन (18टीपीडी) शामिल है। कुछ थोक जेरेटर जोन अपने कचरे को उसी स्थान पर संसाधित करते हैं। ऐसे में, पूरे क्षेत्र में 50 टीपीडी गीले कचरे का प्रसंस्करण कर उसे बायो-सीएनजी में बदला जाएगा। इस उद्देश्य के लिए, प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा के अस्तौली में भूमि पार्सल की पहचान की जहां पर इकाई की स्थापना की जाएगी।
कई क्लस्टर्स की स्थापना से मिलेगी मदद
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण पीपीपी मोड के तहत अपशिष्ट प्रबंधन व उसके साइंटिफिक प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए कई क्लस्टर स्थापित करने पर कार्य कर रहा है, ताकि उत्पन्न सभी गीले कचरे को संसाधित करने की क्षमता का निर्माण किया जा सके। ऐसे में, एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन से इस प्रक्रिया को गति मिलेगी। अस्तौली में स्थापित होने वाली अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई को 25 वर्षों की संचालन अवधि के आधार पर निर्मित व विकसित किया जाएगा।
रोड रेडी फ्यूल के निर्माण का मार्ग होगा प्रशस्त
उल्लेखनीय है कि 50 टीपीडी गीले कचरे का प्रसंस्करण कर उसे बायो-सीएनजी जरिए रोड रेडी बायो फ्यूल बनाने की प्रक्रिया को गति दी जाएगी। परियोजना के अंतर्गत बनने वाली बायो-सीएनजी को सिटी बसों समेत विभिन्न वाहनों में प्रयुक्त किया जाएगा। यहां बनने वाली कंप्रेस्ड बायो गैस को इंडियन स्टैंडर्ड नॉर्मस (बीआईएस) तथा पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (पेसो) के गैस सिलिंडर फिलिंग मानकों का पालन किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ की वेबसाइट पर आए 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा यूजर्स
महाकुम्भ नगर। मानवता की अमूर्त विरासत के रूप में प्रसिद्ध सनातन संस्कृति के सबसे बड़े मानव समागम महाकुम्भ 2025 को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों में जिज्ञासा है। अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए लोग इंटरनेट पर विभिन्न वेबसाइट्स और पोर्टल के जरिए महाकुम्भ के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। इस जिज्ञासा का सबसे बड़ा समाधान उन्हें महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट https://kumbh.gov.in/ पर आकर मिल रहा है। वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार 4 जनवरी तक 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा लोगों ने वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के विषय में जानकारी हासिल की है। इन देशों में यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका समेत सभी कांटिनेंट्स के लोग शामिल हैं।
प्रतिदिन लाखों यूजर्स आ रहे वेबसाइट पर
महाकुम्भ की वेबसाइट को हैंडल कर रही टेक्निकल टीम के प्रतिनिधि के अनुसार 4 जनवरी तक के डाटा के अनुसार अब तक 33 लाख 5 हजार 667 यूजर्स वेबसाइट पर आ चुके हैं। ये सभी यूजर्स भारत समेत पूरी दुनिया के 183 देशों से है। इन 183 देशों में से भी 6206 शहरों से वेबसाइट पर लोग आए हैं और उन्होंने यहां काफी समय भी बिताया है। वेबसाइट पर आने वाले टॉप-5 देशों की बात करें तो पहला नंबर निश्चित रूप से भारत का है, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी से भी लाखों लोग प्रतिदिन वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के बारे में जानकारियां जुटा रहे हैं। टेक्निकल टीम के अनुसार वेबसाइट के शुभारंभ के बाद से बड़ी संख्या में लोग वेबसाइट पर आ रहे हैं। हालांकि, जैसे-जैसे महाकुम्भ करीब आ रहा है वैसे-वैसे यूजर्स की संख्या लाखों में पहुंचती जा रही है।
6 अक्टूबर को सीएम योगी ने किया था वेबसाइट का शुभारंभ
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस महाकुम्भ को डिजिटल महाकुम्भ के रूप में प्रस्तुत कर रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स बनाए गए हैं। इसी में एक महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट भी है, जिसका शुभारंभ 6 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां प्रयागराज में किया था। इस वेबसाइट पर श्रद्धालुओं के लिए महाकुम्भ से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें कुम्भ से जुड़ी परंपराओं, कुम्भ की महत्ता, आध्यात्मिक गुरुओं के साथ-साथ कुम्भ पर किए गए अध्ययन की विस्तृत जानकारियां दी गई हैं। यही नहीं, महाकुम्भ के दौरान प्रमुख आकर्षण, प्रमुख स्नान पर्व, क्या करें-क्या नहीं और कलाकृतियों को विस्तार से बताया गया है। इसके अतिरिक्त ट्रैवल और स्टे, गैलरी, क्या नया हो रहा है समेत समूचे प्रयागराज के विषय में बताया गया है।
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