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उत्तर प्रदेश

ताजमहल को बम से उड़ाने की धमकी, सीआईएसएफ की टीम जांच के लिए पहुंची

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आगरा। ई-मेल के जरिए ताजमहल को बम से उड़ाने की धमकी मिली है. मेल आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. पुलिस बिना देरी किए बम निरोधक दस्ता सहित अन्य टीमों के साथ ताजमहल पहुंचकर जांच में जुट गई है. साथ ही मेल करने वाले का भी पता लगाया जा रहा है.विश्व के सात अजूबों में से एक ताजमहल को बम से उड़ने की धमकी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई है। टूरिज्म विभाग को भेजे गए मेल में बदमाशों ने ताजमहल में बम विस्फोट की बात कही है। धमकी भरा ईमेल मिलते स्थानीय पुलिस प्रशासन को सफल किया गया। ताजमहल के भीतर और बाहर के इलाकों में सुरक्षा जांच की गई। ताजमहल के भीतर सीआईएसएफ की टीम ने जांच की है। ताजमहल के तमाम इलाकों को खंगाला जा रहा है। अब तक पुलिस को कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है।

धमकी भरे मेल में क्या?

ताजमहल को बम से उड़ाने की धमकी भरा ईमेल पर्यटन विभाग को मंगलवार को मिला। ईमेल के माध्यम से मिली जानकारी के बाद विभाग में हड़कंप मच गया। ईमेल में लिखा गया था कि ताजमहल में बम लगा है। यह बम सुबह 9 बजे फटेगा। ईमेल मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हुईं। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने ताजमहल परिसर में जांच शुरू कर दी।

 

उत्तर प्रदेश

लोकसभा में बोले अखिलेश- संभल की घटना सोची-समझी साजिश, यहां भाईचारे को गोली मारी गई

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नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में संभल हिंसा पर बयान देते हुए इस घटना को सोची-समझी साजिश करार दिया। अखिलेश यादव ने कहा है कि जिले के भाईचारे को गोली मारी गई है। यह सोची समझी साजिश है। उन्होंने कहा कि देश भर से जो खुदाई की खबरें आ रहीं हैं उससे देश का सौहार्द बिगड़ेगा।

अखिलेश यादव ने कहा कि सदन में कहा कि संभल में सब साजिश के तहत हुआ है। यूपी में चुनाव था इसलिए यह सब किया गया। संभल में हजारों साल से हिंदू मुसलमान भाइयों की तरह रह रहे। यह एक सोची समझी घटना है और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया है। उत्तर प्रदेश में उपचुनाव था वहां पर जो गड़बड़ी हुई इसे ध्यान भटकाने के लिए संभल की घटना को किया गया।

उन्होंने कहा कि देशभर में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों, जो बार-बार खुदाई की बातें कर रहे हैं, ये खुदाई हमारे देश का सौहार्द, भाईचारा, गंगा-जमुनी तहजीब को खो देगा। ये सोची-समझी साजिश इसलिए बोल रहा हूं, क्योंकि यूपी विधानसभा के उपचुनाव 13 नवंबर को होना था। इन्होंने तारीख 13 नवंबर से बढ़ाकर 20 नवंबर कर दिया। संभल के शाही जामा मस्जिद के खिलाफ 19 नवंबर 2024 को सिविल जज सीनियर डिविजन चंदौसी संभल में एक याचिका डाली गई। कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बगैर उसी दिन सर्वे के आदेश दे दिए। ये ताज्जुब की बात है। दो घंटे बाद सर्वे की टीम संभल पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गई।”

उन्होंने कहा, “संभल जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने ढाई घंटे के बाद बताया कि सर्वे पूरा हो चुका है और रिपोर्ट कोर्ट को भेज दी जाएगी। लेकिन, 22 नवंबर को शुक्रवार को जुमे की नमाज अदा करने के लिए लोग जामा मस्जिद पहुंचे। मगर, पुलिस प्रशासन ने बैरिकेड लगा दिया, ताकि लोग नमाज नहीं पढ़ सके। उसके बाद भी लोगों ने संयम बरतते हुए नमाज अदा की और किसी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं किया।”

उन्होंने कहा, “29 नवंबर को कोर्ट की अगली तारीख तय थी। शाही जामा मस्जिद की कमेटी और मुस्लिम समाज के सभी लोग कोर्ट में केस की पैरवी की तैयारी कर रहे थे। परंतु, 23 नवंबर की रात पुलिस प्रशासन द्वारा कहा गया कि अगले दिन 24 नवंबर को दोबारा सर्वे किया जाएगा। शाही जामा मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता ने कहा कि तारीख मुकम्मल हो चुकी है, दूसरे तारीख की क्या जरूरत है। दोबारा सर्वे के दौरान मुस्लिम समुदाय ने फिर धैर्य रखा। लेकिन, जब एक घंटे के बाद जनता को सूचना मिली तो वो इकट्ठा होना शुरू हुए। लोगों ने सर्वे का कारण जानना चाहा, तो अधिकारियों ने उनके साथ गाली-गलौज की और लाठी जार्च करवाकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया। इसका विरोध करते हुए चंद लोगों ने पत्थर चलाए।”

सपा प्रमुख ने कहा, “जिसके बदले में पुलिस के सिपाही से लेकर अधिकारियों ने सरकारी और अपने प्राइवेट हथियारों से गोलियां चलाई। जिसका वीडियो रिकॉर्डिंग भी है, जिसके एवज में दर्जन लोग घायल हो गए है। पांच मासूम, दो अपने घर से सामान लेने के लिए निकले थे। उनकी मृत्यु हो गई। संभल का माहौल बिगाड़ने में याचिका दायर करने वाले लोगों के साथ पुलिस और प्रशासन के लोग जिम्मेदार हैं।

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